डीमैट अकाउंट के नुकसान

डीमैट अकाउंट के नुकसान|Demat Account Disadvantages In Hindi

नमस्कार दोस्तो:आज तक आपने सिर्फ और सिर्फ डीमैट अकाउंट के फायदों के बारे में सुना होगा.लेकिन इस से होने वाले नुकसान के बारे में बहुत कम लोग बात करते है,इसलिए इसके बारे में जानकारी भी बहुत कम लोगो को होती है.तो आज के इस आर्टिकल में हम डीमैट अकाउंट के नुकसान बारे में बात करेंगे.तो चलिए आज का आर्टिकल शुरू करते है.

डीमैट अकाउंट के नुकसान

Table of Contents

डीमैट अकाउंट के नुकसान

दोस्तो ये बात सही है की डीमैट अकाउंट होने से इन्वेस्टर्स और ट्रेडर की लाइफ आसान हो चुकी है.लेकीन हर सिक्के के दो पेहलु होते है,अगर अच्छी बाते होती है,तो बुरी बाते भी होती है.तो क्या होते है डीमैट अकाउंट के नुकसान ? चलिए एक एक करके इसे समझ लेते है.

डीमैट अकाउंट के नुकसान

डीमैट अकाउंट के नुकसान

1.Annual Maintenance Charge.(AMC)

दोस्तो काफी सारे रिसर्च करके अगर आपने अपना डीमैट अकाउंट ओपन किया है,तो एक बाद याद रखे इस डीमैट अकाउंट को ओपन करने के बाद आपको इसके सालाना कुछ चार्जेस Paid करने होते है.और उन चार्जेस को Annual Maintenance Charge जिसे शॉर्ट में AMC बोला जाता है.

जीतने सालो तक आप इस डीमैट अकाउंट की सर्विस को यूज करोगे.उतने हर साल तक आपको ये चार्जेस Paid करने होते है.और ये AMC चार्जेस 300 रुपए से लेकर 800 रुपए तक हो सकते है,डिपेंड करता है आपके स्टॉक ब्रोकर के उपर.

2. Account Freezing

काफी लंबे दिनों तक अगर आपने अपने डीमैट अकाउंट में log In नही किया है,तो आपका डीमैट अकाउंट फ्रीज डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है किया जा सकता है.

तो इस प्रॉब्लम से बचने के लिए आपको अपने डीमैट अकाउंट को हर एक Specific Time के बाद log In करके चेक करते रेहना चाहिए.ताकि आपका डीमैट अकाउंट फ्रीज ना हो सके.डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है

3.Technology की जानकारी ना होना.

जब भी टेक्नोलॉजी की बात आती है,तो इसके सिर्फ फायदों को देखा जाता है,लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है,इसके नुकसान भी हो सकते है.

पहिले के टाइम क्या होता था सारे काम पेपर वर्क में हुआ करते थे जैसे की,शेयर को इश्यू करने के बाद शेयरहोल्डर (मतलब शेयर खरीदने वाला आदमी) को शेयर सर्टिफिकेट दिया जाता था.और ये शेयर सर्टिफिकेट सबूत था आपके ओनरशिप का.इसलिए इन सर्टिफिकेट को संभाल कर रखना भी एक चैलेंजिंग काम भी था.

लेकिन उस वक्त के लोगो को इसकी आदत लग चुकी थी, लेकिन अब जमाना डिजिटल हो चुका है.सब कुछ मोबाइल और कंप्यूटर पर एक क्लिक में हो जाता है.तो इस डिजिटल प्रोसेस को समझ ना उनके लिए थोड़ा डिफिकल्ट हो गया है.

डिजिटल जमाना होने के चलते अगर आपको टेक्नोलॉजी का नॉलेज नही है,तो आपको काफी सारे प्रॉब्लम्स को फेस करना पड़ सकता है जैसे की,

आज के जमाने में अगर आपको अपना पोर्टफोलियो चेक करना नही आता ऑनलाइन तरीके से,तो स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करना तो काफी दूर की बात है.

4.Additional Contract

दोस्तो कई बार क्या होता है,कुछ DP ( Depository Participate) को Dematorization की प्रोसेस को कंप्लीट करने के लिए अलग अलग स्टेजेस पर Additional Contract शामिल करने पड सकते है.जो इन्वेस्टर के Point Of You से एक कठिन प्रोसेस साबित हो सकती है.

