भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए तीसरे और आखिरी टी20 मुकाबले में न्यूजीलैंड को 73 रनों से हार का सामना करना पड़ा. इस मैच में वेंकटेश के प्रदर्शन की बात करें तो वेंकटेश अय्यर ने अपने तीन ओवरों के स्पेल में सिर्फ 12 रन देकर एक विकेट चटकाया. उन्हें इस मैच में ऑलराउंडर के तौर पर शामिल किया गया था.
भाजपा-कांग्रेस की कलह के बीच AAP का नया प्लान: राजस्थान में ताकत बढ़ाएंगे केजरीवाल; तीसरा विकल्प बनने की जुगत में
राजस्थान में भाजपा-कांग्रेस के नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई और दोनों पार्टियों में खेमेबंदी के बीच आम आदमी पार्टी अपनी जड़ें जमाने की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस में सत्ता की लड़ाई जहां सबके सामने है, वहीं बीजेपी में भी अंदरखाने संघर्ष जारी है।
ऐसे में आपसी गुटबाजी के इस संघर्ष को आम आदमी पार्टी एक सुनहरे मौके की तरह देख रही है। यही वजह है कि पिछले दिनों कांग्रेस में सामने आए गहलोत-पायलट के संघर्ष के बाद आम आदमी पार्टी ने खुद को राजस्थान में और ज्यादा सक्रिय कर लिया है।
आम आदमी पार्टी इसी महीने राजस्थान में अपने संगठन का विस्तार करने जा रही है। अगले एक-दो सप्ताह में राजस्थान में आम आदमी पार्टी कार्यकारिणी का गठन करेगी। इसके लिए 7 अक्टूबर को एक समीक्षा बैठक होने जा रही है।
क्या हार्दिक पांड्या के विकल्प बन सकते हैं वेंकटेश अय्यर?
इंडियन क्रिकेट टीम के खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर (Venkatesh Iyer) को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए टी20 सीरीज के शुरुआती मैचों में गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला. न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए दूसरे टी20 मुकाबले में भी उन्होंने गेंदबाजी नहीं की थी. जिसके बाद यह सवाल उठाया गया कि वेंकटेश अय्यर से गेंदबाजी क्यों नहीं कराई जा रही है, साथ ही दूसरी तरफ यह भी बताया जा रहा है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्हें नंबर-3 पर बल्लेबाजी के लिए भेजना भारत की भविष्य की प्लानिंग को दर्शाता है.
दरअसल वेंकटेश अय्यर को हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.
मैच्योरिटी पीरियड में किसमें है भविष्य बनाम विकल्प ज्यादा सहूलियत
PPF की अवधि 15 वर्षों की होती है. अकाउंट खोलने से 5 वर्ष होने के बाद आप कुछ पैसा निकाल सकते हैं. हालांकि, इसमें वर्तमान वर्ष से पिछले वित्तीय वर्ष के अंत तक अकाउंट भविष्य बनाम विकल्प का 50 फीसदी बैलेंस या चौथे वित्तीय वर्ष के अंत में मौजूदा अकाउंट बैलेंस का 50 फीसदी राशि निकल सकते है.
वहीं, NPS की मैच्योरिटी पीरियड 60 वर्ष की आयु में होता है. इसमें अकाउंट खोलने के तीन साल बाद आप अपने योगदान का 25 फीसदी तक निकाल सकते हैं. आप NPS से ऐसी केवल तीन बार राशि निकाल सकते हैं. आप अपनी इच्छानुसार 70 वर्ष की आयु तक बढ़ा सकते हैं.
सिक्योरिटी
NPS में रिटर्न की गारंटी नहीं है. इसलिए निवेश की दृस्टि से यह सुरक्षित नहीं. NPS रिटर्न पेंशन फंड मैनेजरों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. इसलिए, अगर आप अपने मैनेजर भविष्य बनाम विकल्प के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हो तो मैनेजर को बदल सकते है. PPF रिटर्न सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है. इसकी राशि का उपयोग सरकार द्वारा भी किया जाता है. इसलिए इसमें जोखिम बहुत काम होते है. यहां डिफ़ॉल्ट रूप से लगभग कोई जोखिम नहीं उठाता है.
