NPS Account : एनपीएस खाता इनेक्टिव होने पर फिर से करें एक्टिवेट, जानिए यह है सबसे आसान तरीका
अगर आप National Pension System के तहत NPS खाते का इस्तेमाल करते हैं और आपका खाता कहीं इनेक्टिव हो गया है, ऐसे में आप उसे बड़ी आसानी से फिर से एक्टिवेट कर सकते हैं. जानिए क्या है ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद तरीका.
NPS Account Reactivate: अगर आप अपने रिटायरमेंट के समय घर खर्च के लिए रेगुलर इनकम (Regular Income) पाना चाहते हैं, जिसके लिए आप निवेश करने का प्लान बना रहे हैं. ऐसे में सरकार की तरफ से कई तरह की योजनाएं चलाई जा ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद रही हैं. इसमें मुख्य रूप से आप नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) में निवेश कर सकते हैं. हालांकि इसमें निवेश की कोई सीमा नहीं है. आप जितना चाहे उतना निवेश कर सकते हैं. अगर आप इसमें निवेश करते हैं, तो कई बार ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है जब आपका अकाउंट इनेक्टिव हो जाता है, ऐसे में आप उसे फिर से एक्टिव करना चाहते है? तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. हम आपको सबसे आसान तरीका बताने जा रहे हैं.
NPS खाता हुआ 'फ्रीज'
अगर आपके एनपीएस खाते में ऑनलाइन लॉगइन करने में परेशानी हो रही है, आपका खाता 'फ्रीज' हो गया हो, तो ऐसे में आपका एनपीएस खाता और पीआरएएन (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) को 'इनेक्टिव' या 'फ्रोजन' मान लिया जाता है. इसके पीछे का कारण है कि, आप अपने खाते में सालाना न्यूनतम राशि जमा नहीं कर पाते है. ऐसे खाते को रीएक्टिवेट या अनफ्रीज करने के लिए आपको कुछ जरूरी काम करने होंगे.
देना होगा सब्सक्रिप्शन चार्ज
आपको NPS में रजिस्ट्रेशन के समय टियर I के लिए 500 रुपये और टियर II के लिए 1000 रुपये का न्यूनतम शुरुआती योगदान करना पड़ता है. इसके बाद खाते को एक्टिव रखने के लिए वार्षिक योगदान कुछ न कुछ करना होगा है. पैसा जमा नहीं करने के कारण आपका एनपीएस खाता बंद कर दिया जाता है. इसलिए आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आप खाते को कैसे री-एक्टिवेट किया जा सकता है.
ये है ऑफलाइन तरीका
ग्राहक को अपने टीयर I खाते में एक साल में न्यूनतम 6,000 रुपये जमा करने होते हैं. ऐसा नहीं करने पर आपका खाता लॉक हो जाएगा. खाते को अनफ्रीज करने के लिए, ग्राहक को फ्रीज अवधि के दौरान न्यूनतम ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद योगदान का कुल भुगतान करना होगा. साथ ही 100 रुपये का जुर्माना देना होगा. खाते को अनफ्रीज करने के लिए, आपको पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) पर जाकर आवश्यक शुल्क का भुगतान करना होगा. इसके बाद आपका खाता एक्टिव हो जाएगा.
ये है ऑनलाइन तरीका
ईएनपीएस खातों के लिए योगदान ऑनलाइन कर सकते हैं. जब एक साल में 500 रुपये का न्यूनतम भुगतान कर सकते हैं. तो एनपीएस फिर से एक्टिव हो जाएगा. आप किसी भी पीओपी-एसपी (प्वाइंट ऑफ परचेज सर्विस प्रोवाइडर) का उपयोग करके या ईएनपीएस से ऑनलाइन खाते को अनफ्रीज करने के लिए योगदान राशि जमा करा सकते हैं.
देना होगा जुर्माना
आपको टियर 1 / टियर 2 या दोनों खातों को अनफ्रीज करने पर 100 रुपये का जुर्माना देना होगा. चालू वित्त वर्ष के लिए 500 रुपये और फ्रीजिंग साल के लिए 100 रुपये का जुर्माना देना होगा. यदि योगदान राशि न्यूनतम अपेक्षित राशि से कम है, तो सीआरए सिस्टम अपलोड प्रोसेस के दौरान योगदान को अस्वीकार कर देगी.