5.डीमैट अकाउंट को चेक करते रहो.

किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास आपने अपना डीमैट अकाउंट ओपन किया है,तो आपके डीमैट अकाउंट की इनफॉर्मेशन उस ब्रोकर के पास भी होती है.इसलिए थोड़ा सावधान रहे.

क्युकी उन ब्रोकर के पास मार्केट को चलाने की पावर होती है.और एक डीमैट अकाउंट होल्डर होने के नाते आपको अपना डीमैट अकाउंट चेक करते रेहना चाहिए.ताकि डीमैट अकाउंट से कोई गलत लेनदेन (ट्रांजैक्शन) ना हो जाए.

वैसे नॉर्मली ऐसा नही होता,ब्रोकर्स को भी इस Competition के जमाने में अपना बिज़नस चलाना है,इसलिए वो बेस्ट से बेस्ट सर्विस अपने यूजर्स को देने की ट्राइ करते. लेकिन फिर भी सावधानी के लिए आपको अपनें डीमैट अकाउंट के ट्रांजैक्शन पर नजर रखना चाहिए.

Also Read:

डीमैट अकाउंट अच्छा है या बुरा ?

स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होती ही है.और इसके कई सारे फायदे है,लेकिन फायदे के साथ कुछ नुकसान भी होते जिसके बारे में मैंने उपर आपको बताया है.तो इन नुकसान को अगर छोड़ दिया जाए तो डीमैट अकाउंट एक अच्छी चीज है.

क्या डीमैट अकाउंट बनाना सुरक्षित है?

डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?

डीमैट अकाउंट के दो प्रकार है फुल सर्विस ब्रोकर और डिस्काउंट ब्रोकर आप इन मैसे किसी भी ब्रोकर के पास जाकर डीमैट अकाउंट ओपन कर सकते हो.

क्या डीमैट अकाउंट में खाता खोलना फ्री है ?

नॉर्मली डीमैट ओपन करने के लिए कुछ चार्ज देने होते है,मगर कुछ ब्रोकर ऑफर के चलते पहिले साल के लिए फ्री में डीमैट अकाउंट ओपन करवा कर देते है.

Conclusion

दोस्तो में उम्मीद करता हु आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (डीमैट अकाउंट के नुकसान) आपको पसंद आई होगी.आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल करके जरूर बताए.

अपने उन दोस्तो के साथ जरूर इस आर्टिकल को शेयर करो,जिन्हे Finance,Taxation, Economics और Stock Market के बारे में कुछ न कुछ नया सिखना अच्छा लगता है.और ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे वेबसाइट पर दोबारा जरूर विजिट करे.

दोस्तो एक जरूरी बात,अगर आपको हमारे वेबसाईट पर लिखे आर्टिकल पसंद आते है,और आप अपनी खुशी से हमारी टीम को कुछ Monetary Support करना चाहते हो,तो आप UPI ID ( vaibhav.t@ybl ) या फिर QR Codes के जरिए हमें सपोर्ट कर सकते हो.

What is Demat Account Meaning in Hindi

Groww App Kya H- Advantages and Disadvantages

आज के समय में शेयर बाजार में पैसा निवेश करना इतना आसान हो गया है की आप बस थोड़े समय में आप डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए बहुत से एप्लीकेशन उपलब्ध है ,लेकिन 1996 से पहले शेयर खरीदने और अकाउंट खुलवाना बहुत ही टेडी खीर थी ,आपको भौतिक (physical) रूप से जाकर डाक्यूमेंट्स देकर सारी प्रक्रिया में बहुत समय लगता था।

लेकिन डीमटीरिअलाईज़ेशन (dematerialisation) के आने के बाद सारा कार्य डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप से शुरू हो गया , जानते है What is Demat Account Meaning in Hindi.

डीमैट अकाउंट क्या है?