नेशनल पेंशन सिस्टम में अभी 8 फंड मैनेजर हैं, जो निवेश के लिए 60 फीसदी तक इक्विटी का विकल्प चुन सकते हैं. योजना लंबी अवधि की है. इसलिए लॉन्ग टर्म में देखें, तो डेट में निवेश से औसतन 6 से 7 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. दूसरी ओर अभी पीपीएफ में सालाना 7.1 फीसदी ब्याज मिलता है. अगर आप पूरे मेच्योरिटी पीरियड तक इसे जारी रखते हैं, तो 15 साल बाद इसी ब्याज के हिसाब से आपका पैसा मेच्योर होगा.
टैक्स में छूट
PPF अकाउंट में प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 के तहत टैक्स में छूट मिलती है. इसके साथ ही, इसमें प्राप्त ब्याज भी टैक्स फ्री है. PPF मैच्योरिटी राशि को भी टैक्स से छूट प्राप्त है. इस तरह से PPF पूरी तरह से टैक्स फ्री है.
NPS में निवेश करने से 1.5 लाख रुपये तक भविष्य बनाम विकल्प का टैक्स फ्री है. हालांकि, यह आपके वेतन के 10 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता है. NPS बैलेंस राशि का 40 फीसदी टैक्स फ्री किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए अन्य 40 फीसदी राशि को अनिवार्य रूप से एन्युटी (मासिक आय) खरीदने के लिए उपयोग किया जाना होगा. यह एन्युटी टैक्सेबल होती है. बाकी बचे 20 फीसदी को टैक्स का भुगतान करने के बाद वापस लिया जा सकता है या एन्युटी खरीदने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
Diesel-Petrol का विकल्प बनेगा बायो-CNG, तेल के बढ़ते दाम देखकर तगड़ा निवेश करने की तैयारी में भारत
Reported By: |नीलेश मिश्र | Updated: Jul 16, 2022, 01:10 PM IST
डीएनए हिंदी: संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 2030 के लिए सतत विकास (Sustainable Development) के कुछ लक्ष्य तय किए हैं. इन लक्ष्यों में हर व्यक्ति के लिए स्वस्थ जीवन और सभी वर्ग के लोगों की बेहतर सेहत का टारगेट रखा गया है. डीजल-पेट्रोल (Diesel-Petrol) और अन्य ईंधनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए बायो सीएनजी (Bio-CNG) को भविष्य के ईंधन के रूप में देखा जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि कम्प्रेस्ड बायोगैस यानी CBG आने वाले समय में भारत समेत दुनिया की ईंधन खपत का मुख्य हिस्सा बन जाएगा. इससे न सिर्फ़ ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने में मदद मिलेगी बल्कि लोगों को होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी निजात मिल सकेगी.
Tesla Model X बनाम Lamborghini Urus: जानिये दुनिया की सबसे तेज़ कार्स की रेस में कौन बना विजेता
फ़िलहाल दुनियाभर के ऑटो उद्योग के सामने सबसे बड़ा सवाल इलेक्ट्रिक कार्स के भविष्य को लेकर है. जहाँ कई विशेषज्ञों और कार प्रेमियों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल कार्स ही सबसे बेहतर विकल्प हैं वहीँ पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को देखते हुए इलेक्ट्रिक कार्स के भविष्य को नकारा नहीं जा सकता. कार प्रेमियों को इलेक्ट्रिक कार्स से सबसे बड़ी शिकायत यह है कि इनमें V8 या V10 जैसे शक्तिशाली इंजन के अनुभव का एहसास नहीं मिलता.
अपने नवीनतम विडियो में DragTimes ने Lamborghini Urus और Tesla Model X के बीच आमने-सामने का मुक़ाबला करवाया. आइये देखते हैं यह विडियो और जानते हैं कि इनमें से सबसे दमदार कार कौन सी है.
इस रेस के कुल 4 चरण आयोजित किये गए थे और इन दोनों SUVs ने 2-2 चरणों में सफलता हासिल की. आखिरी चरण में दोनों कार्स के 20 मील प्रति घंटे की रफ़्तार पकड़ने के बाद रेस शुरू की गयी और इसमें Tesla ने अपनी प्रतिद्वंद्वी Urus को काफी पीछे छोड़ दिया. जैसा कि आप में कई लोग जानते होंगे, रफ़्तार पकड़ने के मामले में इलेक्ट्रिक कार्स का कोई सानी नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी कार्स का संचालन करने वाली बैटरी शुरू से ही सामान टॉर्क पैदा करती हैं और उन्हें किसी भी प्रकार का ईधन इस्तेमाल नहीं करना पड़ता. दूसरी और Lamborghini Urus में आपको पारंपरिक V8 इंजन मिलता है जिसमें ईधन के जलने पर ही पॉवर और टॉर्क पैदा होती है.
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