इस इंडेक्स के इस्तेमाल से निवेश करने पर आपको क्रिप्टो एसेट्स के बारे में रिसर्च करने और चुनने का झंझट नहीं रहता.

IC15 क्या है(IC15 kya hai)? भारत में Cryptocurrency index के मायने

किसी भी देश में कंपनी के शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए एक्सचेंज होते हैं। जैसे अपने देश में सबसे अधिक प्रचलित BSE क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? और NSE स्टॉक एक्सचेंज हैं। इस BSE एक्सचेंज के अंतर्गत sensex एक क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? इंडेक्स है जिसके अंतर्गत टॉप 30 कंपनियों को शामिल किया जाता है। इसी प्रकार से nifty50 , bank nifty आदि शेयर बाजार में इंडेक्स के रूप हैं। देश में इन एक्सचेंजों पर नजर रखने का कार्य SEBI(Securities and Exchange Board of India) का है।

जिस प्रकार से शेयर बाजार के एक्सचेंज है उसी प्रकार से क्रिप्टोकरेन्सी की खरीद और बिकवाली के लिए crypto एक्सचेंज हैं किन्तु अभी तक देश में कोई क्रिप्टोकरेन्सी क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? इंडेक्स नहीं था। इस कमी को पूर्ण करने के लिए देश में IC15(IC15 kya hai) क्रिप्टोकरेन्सी इंडेक्स शुरू किया गया है। हालाँकि क्रिप्टोकरेन्सी को लेकर सरकार की तरफ से अभी कोई कानून नहीं बनाया गया।

IC15 क्या है?(IC15 kya hai)

यह देश का पहला क्रिप्टोकरेन्सी इंडेक्स है। जिसके अंतर्गत विश्व में ट्रेड होने वाली टॉप 15 क्रिप्टोकरेन्सी को उनकी मार्किट कैपिटलाइजेशन(Market capitalization) के आधार पर शामिल रखा जायेगा। इस इंडेक्स के आने से क्रिप्टोकरेन्सी के दिन के सेंटीमेंट को देखा जा सकेगा।

जिस प्रकार सेंसेक्स के बढ़ने और गिरने से उस दिन बाजार की बढ़ोत्तरी और गिरावट का अनुमान लगाया जाता है। उसी प्रकार से क्रिप्टो इंडेक्स भी क्रिप्टो बाजार के रुख को मोटे तौर पर समझाने का अच्छा प्रयास है।

किन किन बातों को शामिल किया गया है

IC15 को क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? ग्लोबल क्रिप्टोकरेन्सी सुपर एप्प क्रिप्टोवायर(Cryptowire) द्वारा लांच किया गया है। इसे रेगुलेट करने के लिए एक गवर्निंग समिति बनायीं जाएगी जिसे IGC कहा जायेगा। हर तीन महीने में इस इंडेक्स को बदला जायेगा जो डिजिटल करेंसी अच्छा कर रही होंगी उन्हें टॉप 15 में जोड़ा जायेगा एवं अच्छा न करने वाली करेंसी को इंडेक्स से बाहर कर दिया जायेगा। ऐसा करने के लिए क्रिप्टो बाजार के बहुत से फैक्टर्स को ध्यान में रखा जायेगा।

इस इंडेक्स की बेस डेट 1 अप्रैल 2018 और बेस वैल्यू को 10000 रखा गया है। इस इंडेक्स से अनुमान है कि यह क्रिप्टो बाजार का 80% भाग होगा।

क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स?

क्रिप्टो इंडेक्स को समझने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का उदाहरण लिया जा सकता है. आपने निफ्टी50 के बारे में जरूर सुना होगा. इसमें मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप 50 कंपनियों की लिस्ट है और यह उनके प्रदर्शन को ट्रैक करता है. निफ्टी50 चार्ट को देखकर यह आसानी से पता चल सकता है मार्केट की क्या स्थिति है. इससे इन 50 कंपनियों को अलग से ट्रैक करने की जरूरत नहीं रहती.

इसी तरह से क्रिप्टो इंडेक्स भी काम करते हैं और इनमें केवल क्रिप्टोकरेंसीज को शामिल किया जाता है. लोगों ने क्रिप्टो में निवेश को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है और इस वजह से इस सेगमेंट में इंडेक्स के अनुसार निवेश का कान्सेप्ट बढ़ रहा है.

अन्य इंडेक्स से CRE8 कैसे अलग है?

यह भारतीय ऑनशोर क्रिप्टो मार्केट के प्रदर्शन को मापने वाला पहला क्रिप्टो इंडेक्स है. यह भारतीय रुपये में क्रिप्टो एसेट्स के प्रदर्शन को मापने के लिए CoinSwitch के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता है.

क्रिप्टो से जुड़े अधिकतर इंडेक्स अमेरिकी हैं और इस वजह से इनमें भारतीय ऑनशोर क्रिप्टो मार्केट के प्राइसेज नहीं होते. इस कमी को CoinSwitch को CRE8 पूरा करता है और इससे भारतीय निवेशकों को एक बेहतर तरीके से मार्केट को देखने में मदद मिलती है.