डीमटीरिअलाईज़ेशन (dematerialisation) का शॉर्ट नाम डीमैट है ,यह एक बैंक अकाउंट की तरह काम करता है ,जिसके माध्यम से आप भौतिक शेयरों और सिक्योरिटीज़ को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाता है ,इसमें आपके शेयर्स ,म्यूच्यूअल फंड्स ,गोवेर्मेंट बांड्स ,सिक्योरिटीज़ ,इ टी एफ,इन्शुरन्स आदि निवेशों के रिकार्ड्स को आसानी से रखा जाता है।

उदाहरण के लिए आपको एक किसी कमपनी के शेयर खरीदने है ,ये शेयर आपके नाम होने के लिए डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है कुछ डॉक्यूमेंटेशन होता है ,जो डीमटीरिअलाईज़ेशन (dematerialisation) से पहले भौतिक रूप से होता था मतलब आप जितनी बार शेयर खरीदोगे या बेचोगे आपको पेपर वर्क होता था ,इसी कागजी कार्यवाही को सरल बनाने के लिए भारत में एन एस सी पर बिज़नेस के लिए डीमैट खता की शुरुआत की।

आज के समय में कोई भी पेपर वर्क अनिवार्य नहीं है सारा काम ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक रूप से हो जाता है ,और इस सबको आसान बनाने में कुछ मोबाइल एप्लीकेशन का भी अच्छा सहयोग रहा है जिनके माध्यम से आप आसानी से कोई भी शेयर बाजार में कर सकते है। जानिए Best 5 Mutual Fund Apps 2022 in India Hindi

क्यों जरुरत पड़ती है शेयर बाजार में डीमैट अकाउंट की ?

डीमैट अकाउंट आपके द्वारा ख़रीदे गए शेयर्स ,म्यूच्यूअल फंड्स और अन्य सरकारी बांड्स को सुरक्षित रखने और आपके जितने भी ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटलमेन्ट के लिए यह बहुत अनिवार्य है , पेपर वर्क से भी आपको छुटकरा मिल जाता है। अगर आपको शेयर बाजार में निवेश करना है तो डीमैट ,ट्रेडिंग और सेविंग अकाउंट तीनो की जरुरत होती है। read more-What is Demat Account Meaning in Hindi

डीमैट खाते के प्रकार

डीमैट को हम मुख्य तीन प्रकार से देखते है।

  • Regular Demat account
  • Repatriable demat account
  • Non-repatriable demat account

Regular Demat Account

भारत में अधिकतर लोग रेगुलर डीमैट खातों का ही उपयोग करते है ,ये खाते सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) जैसे स्टॉकब्रोकर प्रदान करते है। इस खाते का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक उद्देश्य व्यापार संचालन को और भी आसान और सरल बनाना है। शेयरों की खरीदारी ,हस्तांतरण और बिक्री कुछ ही घंटों के बहुत काम समय में हो जाती है

  • निवेशकों को उनके निवेश में सुरक्षा प्रदान होती है
  • बाजार टिकटों और शेयरों की बिक्री पर प्रतिबंध जैसे अतिरिक्त शुल्कों को हटा दिया गया है, जिससे निवेशकों को अपनी मेहनत की कमाई बचाने में मदद मिली है।
  • यह कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को बिलकुल हटा देता है।

Repatriable Demat Account

इस तरह का अकाउंट अनिवासी भारत के उन लोगों के लिए होता है जो विश्व में कहीं से भी भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना चाहते है। यह खाता सभी अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए सही है क्यों की इससे आप अपने धन को विदेशों से स्थानांतरित कर सकते हो।
कोई एनआरआई अगर इस डीमैट अकाउंट को लेना चाहता है तो उसे संबद्ध एनआरई बैंक खाते की जरुरत पड़ेगी।
भारत में ,निवासी और अनिवासी (एनआरआई) दोनों इससे आसानी से शेयर बाजार में निवेश आकर सकते है। वहीँ एनआरआई को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के नियमों का पालन करना पड़ेगा।

Repatriable Demat Account खोलने के लिए, एक एनआरआई को पैन कार्ड, पासपोर्ट, वीजा, विदेशी पते के प्रमाण जैसे रेंटल/लीज एग्रीमेंट, उपयोगिता बिल, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, एनआरई/एनआरओ खाते के रद्द किए गए चेक लीफ की एक प्रति बनानी चाहिए।
और इन सरे डाक्यूमेंट्स का उन्हें उस देश के भारतीय दूतावास में सत्यापित किया जाना चाहिए जहां एनआरआई रहता है।

