पहली बार शेयर बाजार में कर रहें है निवेश तो जान लें ये बातें; जानें क्या करें, क्या ना करें
Stock Market में निवेश की शुरुआत करने वाले निवेशक कई बार बड़ी गलतियां कर बैठते हैं और अपनी पूंजी गंवा देते हैं। निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी किसी भी अनजाने व्यक्ति की सलाह पर शेयर में पैसा नहीं लगाएं
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अपने भविष्य को संवारने के लिए जरूरी होता है कि आप सही समय पर निवेश की शुरुआत करें । वहीं किसी भी निवेश से पहले जरूरी होती है उसकी सोच समझ कर की गई प्लानिंग। हर निवेशक पैसा लगाने के बदले में कुछ उम्मीद या कोई लक्ष्य रख कर आगे बढ़ता है। अगर आप प्लानिंग के साथ निवेश की शुरुआत करते हैं तो यकीन मानिये कि आप अपने लक्ष्य को जरूर प्राप्त करेंगे। निवेश करने से पहले आपको इस बात की योजना बनानी होगी कि आपके पास फंड कहां से आएगा और आपको कितना निवेश करना है। वहीं आपको ये भी समझना होगा कि आप इस रकम के साथ कितना जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं। इसी आधार पर निवेश की नींव तैयार की जा सकती है। बढ़ती महंगाई ने निवेशकों की जेब पर डाका डाला है, लोगों की सेविंग्स खत्म हो रही है, ऐसे में महंगाई को मात देने के लिए निवेशकों के लिए अब जरूरी हो गया है कि वो अपना रिटर्न बढ़ाने पर ध्यान दें। ऐसे में शेयर बाजार में सोच समझ कर किया गया निवेश निवेशकों के लिए काफी मददगार हो सकता है।
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महंगाई का मुकाबला करने के लिए शेयर बाजार की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ गई है। ये सच है कि शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है, लेकिन ये भी सच है कि नए निवेशक आसानी से स्टॉक मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और इनवेस्ट कर पैसा कमा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट का कोई शॉर्टकट नहीं है। अगर आप कुछ नियमों का पालन करते हैं और बाजार को समझते हुए आगे बढ़ते हैं तो आप बेहतर रिटर्न पा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव होता रहती है, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि स्टॉक्स में निवेश पर आपको फायदा और नुकसान दोनों ही हो सकता है। स्टॉक मार्केट में निवेश करते समय धैर्य रखना बेहद जरूरी है।
कैसे करें स्टॉक्स का चयन
शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती है। आप थोड़ी-थोड़ी रकम से बाजार में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। नए investor को शुरुआत में ज्यादा रिटर्न पर फोकस शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं करने से बचना चाहिए। इसलिए, उन्हें तेज उतार-चढ़ाव वाले stock पर फोकस करने के बजाए फंडामेंटली मजबूत शेयरों में पैसा लगाना चाहिए। कई बार ऐसा पढ़ने-सुनने को मिलता है कि इन्वेस्टर ज्यादा रिटर्न पाने के लालच में ऐसी कंपनियों के शेयर में निवेश कर देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होती हैं और निवेशक इसमें फंस जाते हैं। इसलिए निवेश की शुरुआत लार्जकैप शेयरों से करना बेहतर होगा।
शुरुआत में नए निवेशक को penny stocks में पैसा लगाने से बचना चाहिए। कई निवेशकों को लगता है कि ऐसे शेयर में पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है। लेकिन ये दांव अक्सर उलटा पड़ जाता है। जब आप शेयर बाजार अच्छी तरह समझने लगें तो आप थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं। शेयर का चुनाव हमेशा कंपनी की ग्रोथ देखकर ही करना चाहिए। उसी कंपनी के शेयर में निवेश करें, जिसका कारोबार अच्छा हो और उसको चलाने वाला मैनेजमेंट बेहतर हो। तभी आप अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न पा सकेंगे।
क्या करें, क्या ना करें
