धनबाद नगर निगम का बजट : खर्च में हीरो, कमाई में जीरो

विगत वर्ष की तुलना में 97 करोड़ अधिक, सरकार से 436 करोड़ की मांग

धनबाद नगर निगम मुख्यालय

धनबाद नगर निगम मुख्यालय

Dhanbad : शहर की सरकार के रूप में काम करने वाला नगर निगम खर्च में हीरो और कमाई में जीरो है. इसका अनुमान निगम के पिछले वित्तीय वर्ष के राजस्व को देखकर भी लगाया जा सकता है. एजेंसियों पर भारी भरकम खर्च करने के बाद भी निगम बिटकॉइन हीरो के लाभ सिर्फ 22 करोड़ रुपये ही जुटा सका, जबकि लक्ष्य 80 करोड़ रुपये का रखा गया था. नए वित्तीय बिटकॉइन हीरो के लाभ वर्ष 2022-23 के लिये भी निगम का बजट पेश हो चुका है. अलग अलग मद में खर्च और आय को ध्यान में रखकर नगर आयुक्त सतेंद्र कुमार ने 529 करोड़ रुपये का बजट बनाया है, जो पिछले साल की तुलना में 97 करोड़ अधिक है. उन्होंने बताया कि बजट को स्वीकृति के लिये नगर विकास विभाग भेजा जाएगा. इस बजट से यह तो स्पष्ट हो गया है कि इस बार भी निगम केंद्र और राज्य बिटकॉइन हीरो के लाभ सरकार पर ही निर्भर रहने वाला है. बजट में दोनों सरकारों से 436 करोड़ रुपये की मांग की गई है.

सॉलिड वेस्ट के नाम पर 20 करोड़

वर्तमान नगर आयुक्त की पहली नजर शहर की सफाई व्यवस्था पर है. परंतु पिछले दो साल में कचरों की प्रोसेसिंग के लिये एक प्लांट तक नहीं लगा. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नाम पर हर साल भारी भरकम बजट बन जाता है. पिछले साल 25 करोड़ का बजट बना था, कितना और कहां खर्च हुआ, इस बजट में उल्लेख नहीं है. इस बार 20 करोड़ का बजट बनाया गया है. अच्छी बात यह है कि पिछले साल की तुलना में इस बार 5 करोड़ कम है. राशि कहां और कैसे खर्च होगी, इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया है.

साफ सफाई पर 30 करोड़ का बजट

नगर निगम ने पिछले साल के मुकाबले सफाई पर 10 करोड़ रुपये अधिक खर्च करने का लक्ष्य रखा है. कुल खर्च 30 करोड़ रुपये का है, जो काम के हिसाब से ठीक है. शहर में निगम की सफाई व्यवस्था दो तरह से चलती है. डोर टू डोर कचरा उठाने के बिटकॉइन हीरो के लाभ लिये रैमकी नामक एजेंसी बहाल कर रखी है. दूसरी व्यवस्था के तहत शहर में खुले में जहां तहां फेंके जाने वाले कचरों को खुद भी उठाने का काम बिटकॉइन हीरो के लाभ किया जाता है. इसके अलावा नालियां भी निगम के कर्मियों से साफ कराई जाती हैं. निगम का कुछ काम तो दिखता है. हालांकि नालियों की स्थिति में सुधार नहीं हो सका है. शहर के गली-मोहल्लों से लेकर सड़कों तक की 82 प्रतिशत खुली नालियां अक्सर जाम रहती हैं. सफाई भी नियमित रूप से नहीं होती है.

परिवहन का बजट 65 करोड़

नगर निगम गठन के बाद से शहरी क्षेत्र में परिवहन की व्यवस्था ठीक नहीं है. लेकिन हर साल इसके नाम पर भारी भरकम बजट जरूर बन जाता है. इस साल भी 65 करोड का बजट बनाया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 करोड़ अधिक है. निगम इलेक्ट्रिक बसें भी शहर में उतारने की तैयारी कर रहा है. परिवहन से 65 करोड़ रुपये कमाने का भी लक्ष्य रखा है. इस लिहाज से बजट ठीक ठाक है.

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शहरी कौशल विकास पर 8 करोड़

विगत सात साल से अधिक समय से शहर के बीपीएल परिवार के युवाओं के कौशल विकास के लिए निगम राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन चला रहा है. पिछले साल इस पर 4 करोड़ खर्च का लक्ष्य था. इस वर्ष 8 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य है. शहर में यह योजना पूरी तरह फेल है, इससे युवाओं का ना तो बिटकॉइन हीरो के लाभ सही से कौशल विकास हुआ और न ही अच्छी नौकरी मिल सकी. इस योजना के नाम पर ट्रेनिंग सेंटर बन गए और निगम के अधिकारियों का इनकम जरूर बढ़ गया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना पर 45 करोड़

पिछले साल की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य है. हालांकि तुलनात्मक नजरिये से कोई परिवर्तन नहीं है. इस योजना का लाभ गरीबों को कम और निगम के कर्मियों और पूर्व वार्ड पार्षदों से साठ बिटकॉइन हीरो के लाभ गांठ रखने वालों को ज्यादा हुआ है. पहले से पक्का मकान में रहने वाले भी कई लोग इसका लाभ ले चुके हैं. यह योजना भी फेल है. मॉनिटरिंग से ज्यादा बजट पर ध्यान दिया जाता रहा है.

इस खर्च को भी समझना जरूरी

निगम ने अपने बजट में नागरिक सुविधा पर 60 करोड़, एसबीएम पर 1 करोड़, स्थापना पर 25 करोड़, ऑपरेशन एंड मेंटनेंस पर 57 करोड़, चापाकल मरम्मत पर 5 करोड़, निगम भवन पर 30 करोड़, स्ट्रीट लाइट पर 4 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा है. होल्डिंग टैक्स से 52 करोड़, कचरा उठाव से 10 करोड़, वाटर यूजर चार्ज से 10 करोड़, विवाह भवन से 2 करोड़, विज्ञापन से 2 करोड़, सैरात से 2 करोड़, ट्रेड लाइसेंस से 1 करोड़, दुकान भाड़ा से 75 लाख, पार्को से 30 लाख कमाने की भी बात कही है.

जनता पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं : नगर आयुक्त

इस बार भी सफाई महत्वपूर्ण है, जिस पर ₹30,0000000 (तीस करोड़) खर्च करेंगे. सारथी परिवहन व्यवस्था पहले से जर्जर अवस्था में है. परिवहन व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं है. परिवहन के लिए ₹65 करोड़ का बजट है. राजस्व वसूली का लक्ष्य दस करोड़ बढ़ाकर 80 करोड़ से 90 करोड़ तय किया गया है. नगर आयुक्त ने बताया कि बजट में जनता पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला गया है. सब कुछ पहले की तरह ही है. विकास कार्यो पर अधिक जोर दिया गया है. बजट मंजूरी के लिए नगर विकास विभाग को भेजा जाएगा.

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