Non-repatriable demat Account

यह Repatriable Demat Account के जैसा ही है यह NRI भारतियों के लिए भी है ,लेकिन इसमें NRI को विदेश में फंड ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं है क्योंकि इसके लिए एनआरओ बैंक खाते की आवश्यकता होती है। जिन NRI की भारत और विदेशों दोनों में कमाई के जरिये है और उसके पास एनआरई और एनआरओ दोनों खाते हैं, तो उन्हें बिल्कुल भी पैसे भेजने में कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।

How to open demat account in Hindi

डीमैट अकाउंट आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से खुलवा सकते है ,

ऑफलाइन में आपको जिस ब्रोकर से अकाउंट खुलवाना है उसके ऑफिस जाना होगा और अपने डाक्यूमेंट्स का सत्यापन करके आप ऑफलाइन डीमैट अकाउंट आसानी से खोल सकते है

  • आवेदन पत्र
  • केवाईसी आवश्यकताएं
  • आवेदक की फोटो
  • पैन कार्ड की कॉपी
  • पहचान प्रमाण-Aadhaar Card
  • निवास प्रमाण – पत्र

कुछ फीस भी लगेगी उसे देकर आप खाता चालू करा सकते है।

ऑनलाइन

ऑनलाइन डीमैट खुलवाना ऑफलाइन से भी आसान है बहुत सरे प्लेटफार्म आपको इसकी सुविधा देते है ,जैसे Groww app ,Zerodha etc डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है इनकी मदद से आप बहुत ही कम समय में kyc पूरा करके अपना निवेश शुरू कर सकते है।

डीमैट अकाउंट खोलने से क्या फायदा होता है?

डीमैट खाते के कुछ प्रमुख फायदे-

  • आपके निवेश के डॉक्युमेंट सुरक्षित रहते है।
  • फ्रॉड का जोखिम न के बराबर
  • बहुत ही कम समय में खाता खुल जाता है
  • डीमैट सिक्योरिटीज पर कोई टीडीएस नहीं
  • पारदर्शिता रहती है
  • लोन लेना आसान हो जाता है

सबसे अच्छा डिमैट अकाउंट कौन सा है?

आज के समय में दो डीमैट अकाउंट बहुत प्रचलन में है एक तो Groww app और ,Zerodha यही सबसे सस्ते दामों में डीमैट अकाउंट प्रदान करते है।

उम्मीद है आपको डीमैट के बारे में सब कुछ समझ आगया हो होगा ,इस टॉपिक Demat Account Meaning in Hindi को यही समाप्त करते है।

10 BEST Demat Account In India | भारत में 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट

10 BEST Demat Account In India

पहले के समय में पेपर वर्क के माध्यम से शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होता था। इसी को दूर करने के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) शुरू किया गया। डीमैट का मतलब ‘डीमैटरियलाइजेशन’ ‘dematerialization’ होता है। डीमैट अकाउंट (shares and securities) को डीमटेरियलाइज करता है, ताकि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जा सके और कहीं से भी डिजिटल रूप में खरीदा और बेंचा जा सके।

आज के समय में डीमैट अकाउंट (Demat Account) के बिना, आप शेयरों की खरीद-विक्री नहीं कर सकते और ना ही ट्रैडिंग कर सकते हैं। क्योंकि वर्ष 1996 में, Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि सभी निवेशकों के पास शेयरों में ट्रैडिंग करने के लिए एक डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है।

आज के इस पोस्ट में हम आपको 10 सबसे बेस्ट डीमैट अकाउंट के बारे में जानकारी देने ताकि आप तय कर सकें कि आपके जरूरत के अनुसार कौन सा सबसे अच्छा है।

डीमैट अकाउंट के नुकसान|Demat Account Disadvantages In Hindi

नमस्कार दोस्तो:आज तक आपने सिर्फ और सिर्फ डीमैट अकाउंट के फायदों के बारे में सुना होगा.लेकिन इस से होने वाले नुकसान के बारे में बहुत कम लोग बात करते है,इसलिए इसके बारे में जानकारी भी बहुत कम लोगो को होती है.तो आज के इस आर्टिकल में हम डीमैट अकाउंट के नुकसान बारे में बात करेंगे.तो चलिए आज का आर्टिकल शुरू करते है.