सोशल मीडिया पर दिए गए टिप्स के आधार पर स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट ना करें। एक निवेशक को बाय एंड होल्ड की रणनीति अपनानी चाहिए। स्टॉक मार्केट में गिरावट आने पर कभी भी घबराकर पूरा निवेश नहीं निकालें। आप उन कंपनियों के शेयर पर शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं फोकस रहें जिसमें आपने पूरी रिसर्च और भरोसे के साथ इनवेस्ट किया है। अगर आपने सिर्फ stock के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं इनवेस्ट किया है तो तुरंत अपने निवेश की समीक्षा करें। शेयर बाजार में गिरावट आने पर निवेश बंद नहीं करें। बाजार के जानकारों से सलाह लें और निवेश के विकल्प खुले रखें।
शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए जरूरी बातें
Stock Market में निवेश की शुरुआत करने वाले निवेशक कई बार बड़ी गलतियां कर बैठते हैं और अपनी पूंजी गंवा देते हैं। निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी किसी भी अनजाने व्यक्ति की सलाह पर शेयर में पैसा नहीं लगाएं। निवेश करने से पहले कंपनी के बारे में खुद रिसर्च करें या भरोसे वाले बाजार के जानकारों से मदद लें। 5paisa ऐसा ही एक एक्सपर्ट है जो आपको बाजार में आगे बढ़ने के लिए कारगर सलाहें देता है, जिससे बाजार में आप अपना पहला कदम मजबूती के साथ रख सकते हैं।
वहीं share चुनते समय रिटर्न को ही आधार बनाना सबसे आम गलतियों में से एक है। इसलिए निवेशक को कभी ऊंचे रिटर्न देखकर ही पैसा लगाने का फैसला नहीं करना चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि शेयर की चाल हमेशा एक समान नहीं होती है, इसमें उतार-चढ़ाव बना रहता है।
किसी कंपनी पर आंख बंद कर भरोसा करने की गलती कभी नहीं करें। अगर आपने एक ऐसी कंपनी में निवेश किया है जिसका फंडामेंटल मजबूत था, लेकिन अब उसमें कुछ बदलाव हुआ है तो शेयर बेचकर निकलने में ही भलाई है। याद रखें, आपने पैसा कमाने के लिए शेयर में निवेश किया है, नुकसान उठाने के लिए नहीं।
शेयर बाजार में कच्चे हैं तो बनिए पक्के खिलाड़ी, आया इंवेस्टर एजुकेशन प्लेटफार्म ‘स्मार्ट मनी’
स्मार्ट मनी (Smart Money) में तीन व्यक्तियों अर्थात् 'बिगिनर', 'निवेशक' और 'ट्रेडर' पर केंद्रित सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इस समय इसमें 10 मॉड्यूल और 100 अध्यायों को कवर किया गया है।
शेयर बाजार में कच्चे हैं तो बनिए पक्के खिलाड़ी (File Photo)
हाइलाइट्स
- शेयर बाजारों में ट्रेडिंग और इंवेस्टमेंट की कला में महारत हासिल करना अब बहुत आसान हो गया है
- शेयर बाजार के कच्चे खिलाड़ियों को स्मार्ट बनाने के लिए एंजेल ब्रोकिंग ने अपनी तरह का पहला इन्वेस्टर एजुकेशन प्लेटफॉर्म 'स्मार्ट मनी' लॉन्च किया है
- यह प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स के लिए पर्सनलाइज्ड मॉड्यूल, वर्कशॉप्स, सर्टिफिकेशन, लाइव सेशन और क्विज़ के साथ खुद सीखने का अवसर देता है
10 मॉड्यूल और 100 अध्याय
स्मार्ट मनी में तीन व्यक्तियों अर्थात् 'बिगिनर', 'निवेशक' और 'ट्रेडर' पर केंद्रित सामग्री उपलब्ध कराई गई है। शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं इस समय इसमें 10 मॉड्यूल और 100 अध्यायों को कवर किया गया है। इनमें निवेश की मूल बातों से लेकर फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस तक हर चीज को गहराई से बताते हैं। व्यावहारिक उदाहरण, बैज और सर्टिफिकेट्स के साथ यह शिक्षण अधिक आकर्षक हो जाता है। स्मार्ट मनी प्रत्येक अध्याय के अंत में क्विज़ के साथ उपलब्ध कराई गई है और प्रमुख शब्दों को आसानी से याद करने में मदद के लिए ग्लॉसरी के साथ आता है।
कैसे करें इनरोल
आप तीन स्टेप वाली सरल साइन-अप प्रक्रिया के बाद इस प्लेटफॉर्म पर खुद को नामांकित इनरोल कर सकते हैं। बस एक-टैप रजिस्ट्रेशन (गूगल या फेसबुक के जरिए) करें और अपने 'फोकस क्षेत्रों' और 'लक्ष्यों' को परिभाषित करें। स्मार्ट मनी प्लेटफॉर्म फिर आपकी प्रवीणता और जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रम शुरू करेगा। एंजेल ब्रोकिंग आपको अपने मित्रों और परिवार के बीच प्लेटफॉर्म को रैफर कर दिलचस्प पुरस्कार हासिल करने में सक्षम बनाता है।
