फॉरवर्ड फॉरेक्स मार्केट में, दो पार्टियां किसी निश्चित तिथि पर किसी निश्चित मूल्य पर किसी मुद्रा की एक निश्चित मात्रा में खरीदने या बेचने के लिए अनुबंध में प्रवेश करती हैं।

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मुद्रा किसे कहते है

मुद्रा किसे कहते है आर्थिक प्रणाली में मुद्रा का केवल एक मौलिक कार्य है – वस्तुओ तथा सेवाओं के लेन – देन को सरल बनाना । जी हाँ दोस्तों आज के पोस्ट में हम बात करने वाले है मुद्रा किसे कहते है क्या रोल होता है हमारे जीवल में मुद्रा का मुद्रा प्रचलन आज से नहीं बल्कि हर युग होते रहा है । चाहे प्राचीन कल हो या मध्य कल हो या फिर आज का आधुनिक कल हो ऐ हमेसा से प्रचलन में चलते आरा रहा है । वस विनिमय का तरीका अलग था ।

मुद्रा ने समाज में विभिन्न प्रकार के कार्य करके आर्थिक विकाश को सम्भव बनाया है । आर्थिक प्रणाली में मुद्रा का केवल एक मौलिक कार्य है – वस्तुओ तथा सेवाओं के लेन – देन को सरल बनाना इसमें बैंको का विशेष योगदान होता है , साथ ही वित्तीय संस्थान समाज में मुद्रा के सहविभाजन में पूर्ण सहयोग प्रदान करते है ।

मुद्रा

मुद्रा की उत्पत्ति विनिमय के माध्यम के रूप में हुई है। अतः वस्तु जो विनिमय के माध्यम का कार्य करती है, वह मुद्रा कहलाती है अर्थात् मुद्रा (Currency) वह वस्तु है, जो सभी प्रकार के लेन-देन में भुगतान के माध्यम के रूप में प्रयुक्त होती है अर्थात् यह एक शक्तिशाली वस्तु है, जो भुगतान के माध्यम के रूप में पूर्णतया स्वीकृत है।

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मुद्रा का निर्गमन केन्द्रीय बैंक व सरकार द्वारा किया जाता है। मुद्रा का अभिप्राय मात्र नोटों व सिक्कों से न होकर उन सभी वस्तुओं से हैं, जो भुगतान के रूप में सामान्यतः स्वीकार की जाती हैं।

मुद्रा के दो प्रकार होते है

1. वैधानिक मुद्रा (Legal Currency) वह मुद्रा है, जिसका निर्गमन सरकार या रिजर्व बैंक द्वारा एक विधान के अन्तर्गत किया जाता है, जिसमें रिजर्व बैंक धारक को उतनी रकम अदा करने का वचन देता है।

Mudra kya hai in hindi : मुद्रा का इतिहास, कार्य, परिभाषा

Mudra kya hai in hindi : आज के इस रोचक लेख में आपका स्वागत है. मुद्रा क्या है- इस प्रश्न से हम सभी परिचित हैं क्योंकि प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हम सभी मुद्रा का प्रयोग प्रतिदिन करते हैं.

इसके बिना हमारा काम नहीं चल सकता है. हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतू विनिमय (exchange) करते हैं जो मुद्रा के माध्यम से ही किया जाता है.

दुनिया में जितने भी देश हैं उन देशों की सरकारी व्यव्स्थाओं द्वारा मुद्रा बनाई जाती है. हमारा देश भारत की मुद्रा रुपया व पैसा के नाम से जाना जाता है. मुद्रा की परिभाषा क्या है?

इसकी चर्चा हम आगे करेंगे किन्तु एक बात मैं यहाँ निश्चित कर देना चाहता हूँ की इसकी कोई एक निश्चित परिभाषा नहीं है. विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा भिन्न – भिन्न परिभाषाओं से मुद्रा को परिभाषित किया गया है.

Mudra kya hai in hindi

प्रारंभ में जब सभ्यता इतनी विकसित नहीं थी, छोटे – छोटे राज्य हुआ करते थे तब विनिमय का माध्यम एक वस्तु के बदले दूसरा वस्तु हुआ करता था. किसी भी प्रकार का मुद्रा का उपयोग नहीं किया जाता था.

आप कोई एक वस्तु दीजिये और बदले में जरुरत की कोई दूसरी वस्तु ले लीजिये.

कालांतर में जब सभ्यताएं विकसित हुई, जरूरतें बढ़ने लगी तो वस्तु के बदले वस्तु वाला विनिमय प्रणाली के कारण मुश्किलें बढ़ने लगी. कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है फलस्वरूप इस मुश्किल के हल हेतू मुद्रा का जन्म हुआ.

इतिहासकारों को यह बता पाना कठिन है की प्रारंभ में मुद्रा का जन्म किसके द्वारा किया गया था. अनुमान मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या‌ है? यह लगाया जाता है की व्यापारियों के द्वारा सर्वप्रथम आदान – प्रदान की सुविधा हेतु सिक्कों का निर्माण किया गया था. धीरे – धीरे मुद्रा प्रचलन में आया और राज्यों के पूर्ण नियंत्रण में हो गया.