डीमैट अकाउंट के नुकसान

Table of Contents

डीमैट अकाउंट के नुकसान

दोस्तो ये बात सही है की डीमैट अकाउंट होने से इन्वेस्टर्स और ट्रेडर की लाइफ आसान हो चुकी है.लेकीन हर सिक्के के दो पेहलु होते है,अगर अच्छी बाते होती है,तो बुरी बाते भी होती है.तो क्या होते है डीमैट अकाउंट के नुकसान ? चलिए एक एक करके इसे समझ लेते है.

डीमैट अकाउंट के नुकसान

डीमैट अकाउंट के नुकसान

1.Annual Maintenance Charge.(AMC)

दोस्तो काफी सारे रिसर्च करके अगर आपने अपना डीमैट अकाउंट ओपन किया है,तो एक बाद याद रखे इस डीमैट अकाउंट को ओपन करने के बाद आपको इसके सालाना कुछ चार्जेस Paid करने होते है.और उन चार्जेस को Annual Maintenance Charge जिसे शॉर्ट में AMC बोला जाता है.

जीतने सालो तक आप इस डीमैट अकाउंट की सर्विस को यूज करोगे.उतने हर साल तक आपको ये चार्जेस Paid करने होते है.और ये AMC चार्जेस 300 रुपए से लेकर 800 रुपए तक हो सकते है,डिपेंड करता है आपके स्टॉक ब्रोकर के उपर.

2. Account Freezing

काफी लंबे दिनों तक अगर आपने अपने डीमैट अकाउंट में log In नही किया है,तो आपका डीमैट अकाउंट फ्रीज किया जा सकता है.

तो इस प्रॉब्लम से बचने के लिए आपको अपने डीमैट अकाउंट को हर एक Specific Time के बाद log In करके चेक करते रेहना चाहिए.ताकि आपका डीमैट अकाउंट फ्रीज ना हो सके.

3.Technology की जानकारी ना होना.

जब भी टेक्नोलॉजी की बात आती है,तो इसके सिर्फ फायदों को देखा जाता है,लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है,इसके नुकसान भी हो सकते है.

पहिले के टाइम क्या होता था सारे काम पेपर वर्क में हुआ करते थे जैसे की,शेयर को इश्यू करने के बाद शेयरहोल्डर (मतलब शेयर खरीदने वाला आदमी) को शेयर सर्टिफिकेट दिया जाता था.और ये शेयर सर्टिफिकेट सबूत था आपके ओनरशिप का.इसलिए इन सर्टिफिकेट को संभाल कर रखना भी एक चैलेंजिंग काम भी था.

लेकिन उस वक्त के लोगो को इसकी आदत लग चुकी थी, लेकिन अब जमाना डिजिटल हो चुका है.सब कुछ मोबाइल और कंप्यूटर पर एक क्लिक में हो जाता है.तो इस डिजिटल प्रोसेस को समझ ना उनके लिए थोड़ा डिफिकल्ट हो गया है.

डिजिटल जमाना होने के चलते अगर आपको टेक्नोलॉजी का नॉलेज नही है,तो आपको काफी सारे प्रॉब्लम्स को फेस करना पड़ सकता है जैसे की,

आज के जमाने में अगर आपको अपना पोर्टफोलियो चेक करना नही आता ऑनलाइन तरीके से,तो स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करना तो काफी दूर की बात है.

4.Additional Contract

दोस्तो कई बार क्या होता है,कुछ DP ( Depository Participate) को Dematorization की प्रोसेस को कंप्लीट करने के लिए अलग अलग स्टेजेस पर Additional Contract शामिल करने पड सकते है.जो इन्वेस्टर के Point Of You से एक कठिन प्रोसेस साबित हो सकती है.

5.डीमैट अकाउंट को चेक करते रहो.

किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास आपने अपना डीमैट अकाउंट ओपन किया है,तो आपके डीमैट अकाउंट की इनफॉर्मेशन उस ब्रोकर के पास भी होती है.इसलिए थोड़ा सावधान रहे.

क्युकी उन डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है ब्रोकर के पास मार्केट को चलाने की पावर होती है.और एक डीमैट अकाउंट होल्डर होने के नाते आपको अपना डीमैट अकाउंट चेक करते रेहना चाहिए.ताकि डीमैट अकाउंट से कोई गलत लेनदेन (ट्रांजैक्शन) ना हो जाए.