कैसे होगा विदड्रॉल ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद
एनपीएस वेबसाइट के अनुसार, एनपीएस ट्रस्ट पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण का एक खास डिविजन है, जो भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन कार्य करता है. भारत में एनपीएस एक स्वैच्छिक पेंशन सिस्टम है. ग्राहक द्वारा खाते को फिर से एक्टिव करने पर लगने वाला जुर्माना जमा करना होगा. सीआरए लागू जुर्माना लगाकर खाते को अनफ्रीज किया जा सकता है.
Voter Id Card: चुनाव आयोग ने चलाया खास अभियान, बिना समय गवांए करें ये काम वरना हो जाएगा नुकसान
Voter Id Card: चुनाव आयोग आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने का खास अभियान चला रहा है। आयोग का दावा है कि इससे इलेक्टोरल रोल में डुप्लीकेसी से बचा जा सकेगा और चुनावों में धांधली रोकने ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद में भी मदद मिलेगी। हालांकि, यह लिंक करने की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वैच्छिक है। लिंक करने के लिए मतदाताओं को मजबूर नहीं किया जाएगा।
Voter Id Card को लिंक करने से क्या होगा फायदा
वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने के दो बड़े ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद फायदे होंगे। पहला तो ये कि एक व्यक्ति एक ही बार अपना नाम वोटर लिस्ट में दर्ज करवा सकेगा, इससे डुप्लीकेसी रुकेगीऔर फर्जी वोटर आईडी बनाने पर लगाम लगाई जा सकेगी।दूसरा ये कि देश में लाखों वोटर्स ऐसे हैं, जिनके नाम दो-तीन जगह की वोटर लिस्ट में हैं। ऐसे में न सिर्फ धांधली होती है, बल्कि वोटिंग प्रतिशत भी खराब होता है।
कैसे करें लिंक
आधार और वोटर आईडी को लिंक करने का काम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से हो सकता है. आप आधार केंद्र पर जाकर ऐसा करवा सकते हैं। या ऑनलाइन चुनाव आयोग की वेबसाइट और चुनावी पंजीकरण कार्यालयों में ऑनलाइन उपलब्ध आवेदन फॉर्म 6-बी भरना होगा। इसे वोटर हेल्पलाइन ऐप और राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर भी ऑनलाइन जोड़ा जा सकता है।
ऐसे करें घर बैठे Voter Id Card को लिंक
- इसके लिए सबसे पहले राष्ट्रीय वोटर्स सर्विस पोर्टल (NVSP) की आधिकारिक वेबसाइट (nvsp.in) पर जाएं।
- पोर्टल पर लॉग इन करें। अब होमपेज पर ‘मतदाता सूची में खोजें’ विकल्प का चयन करें।
- वोटर आईडी खोजने के लिए व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करें या EPIC नंबर और राज्य की जानकारी डालें।
- बाईं ओर एक विकल्प दिखाई देगा, जिसमें फीड आधार नंबर लिखा होगा, इसपर क्लिक करें।
- इसके बाद एक नई विंडो खुलेगी, जिसमें आपसे आधार की जानकारी दर्ज करने के लिए कहा जाएगा।
- आधार की जानकारी दर्ज करने के बाद आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
- ओटीपी दर्ज करने के बाद सबमिट कर दें।
आधार से लिंक ना होने पर क्या है नियम
इस कानून में साफ लिखा है कि इलेक्टोरल लिस्ट में शामिल हर व्यक्ति को वोटर आईडी से आधार कार्ड लिंक करवाना जरूरी है. लेकिन, इसमें ये भी साफ लिखा है कि अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है तो उसे इलेक्टोरल लिस्ट से बाहर नहीं किया जा सकता है यानी, उसे वोट देने से नहीं रोका जा सकता।
आधार नहीं होने कि स्थिति में देनी होगी ये आईडी
आधार नहीं होने की स्थिति में मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक पासबुक, हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्यूमेंट या सर्विस आईडी कार्ड वैगरह देना होगा। इस संबंध में इसी साल मई में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा था वोटर आईडी से आधार लिंक करवाना स्वैच्छिक होगा हालांकि, जो लोग वोटर आईडी से आधार को लिंक नही करना चाहते उनको इसका कोई ठोस कारण बताना होगा।
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