इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर अपना ध्यान केंद्रित करने के बाद से डॉ. कलईसेल्वी ने साल 2015 से भारत के ई-मोबिलिटी के क्रियान्वयन के लिए कई प्रोजेक्ट और मीटिंग में हिस्सा लिया। उन्होंने नवीन और नवीनीकरण उर्जा मंत्रालय के मोबिलिटी मिशन कॉन्सेप्ट नोट में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके अलावा नैशनल मिशन फॉर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (एनएमईएम) की टेक्निकल रिपोर्ट के संकलन में सीएसआईआर-सीईसीआरआई की ओर से मुख्य भूमिका निभाई है। यह उनकी एक बड़ी उपलब्धियों में से एक हैं। हाल ही में उन्होंने जून 2022 में सीएसआईआर-नैशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (सीएसआईआर-एनएएल) के निदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला है।
डॉ. नल्लथंबी कलईसेल्वीः सीएसआईआर के 80 साल के इतिहास में पहली महिला महानिदेशक
डॉ. नल्लथंबी कलईसेल्वी ने विज्ञान के कार्यक्षेत्र में एक और बाधा पार करते हुए सीएसआईआर के महानिदेशक के पदभार को संभाल कर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया हैं। इस पद पर पहुंचने वाली वाली वह पहली महिला हैं।
विज्ञान और तकनीक का क्षेत्र पुरुषों का माना जाता रहा है। यही वजह है कि आज भी विज्ञान के क्षेत्र में महिलाएं अपने प्रतिनिधित्व, शोधकार्य, और उपलब्धियों के लिए संघर्ष कर रही हैं। वर्तमान में भी विज्ञान के क्षेत्र की संस्थाओं में कई पदों पर आज तक महिला वैज्ञानिक नियुक्त नहीं हुई हैं या पहली बार हो रही हैं। वैज्ञानिक सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के 80 साल के इतिहास में पहली बार किसी महिला वैज्ञानिक को महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है।
डॉ. नल्लथंबी कलईसेल्वी ने विज्ञान के कार्यक्षेत्र में एक और बाधा पार करते हुए सीएसआईआर के महानिदेशक के ओहदे को संभाल कर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। इस पद पर पहुंचने वाली वह पहली महिला हैं। वह 38 प्रयोगशालाओं और लगभग 4,500 वैज्ञानिकों का नेतृत्व करेंगी। केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जारी पत्र के अनुसार वह इस पद पर दो साल के लिए नियुक्त की गई हैं।
सीएसआईआर मिशन परियोजनाएं
सीएसआईआर की मिशन परियोजनाएं (एमएमपी) सीएसआईआर की विभिन्न प्रयोगशालाओं और बाहरी संस्थानों में उपलब्ध श्रेष्ठ क्षमताओं के साथ तालमेल बैठाते हुए अभिनिर्धारित क्षेत्र में ठोस और सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां निरंतर प्रयास से क्रियान्वित की जा रही हैं । समन्वित और समय लक्षित प्रयास सीएसआईआर को वैज्ञानिक, औद्योगिक सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां और सामाजिक वस्तुओं को डिलिवर करने के लिए बौद्धिक अवरोध की सीमाएं पार करने में समर्थ बनाएंगे । एमएमपी के भीतर प्रत्येक परियोजना का स्पष्ट निश्चित उद्देश्य, क्षेत्र, एवं कार्यान्वयन समय सीमा और उपलब्धियां, साथ ही साथ महत्वपूर्ण परिणाम एवं सेवा स्तर होते हैं ।
CSIR लैब कहाँ- कहाँ स्थित हैं
भारत में CSIR की लैब या प्रयोगशालाएं भोपाल, रूड़की, हैदराबाद, लखनऊ, करईकुड़ी, पिलानी, मैसूर, कोलकाता, धनबाद, चेन्नई, दुर्गापुर, नई दिल्ली, चंडीगढ़, भावनगर, बेंगलुरु, पालमपुर, जम्मू-कश्मीर, देहरादून, भुवनेश्वर, पुणे, नागपुर, जोरहट, थिरुवनंतपुरम, गोवा और जमशेदपुर में स्थित हैं।
CSIR की संगठनात्मक सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां संरचना निम्नलिखित है:-
- अध्यक्ष : भारत के प्रधानमंत्री
- उपाध्यक्ष : भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री