वैसे नॉर्मली ऐसा नही होता,ब्रोकर्स को भी इस Competition के जमाने में अपना बिज़नस चलाना है,इसलिए वो बेस्ट से बेस्ट सर्विस अपने यूजर्स को देने की ट्राइ करते. लेकिन फिर भी सावधानी के लिए आपको अपनें डीमैट अकाउंट के ट्रांजैक्शन पर नजर रखना चाहिए.

Also Read:

डीमैट अकाउंट अच्छा है या बुरा ?

स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होती ही है.और इसके कई सारे फायदे है,लेकिन फायदे के साथ कुछ नुकसान भी होते जिसके बारे में मैंने उपर आपको बताया है.तो इन नुकसान को अगर छोड़ दिया जाए तो डीमैट अकाउंट एक अच्छी चीज है.

क्या डीमैट अकाउंट बनाना सुरक्षित है?

डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?

डीमैट अकाउंट के दो प्रकार है फुल सर्विस ब्रोकर और डिस्काउंट ब्रोकर आप इन मैसे किसी भी ब्रोकर के पास जाकर डीमैट अकाउंट ओपन कर सकते हो.

क्या डीमैट अकाउंट में खाता खोलना फ्री है ?

नॉर्मली डीमैट ओपन करने के लिए कुछ चार्ज देने होते है,मगर कुछ ब्रोकर ऑफर के चलते पहिले साल के लिए फ्री में डीमैट अकाउंट ओपन करवा कर देते है.

Conclusion

दोस्तो में उम्मीद करता हु आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (डीमैट अकाउंट के नुकसान) आपको पसंद आई होगी.आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल करके जरूर बताए.

अपने उन दोस्तो के साथ जरूर इस आर्टिकल को शेयर करो,जिन्हे Finance,Taxation, Economics और Stock Market के बारे में कुछ न कुछ नया सिखना अच्छा लगता है.और ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे वेबसाइट पर दोबारा जरूर विजिट करे.

दोस्तो एक जरूरी बात,अगर आपको हमारे वेबसाईट पर लिखे आर्टिकल पसंद आते है,और आप अपनी खुशी से हमारी टीम को कुछ Monetary Support करना चाहते हो,तो आप UPI ID ( vaibhav.t@ybl ) या फिर QR Codes के जरिए हमें सपोर्ट कर सकते हो.

बैंक खातों के कितने प्रकार होते है? और उनके क्या फायदे होते है?

बैंक खातों

जब भी आप बैंक में जाते है तो आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा की बैंक खातों के कितने प्रकार होते है? , आपको बैंक में कौनसा खाता खोलवाना चाहिए? और उन खातों से आपको कितना लाभ और नुकसान होगा? तो चलिए इसके बारे में विस्तार में जानते है।

बैंक क्या है?

Table of Contents

बैंक एक तरह का वित्तीय संस्थान है जो आपको आपके पैसे लेने और देने का कार्य करता है। बैंक में आप अपना पैसे सुरक्षित रख सकते है और बैंक आपको उस पैसों का ब्याज भी देता है। यदि आपको कभी पैसों को सख़्त जरूत पड़ गई तो आप बैंक से उधर भी ले सकते है। और उस पैसों को आप ब्याज के साथ किस्तों में चुका सकते है।

बैंक खातों किसे कहते है?

बैंक खाते में ही आप अपने पैसे सुरक्षित रख सकते है। बैंक जाने पर बैंक वाले आपका पैसा जमा या देने के लिए आपका बैंक अकाउंट खोलते है ताकि आप अपने पैसों की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सके।

बैंक खातों कितने प्रकार होते है?

बैंक खातों चार प्रकार के होते है?