पर्सनलाइज्ड अप्रौच में ट्रेनिंग
एंजेल ब्रोकिंग के सीएमओ प्रभाकर तिवारी का कहना है कि देश आज एक दिलचस्प स्थिति में है, जिसमें अधिक से अधिक लोग शेयर बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। उन्हें यह जानने की जरूरत है कि वे किस दिशा में आगे बढ़ें और ज्यादा से ज्यादा जानें। स्मार्ट मनी प्लेटफॉर्म के साथ ठीक यही किया गया है। यह प्लेटफॉर्म लोगों को शिक्षित करते हुए एक पर्सनलाइज्ड अप्रौच रखता है और हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। यह सहज उपयोगकर्ता अनुभव है और इसका लाभ पहली बार निवेशकों और अनुभवीे ट्रेडर्स द्वारा समान रूप से उठाया जा सकता है। उनका मानना है कि स्मार्ट मनी लोगों को सोच-समझकर निवेश निर्णय लेने से बेहतर रिटर्न हासिल करने में मदद करेगी।
निवेशक की यात्रा में वित्तीय शिक्षा प्रमुख
एंजेल ब्रोकिंग के सीईओ विनय अग्रवाल का कहना है कि किसी भी संपन्न निवेशक की यात्रा में वित्तीय शिक्षा प्रमुख तत्व है। आज देश में टियर-2 शहरों, टियर-3 शहरों और उससे उससे भी आगे से रिटेल इंवेस्टर निकल रहे हैं। ऐसे खुदरा निवेशकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्मार्ट मनी प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया जा रहा है।
Share Market Tips: इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग में क्या है फर्क? कौन-सा रास्ता ज्यादा सही?
Share Market Tips इन्वेस्टिंग में निवेशक की संपत्ति समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। इसमें निवेशक कुछ शेयरों का पोर्टफोलियो म्यूचुअल फंड्स बांड्स और दूसरे इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेट्स को खरीदकर होल्ड कर लेता है। ट्रेडिंग में लेनदेन काफी जल्दी-जल्दी होता है।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। शेयर बाजार (Share Market) में निवेश करने वालों ने इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग के बारे में जरूर सुना होगा। कुछ लोग शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं होते हैं, जो ट्रेडिंग (Trading) में विश्वास करते हैं और कुछ लोग लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट (Investing) करते हैं। आइए जानते हैं कि ये दोनों क्या हैं।
इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग वित्तीय बाजारों में मुनाफा कमाने को दो अलग-अलग तरीके हैं। दोनों में ही निवेशक बाजार में उतरकर मुनाफा बनाने की कोशिश करते हैं। इन्वेस्टिंग में निवेशक एसेट्स खरीदकर रख लेते हैं और लंबे समय में अच्छा मुनाफा कमाने की उम्मीद करते हैं। वहीं, ट्रेडर्स बाजार की गिरावट और तेजी दोनों का फायदा उठाते हैं। वे काफी कम समय में एसेट्स खरीदते और बेचते रहते हैं। इससे उन्हें मुनाफा तो काफी कम मिलता है, लेकिन बहुत कम समय में मिल जाता है।
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धीरे-धीरे बढ़ता है मुनाफा
इन्वेस्टिंग में निवेशक की संपत्ति समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। इसमें निवेशक कुछ शेयरों का पोर्टफोलियो, म्यूचुअल फंड्स, बांड्स और दूसरे इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेट्स को खरीदकर होल्ड कर लेता है। इन्वेस्टमेंट छह महीने, साल भर, कई वर्षों, या दशकों लंबा भी हो सकता है। इस अवधि में निवेशकों को ब्याज, डिविडेंट और स्टॉक स्प्लिट आदि का फायदा भी मिलता रहता है।
लंबे समय में हमेशा बढ़ता है मार्केट
अगर हम शेयर बाजार की बात करें, तो यह काफी उतार-चढ़ावा वाला मार्केट है। वैश्विक रुख, सरकार और केंद्रीय बैंकों की नीतियों, आर्थिक परिदृश्यों या कोई बड़ी घटना घट जाने पर तुरंत बाजार पर असर देखने को मिलता है। लेकिन हर गिरावट के बाद तेजी भी आती है। मंदी के बाद रैली भी मार्केट में देखने को मिलती है। इतिहास हमें बताता है कि बाजार हर एक बड़ी मंदी से उबरा है। कई बार तो रिकवरी काफी शाॉर्प देखने को मिली है। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि शेयर बाजार लंबे समय में हमेशा ऊपर जाता है। यही कारण है कि लंबे समय के लिए बाजार में पैसा लगाने वाले अधिकतर निवेशक अच्छा मुनाफा कमाते हैं।