मुद्रा के बारे में रोचक तथ्य

  • मुद्रा (Currency) केंद्र सरकार के द्वारा नोटों और सिक्कों के रूप में छापा जाता मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या‌ है? है.
  • वर्तमान समय में मुद्रा को हटाकर किसी भी अर्थव्यवस्था की कल्पना आप नहीं कर सकते हैं.
  • भारतीय रुपया का कोड – INR है.
  • इसका जारीकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक है.
  • आईआईटी गुवाहाटी के प्रोफेसर डी उदय कुमार के द्वारा मुद्रा का प्रतिक चिन्ह ( ) डिजाईन किया गया था.
  • सर्वप्रथम रुपया शब्द का प्रयोग शेर शाह सूरी ने भारत में अपने शासन के दौरान किया था.
  • अब 1, 2, 3, 5, 10, 20 और 25 पैसे के सिक्के वैध नहीं हैं क्योंकि इन मूल्यवर्ग के सिक्कों को 30 june 2011 से संचलन से वापस ले लिए गये हैं.
  • भारतीय नोटों पर उसकी कीमत 15 भाषाओं पर लिखी जाती है और अंग्रेजी और हिंदी को मिलाकर यह भाषा 17 हो जाती है.

मुद्रा के कार्य

मुद्रा धन का वह रूप होता है जिससे हम अपने दैनिक जीवन में क्रय – विक्रय करते हैं, जो कागज और सिक्के दोनों रूपों में आते हैं. मुद्रा के कार्यों में यह विनियमन का माध्यम है जिसके द्वारा विनिमय (exchange) किया जाता है.

भविष्य के लिए धन का संचय करना जरुरी है जो हम सभी मुद्रा के रूप में संचय आसानी से करते हैं. अर्थात हम कह सकते हैं की मुद्रा धन संचय का कार्य करता है.

इसका उपयोग मूल्य के मापक के रूप में भी किया जाता है. ऋणों का भुगतान करने के लिए भी मुद्रा का उपयोग किया जाता है. अतः हम कह सकते हैं की कोई भी ऐसी वस्तु जो विनिमय का माध्यम, धन संचय, मूल्य का मापक तथा ऋणों के भूगतान के रूप में स्वीकार किये जाते हों मुद्रा कहलाता है.

भारतीय सिक्के/नोट कहाँ छापे जाते हैं?

कागज़ के नोट निम्नलिखित प्रिंटिंग प्रेस में छापे जाते हैं –

सिक्के निंम्नलिखित टकसालों में ढाले जाते हैं –

मुद्रा के बारे में रोचक तथ्य

  • मुद्रा (Currency) केंद्र सरकार के द्वारा नोटों और सिक्कों के रूप में छापा जाता है.
  • वर्तमान समय में मुद्रा को हटाकर किसी भी अर्थव्यवस्था की कल्पना आप नहीं कर सकते हैं.
  • भारतीय रुपया का कोड – INR है.
  • इसका जारीकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक है.
  • आईआईटी गुवाहाटी के प्रोफेसर डी उदय कुमार के द्वारा मुद्रा का प्रतिक चिन्ह ( ) डिजाईन किया गया था.
  • सर्वप्रथम रुपया शब्द का प्रयोग शेर शाह सूरी ने भारत में अपने शासन के दौरान किया था.
  • अब 1, 2, 3, 5, 10, 20 और 25 पैसे के सिक्के वैध नहीं हैं क्योंकि इन मूल्यवर्ग के सिक्कों को 30 june 2011 से संचलन से वापस ले लिए गये हैं.
  • भारतीय नोटों पर उसकी कीमत 15 भाषाओं पर लिखी जाती है और अंग्रेजी और हिंदी को मिलाकर यह भाषा 17 हो जाती है.

मुद्रा के कार्य

मुद्रा धन का वह रूप होता है जिससे हम अपने दैनिक जीवन में क्रय – विक्रय करते हैं, जो कागज और सिक्के दोनों रूपों में आते हैं. मुद्रा के कार्यों में यह विनियमन का माध्यम है जिसके द्वारा विनिमय (exchange) किया जाता है.

भविष्य के लिए धन का संचय करना जरुरी है जो हम सभी मुद्रा के रूप में संचय आसानी से करते हैं. अर्थात हम कह सकते हैं की मुद्रा धन संचय का कार्य करता है.

इसका उपयोग मूल्य के मापक के रूप में भी किया जाता है. ऋणों का भुगतान करने के लिए भी मुद्रा का उपयोग किया जाता है. अतः हम कह सकते हैं की कोई भी ऐसी वस्तु जो विनिमय का माध्यम, धन संचय, मूल्य का मापक तथा ऋणों के भूगतान के रूप में स्वीकार किये जाते हों मुद्रा कहलाता है.

भारतीय सिक्के/नोट कहाँ छापे जाते हैं?