  1. बचत खाता (Saving Account)
  2. चालू खाता (Current Account)
  3. सावधि जमा खाता (Fixed Deposit Account)
  4. अवधि जमा खाता (Recurring Deposit Account)

बचत खाता (Saving Account):-

बचत खाता अर्थात saving account होता है। जहां आप अपने कमाई के पैसे में से की गई बचत राशि को आप बचत खाता में रख सकते है। बैंक आपके पैसों पर ब्याज भी देता है। ब्याज दर हर बैंक द्वारा अलग अलग होती है। इसकी ब्याज दर 3 से 5% के बीच ही होती है।

इस खाते में दो तरह के खाते खुलते है एक ज़ीरो बैलेंस खाता और दूसरा मिनिमम अकाउंट बैलेंस। ज़ीरो बैलेंस खाते में मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य नहीं होता है। जबकि मिनिमम बैलेंस अकाउंट में बैंक द्वारा न्यूनतम राशि रखना अनिवार्य होता है। जो हर बैंक अलग अलग राशि की मांग रखता है अगर आप ये राशि खाते में नहीं रख पाते है तो बैंक आपसे चार्ज वसूल करता है।

बचत खाते के क्या फायदे है:-

  • आपके बचत खाते में आपको अपनी जमा राशि पर ब्याज भी प्राप्त होता है ।
  • इस अकाउंट से आप कभी भी अमाउंट Deposit और Withdrawal कर सकते है ।
  • खाता खुलवाने पर आपको Debit Card , Net Banking ,Mobile Banking, Cheque Book आदि कई प्रकार की सुविधाए प्रदान की जाती है।
  • इसमें आप Joint Account भी ओपन करवा सकते हो है।

चालू खाता (Current Acount):-

चालू खाता अर्थात current account होता है। यानी जिस खाते में ट्रांजेक्शन होती रहे। ये खाता बिजनेसमैन, कम्पनी और enterpenour लोग ही खुलवाते है। इस खाते में मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य है अन्यथा बैंक आपसे निधारित चार्ज वसूल करता है।अलग अलग बैंक अलग अलग चार्ज करते है।

चालू खाते के क्या फायदे है:-

  • इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है ,कि आप इस खाते में एक दिन में कितनी भी अमाउंट जमा करवा सकते है । इसकी कोई लिमिट नहीं है।
  • इस खाते में आप चाहे जितनी बार अमाउंट को Deposit और Withdrawal कर सकते है।
  • इस प्रकार के अकाउंट में आपको Transfer , Net Banking , Mobile Banking आदि सभी प्रकार की सुविधाए बैंक द्वारा प्रदान की जाती ही है।
  • Current Account खाताधारको को Bank Overdraft की सुविधा भी प्रदान करते है ।
  • चालू खाते में आपको Cheque Book भी प्रदान की जाती है ।

सावधि जमा खाता (Fixed deposit acount):-

सावधि जमा खाता अर्थात fixed deposit account होता है। इस खाते में आप निधरित समय के लिए पैसा जमा कर सकते है। जिसकी समय सीमा 7 दिन से 10 सालो तक का होता है। इस खाते पर आपको अन्य बैंक से अधिक ब्याज मिलता है। सभी बैंक अलग अलग चार्ज करते है। जो 6 से 10% होता है। यदि आप समय सीमा से पहले FD अकाउंट। डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते है की मैच्योरिटी समय से पहले तोड़ते हैं तो आप ब्याज का लाभ कम उठा पाएंगे।

सावधि जमा खाते के क्या फायदे है:-

  • Fixed Deposit खाते में आप अपनी एक मुश्त राशी 7 दिन से लेकर 10 साल तक के लिए निर्धारित कर सकते है ।
  • FD अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दर अन्य खाते पर मिलने वाली ब्याज दर से अधिक होती है । FD ki ब्याज दर 6 से 10% तक होता है।
  • इस खाते में जमा राशी पर आपको धारा 80 C के तहत अधिकतम 1.50 लाख रूपये तक का Tax Benefit भी मिलता है ।

अवधि जमा खाता (Recurring deposit account):-

अवधि जमा खाता अर्थात recurring deposit account होता है। ये खाता आपकी छोटी छोटी बचत को बड़ा रूप देने के लिए खोला जाता है। यदि आप महीने का 1000rs भी इस खाते में डालते है तो एक समय बाद ये एक बड़ा रूप ले लेता है। ये राशि आप 1साल से 10 साल तक जमा कर सकते है। म्यूच्योरिट पूरी होने के बाद आपको मुलधन के साथ ब्याज भी वापिस कर देता है। इसकी ब्याज दर 5 से 9 % के बीच ही होती है।

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