ट्रेडिंग में जल्दी-जल्दी होता है लेनदेन
ट्रेडिंग में लेनदेन काफी जल्दी-जल्दी होता है। चाहे वह शेयरों का लेनदेन हो, या कमोडिटी का, करेंसी का या दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स का। जहां निवेशक सालभर में 10 से 20 फीसदी के करीब रिटर्न कमाते हैं, वहीं ट्रेडर्स करीब 10 फीसदी रिटर्न हर महीने कमा सकते हैं। ट्रेडिंग में निवेशक शेयर की चाल का फायदा उठाता है। वह निचले स्तर पर शेयर को खरीदते हैं और ऊपर जाने पर बेच देते हैं और फिर से निचले स्तर पर खरीद लेते हैं। वहीं, निवेशक गिरते हुए मार्केट में शेयर को उच्च कीमत पर बेच देते हैं और निचले स्तर पर खरीद लेते हैं। इसे सेलिंग शॉर्ट भी कहते हैं। हालांकि, इसमें जोखिम काफी अधिक होता है। आपको शेयर मार्केट की काफी अच्छी जानकारी हो, तब ही एक्सपर्ट की सलाह में ट्रेडिंग करनी चाहिए।
बड़ा पैसा बनाने में शेयर मार्केट कर सकता है मदद, लेकिन इन बातों का जरूर रखें ख्याल!
शेयर मार्केट निवेशकों को ज्यादा पैसा कमाने का मौका देता है. स्टॉक की कीमत समय के साथ बढ़ती या घटती है. शेयर मार्केट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेशकों को कम समय में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है जो बैंक एफडी जैसे अन्य निवेशों में नहीं होती है.
देवयानी इंटरनेशनल में शेयरखान ने 231 के लक्ष्य के साथ निवेश की सलाह दी है, स्टॉक फिलहाल 184 के स्तर पर है. यानि यहां से 25 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद है.
शेयर मार्केट और जनरल मार्केट में ज्यादा अंतर नहीं है. जनरल मार्केट में जिस तरह से चीजें खरीदी और बेची जाती हैं उसी तरह से शेयर मार्केट में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं.
शेयर मार्केट क्या है?
शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिस पर खरीदार और विक्रेता कुछ निश्चित घंटों के दौरान पब्लिक लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते हैं.
शेयर मार्केट में निवेश करना क्यों जरूरी है?
शेयर मार्केट में निवेश करने के कई फायदे हैं. यह निवेशकों को ज्यादा पैसा कमाने का मौका देता है. स्टॉक की कीमत समय के साथ बढ़ती या घटती है. शेयर मार्केट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेशकों को कम समय में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है जो बैंक एफडी जैसे अन्य निवेशों में नहीं होती है. और लंबी अवधि में शेयर किसी भी दूसरी तरह के निवेश की तुलना में ज्यादा रिटर्न देते हैं.
शेयरों को लिक्विड एसेट माना जाता है क्योंकि उन्हें आसानी से कैश में बदला जा सकता है. इसके अलावा शेयर मार्केट को रेगुलेट करने के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) होती है, जो निवेशकों के हितों का भी ध्यान रखती है.
निवेश की शुरुआत कैसे करें
स्टॉक में या शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए सबसे पहले डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल शेयर या बांड खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है. वहीं एक डीमैट अकाउंट बैंक अकाउंट की तरह काम करता है, जहां आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में जमा होते हैं.
जब आप शेयर खरीदते और बेचते हैं तो यह आपके अकाउंट में क्रेडिट और डेबिट हो जाते हैं. ट्रेडिंग अकाउंट में लॉग इन करके आप उस स्टॉक को चुन सकते हैं जिसे आप खरीदना या बेचना चाहते हैं. खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके अकाउंट में शेयर खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा है. फिर वह कीमत तय करें शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं जिस पर आप शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं.
शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति
शेयर मार्केट में निवेश करते समय इस बात को अपने दिमाग से निकाल दें कि यह कोई जादू की छड़ी है जो निवेश करते ही आपको करोड़पति बना देगी. शेयर मार्केट में निवेश करने के बाद अपने सेट किए हुए टारगेट के पूरा होने तक मार्केट में बने रहें. जैसे आप ब्रोकर से यह नहीं पूछते कि घर खरीदने के बाद हर दिन घर का रेट कितना बढ़ा या घटा, वैसे ही पोर्टफोलियो को हर दिन हरा और लाल होते देखकर निराश न हों.
घर बैठे लगाएं विदेशी बाजारों में पैसा, Apple-Tesla जैसे शेयर में सिर्फ 100-200 रुपए लगाकर करें शुरुआत
US Stocks: यूएस मार्केट में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है. अगर आप इन शेयरों में हिस्सेदार बनना चाहते शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं हैं तो टेंशन ना लें, फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग एक है.
US Stocks: यूएस मार्केट में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है. अगर आप इन शेयरों में हिस्सेदार बनना चाहते हैं तो टेंशन ना लें, फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग एक है.
Invest in Us Stocks: शेयर में पैसे लगाने की बात कहें तो आमतौर पर हम किसी कंपनी के कुछ स्टॉक खरीदते हैं. स्टॉक की संख्या 10, 20 या कुछ भी हो सकती है. बहुत महंगे शेयर हर तरह के निवेशक नहीं खरीदते हैं. घरेलू बाजार की बात करें तो एक तरीका यह हो सकता है कि हम सीधे शेयर खरीदने की बजाए ऐसे म्यूचुअल फंड में शेयर मार्केट मे इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म क्या हैं पैसे लगाएं, जिसने उस स्टॉक में निवेश किया हो. लेकिन अगर हम एप्पल, गूगल, अमेजॉन और टेस्ला जैसे महंगे विदेशी शेयरों की बात करें तो इसका क्या तरीका है. यूएस स्टॉक मार्केट में कुछ शेयर ऐसे हैं, जिनकी भारतीय रुपये में कीमत 1.5 से 2.5 लाख या इससे भी ज्यादा है. अगर आप भी इन शेयरों में हिस्सेदार बनना चाहते हैं तो टेंशन ना लें, फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग एक ऐसा तरीका है, जिससे यह काम आसानी से हो सकता है.
कुछ महंगे विदेशी शेयरों की रुपये में कीमत
गूगल: 1.76 लाख रुपये (2408 डॉलर)
फेसबुक: 24090 रुपये (330 डॉलर)
अमेजॉन: 2.40 लाख रुपये (3281 डॉलर)
टेस्ला: 43750 रुपये (599 डॉलर)
एप्पल: 9271 रुपये (127 डॉलर)
इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म पर सुविधा
मौजूदा समय में कई आनलाइल एडवाइजरी और इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म पर फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग की सुविधा दी जा रही है. इसमें 1 शेयर से कम भी आप खरीद सकते हैं. ये प्लेटफॉर्म निवेशकों को यह सुविधा देते हैं कि वे कम से कम 1 डॉलर से विदेशी शेयरों में निवेश की शुरूआत कर सकते हैं. जितना निवेश होगा, कीमत की रेश्यो में शेयर का उतना हिस्सा निवेशक के पोर्टफोलियो में जुड़ जाएगा.
यहां इसे ऐसे समझ सकते हैं कि मान लीजिए किसी शेयर का भाव 200 डॉलर और आपने उसमें 10 डॉलर निवेश किया है. तो शेयर का 0.05 फीसदी हिस्से के आप मालिक बन जाएंगे. इसी तरह से मान लिया कि आप एप्पल का शेयर में मौजूदा समय में 2 डॉलर निवेश करना चाहते हैं. ऐसे में आपको 0.015 हिस्सा मिल जाएगा. एप्पल का शेयर अभी 127 डॉलर का है.
कितना कर सकते हैं निवेश
आरबीआई की 'लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम' (LRS) की गाइडलाइंस के मुताबिक कोई इंडिया का निवासी विदेशी बाजारों में हर साल 2.50 लाख डॉलर यानी 1.82 करोड़ रुपये तक निवेश कर सकता है. यह आरबीआई से अप्रूवल लिए बिना भी किया जा सकता है. इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी अकाउंट ओपनिंग की फ्री में सुविधा देते हैं. KYC प्रक्रिया पूरी करने के बाद कोई भी निवेशक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकता है. अमेरिकी नियमों के अनुसार निवेशक को बर्थ सर्टिफिकेट, एड्रे प्रूफ और PAN कार्ड की स्कैन कॉपी लगानी जरूरी होती है.
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