कागज़ के नोट निम्नलिखित प्रिंटिंग प्रेस में छापे जाते हैं –

सिक्के निंम्नलिखित टकसालों में ढाले जाते हैं –

विदेशी मुद्रा व्यापार कैसे काम करता है

हिंदी

सबसे पहले, यह समझना जरूरी है कि विदेशी मुद्रा बाजार क्या है। विदेशी मुद्रा या विदेशी मुद्रा बाजार वह जगह है जहां एक मुद्रा का दूसरे के लिए कारोबार किया जाता है। यह दुनिया के सबसे सक्रिय रूप से कारोबार किए गए वित्तीय बाजारों में से एक है। वॉल्यूम इतने विशाल हैं कि वे दुनिया भर के शेयर बाजारों में सभी संयुक्त लेनदेन मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या‌ है? से अधिक हैं।

विदेशी मुद्रा बाजार की एक वैश्विक पहुंच है जहां दुनिया भर से खरीदार और विक्रेता व्यापार के लिए एक साथ आते हैं। ये व्यापारी एक दूसरे के बीच सहमत मूल्य पर धन का आदान प्रदान करते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति, कॉर्पोरेट और देशों के केंद्रीय बैंक एक मुद्रा का दूसरे में आदान-प्रदान करते हैं। जब हम विदेश यात्रा करते हैं, तो हम सभी विदेशी देश की कुछ मुद्रा खरीदते हैं। यह अनिवार्य रूप से एक विदेशी मुद्रा लेनदेन है।

विदेशी मुद्रा व्यापार कैसे करें?

अब जब आप जानते हैं कि विदेशी मुद्रा व्यापार कैसे काम करता है, तो मुद्रा व्यापार करने के लिए तीन अलग-अलग प्रकार के विदेशी मुद्रा बाजारों को समझना आवश्यक है।

स्पॉट मार्केट:

यह एक मुद्रा जोड़ी के भौतिक आदान-प्रदान को संदर्भित करता है। एक स्पॉट लेनदेन एक ही बिंदु पर होता है – व्यापार को ‘स्पॉट’ पर बसाया जाता है। ट्रेडिंग एक संक्षिप्त अवधि के दौरान होता है। मौजूदा बाजार में, मुद्राएं मौजूदा कीमत पर खरीदी और बेची जाती है। किसी भी अन्य वस्तु की तरह, मुद्रा की कीमत आपूर्ति और मांग पर आधारित होती है। मुद्रा दरें अन्य कारकों से भी प्रभावित होती हैं जैसे ब्याज दरों, अर्थव्यवस्था की स्थिति, राजनीतिक स्थिति, दूसरों के बीच अन्य। एक स्पॉट सौदे में, एक पार्टी किसी अन्य पार्टी को एक विशेष मुद्रा की एक निश्चित राशि प्रदान करती है। बदले में, यह एक सहमत मुद्रा विनिमय दर पर दूसरी पार्टी से एक और मुद्रा की एक सहमत राशि प्राप्त करता है।

विदेशी मुद्रा व्यापार भारत में कैसे करें:

अब जब हमने मुद्रा व्यापार की मूल बातें देखी हैं, तो हम भारत में मुद्रा व्यापार करने के तरीके के बारे में और बात करेंगे।

भारत में, बीएसई और एनएसई मुद्रा वायदा और विकल्पों में व्यापार करने की पेशकश करते हैं। यू एस डॉलर /भारतीय रुपया सबसे अधिक कारोबार वाली मुद्रा जोड़ी है। हालांकि, जब मुद्रा व्यापार की बात आती है तो अन्य अनुबंध भी लोकप्रिय हो रहे हैं। यदि आप एक व्यापारी जो मुद्रा बदलावों पर एक स्थान लेना चाहता है, तो आप मुद्रा वायदा में व्यापार कर सकते हैं। मान लीजिए कि आप उम्मीद करते हैं कि अमेरिकी डॉलर जल्द ही भारतीय रुपए मुकाबले बढ़ जाएगा । आप तो अमरीकी डालर/ भारतीय रुपया वायदा खरीद सकते हैं। दूसरी ओर, यदि आप उम्मीद करते हैं कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले INR मजबूत होगा, तो आप यू एस डॉलर /भारतीय रुपया वायदा बेच सकते हैं।

हालांकि, यह समझने की जरूरत है कि विदेशी मुद्रा व्यापार हर किसी के लिए नहीं है। यह उच्च स्तर के जोखिम के साथ आता है। विदेशी मुद्रा में व्यापार करने से पहले, अपने जोखिम की भूख को जानना आवश्यक है और इसमें आवश्यक स्तर का ज्ञान और अनुभव भी होना चाहिए। विदेशी मुद्रा में व्यापार करते समय, आपको पता होना चाहिए कि कम से कम शुरुआत में पैसे खोने का एक अच्छा डर बना रहता है।

मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या‌ है?

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का काम करती है। यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है। इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डी॰ सी॰, संयुक्त राज्य में है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष: उद्देश्य

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एवं मौद्रिक स्थिरता को बनाये रखने के उपाय करना तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विस्तार एवं पुनरुत्थान हेतु वित्तीय आधार उपलब्ध कराना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधाजनक बनाना है।

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