- प्रबंधक निकाय (गवर्निंग बॉडी) : CSIR के महानिदेशक गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष होते हैं।
CSIR की मुख्य उपलब्धियां
CSIR की मुख्य उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:-
- 1950 में भारत की पहली सिंथेटिक दवा, सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां मेथाक्वालोन विकसित की;
- 1967 में स्वदेशी तकनीक पर आधारित पहला भारतीय ट्रैक्टर स्वराज विकसित किया;
- भारत का पहला समानांतर प्रसंस्करण कंप्यूटर, फ्लोसोल्वर बनाया;
- 14 सीटर विमान ‘सरस’ का डिजाइन तैयार किया;
- रक्षा उद्देश्यों के लिए सी.जी.सी.आर.आई. में ऑप्टिकल ग्लास विकसित किया;
- 2009 में सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां ह्यूमन जीनोम की सीक्वेंसिंग पूरी की;
- प्राकृतिक रूप से बीस वर्षों की तुलना में हफ्तों के भीतर बांस के फूलने की पहली सफलता हासिल की;
- सप्ताह में एक बार ली जाने वाली गैर-स्टेरायडल परिवार नियोजन गोली ‘सहेली’ का आविष्कार किया;
- अस्मोन नामक अस्थमा के लिए गैर-स्टेरायडल हर्बल गोली का आविष्कार किया; आदि।
निष्कर्ष
यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको “Council of Scientific and Industrial Research (CSIR)” से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है, जैसे कि CSIR क्या है, CSIR प्रयोगशालाएं और संगठनात्मक संरचना, CSIR की मुख्य उपलब्धियां, आदि।
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वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर)
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) एक समकालीन आरएंडडी संगठन है राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, पहुंच केन्द्रों और नवाचार भवनों के माध्यम से पूरे भारत में इसकी उपस्थिति है। यह संगठन विभिन्न एसएंडटी क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक आरएंडडी ज्ञानभंडार के लिए जाना जाता है।
एसआईआर विज्ञान व प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करता है इनमें रेडियो और अंतरिक्ष भौतिकी, समुद्र विज्ञान, सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां भू-भौतिकी, रसायन, औषधि, जैव प्रौद्योगिकी और नैनो प्रौद्योगिकी सेलेकर खनन, एयरोनॉटिक्स, उपकरण, पर्यावरण इंजीनियरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी तक शामिल हैं। सामाजिक प्रयासों के विभिन्न क्षेत्रों जैसे पर्यावरण, स्वास्थ्य, पेयजल, भोजन, आवास, ऊर्जा, खेल और गैर-कृषि क्षेत्रों में यह संगठन उल्लेखनीय प्रौद्योगिकी की सहायता प्रदान करता है। इसके अलावा, एसएंडटी मानव संसाधन विकास में सीएसआईआर की भूमिका उल्लेखनीय है।
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने “अंतर्राष्ट्रीय ओपन एक्सेस वीक-2022” मनाया
विद्वतापूर्ण प्रकाशनों के क्षेत्र में शोधकर्ताओं और प्रकाशकों के बीच निर्बाध पहुँच (ओपन एक्सेस) जागरूकता पैदा करने के लिए दुनिया भर में इंटरनेशनल ओपन एक्सेस वीक मनाया जाता है। इसे अक्टूबर के अंतिम पूर्ण सप्ताह के दौरान विश्व स्तर पर मनाया जाता है। सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां ओपन एक्सेस पब्लिशिंग के विभिन्न पहलुओं एवं अवसरों को उजागर करने के लिए ऐसी विभिन्न आउटरीच गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जिसमें वार्ता, सेमिनार, संगोष्ठी, या ओपन एक्सेस अधिदेश (मैंडेट) या ओपन एक्सेस में अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियों की घोषणा शामिल है। वर्ष 2022 में द इंटरनेशनल ओपन एक्सेस वीक का आयोजन उत्सव सीएसआईआर की महत्वपूर्ण उपलब्धियां अपने अपने पंद्रहवें वर्ष में प्रवेश कर गया है ।
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