CRE8 में मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से टॉप क्रिप्टो एसेट्स शामिल हैं

इंडेक्स में Bitcoin (BTC), Ethereum (ETH), Binance Coin (BNB), Ripple (XRP), Cardano (ADA), Solana (SOL), Polkadot (DOT) और Dogecoin (DOGE) को जगह दी गई है, जो पूरे क्रिप्टो मार्केट में लगभग 70 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखते हैं. CoinSwitch इस इंडेक्स को प्रत्येक महीने की 25 तारीख को रीबैलेंस करता है और प्रत्येक तिमाही में एक बार इसके स्ट्रक्चर में बदलाव होता है.

यह ऐसा इंडेक्स है जिसे प्रत्येक मिनट अपडेट किया जाता है, जिससे आपको वास्तविक समय का डेटा मिल सके. इसके साथ ही आपके लिए विशेषतौर पर मंदी के मार्केट में काम करने के लिए अधिक डेटा पॉइंट्स हैं.

Crypto Hacking: क्रिप्टो हैकिंग पर धमाकेदार खुलासा, निवेश से पहले जान लें और फिर बनाएं स्ट्रैटजी

Crypto Market: क्रिप्टो मार्केट में निवेश जोखिम भरा है और इसमें लगभग पूरा निवेश डूबने का भी रिस्क होता है। हालांकि भाव में शेयरों की तरह उतार-चढ़ाव के अलावा इसमें हैकिंग का भी रिस्क रहता है।

Crypto Hacking: क्रिप्टो मार्केट में निवेश जोखिम भरा है और इसमें लगभग पूरा निवेश डूबने का भी रिस्क होता है। हालांकि भाव में शेयरों की तरह उतार-चढ़ाव के अलावा इसमें हैकिंग का भी रिस्क रहता है। डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस टोटल वैल्यू लॉक्ड (DeFi TVL) एग्रीगेरेटर DeFiLlama के मुताबिक जनवरी 2020 से लेकर अक्टूबर 2022 तक 124 क्रिप्टो हैक हुए। इसमें 518 करोड़ डॉलर (42.5 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ।

हैंकिंग के चलते टोकन प्राइस औसतन 50 फीसदी तक गिर गए क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? और कुछ टोकन के भाव तो 99 फीसदी तक गिर गए। हालांकि खास बात यह है कि क्रैश होने के बाद कुछ मामलों में क्रिप्टो के भाव ने जबरदस्त वापसी की और पहले के भी मुकाबले क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? ऊपर उछल गए। हैकिंग और कीमतों पर इसके असर को लेकर DefiLlama ने एक रिपोर्ट तैयार की है जिससे निवेशक क्रिप्टो में निवेश से पहले अपनी स्ट्रैटजी तैयार कर सकते हैं।

पैनिक सेलिंग से बढ़ी मुसीबत

क्रिप्टो करेंसी (crypto) पर Tesla के यू-टर्न लेने के साथ ही चीन की सरकार ने भी क्रिप्टो करेंसी (crypto) में डील करने वाले संस्थानों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी थी। इन दोनों वजहों से क्रिप्टो करेंसी (crypto) में पेनिक सेलिंग शुरू हो गई। इस मौके पर बहुत से क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? निवेशकों ने crypto से मुनाफावसूली भी शुरू कर दी, जिससे क्रिप्टो मार्केट की स्थिति और बिगड़ गई। इस वजह से क्रिप्टो (crypto) के निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।

शानदार रिटर्न से चमकी आंख

पिछले 1 साल में क्रिप्टो (cryptocurrency) की कीमत में काफी तेजी आई है। इस वजह से निवेशकों की उम्मीदें काफी बढ़ गई है। जिन निवेशकों ने 1 साल पहले क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency) में निवेश किया था, उनका पैसा 10 गुना तक हो गया है। मई में बिटकॉइन (BitCoin) में आई कमजोरी के बाद भी 1 साल पहले की तुलना में इस से मिलने वाला रिटर्न करीब 400 फ़ीसदी रहा है। डॉगकॉइन (Dogecoin) जून 2020 के लेवल से 140 गुना पर कारोबार कर रहा है।मेटिक नेटवर्क (Matic) में 7000 फ़ीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है।

निवेश में हैं कई खतरे

आप भी क्रिप्टो करेंसी (crypto) में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो इसमें कई खतरे हैं। क्रिप्टो करेंसी (crypto) के भाव में काफी तेज उतार-चढ़ाव हो सकता है। भारत में नियामक ने क्रिप्टो (crypto) को मंजूरी नहीं दी है। इसके साथ ही साइबर सिक्योरिटी से संबंधित खतरे और क्रिप्टो करेंसी (crypto) का उपयोग करने को लेकर बनी अनिश्चितता की वजह से यह निवेशकों के बीच स्वीकार्यता नहीं पा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रिप्टो (crypto) पर प्रतिबंध लगाया हुआ है और उसने बैंकों और फिनटेक कंपनियों को कह दिया है कि वर्चुअल करेंसी (crypto) में डील करने वाली संस्थाओं को सेवा देना बंद कर दें।

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