वैकल्पिक निवेश उत्‍पाद

अनुभवी निवेशकों की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस), वैकल्पिक निवेश उत्पाद (एआईएफ), बॉण्ड, एनसीडी आदि सहित वैकल्पिक उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला तक एक्सेस प्रदान करता है.

पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा

पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा (पीएमएस) एक ऐसा निवेश माध्यम है जो निवेश नीतियों की विस्तृत श्रृंखला की सुविधा प्रदान करता है जिसे ग्राहक की ओर से योग्य और अनुभवी पोर्टफोलियो प्रबंधकों द्वारा प्रबंधित किया जाता है. बैंक ऑफ़ बड़ौदा अपने ग्राहकों की निवेश आवश्यकताओं को उपयुक्त रूप से पूरा करने के लिए प्रतिष्ठित थर्ड पार्टी पोर्टफोलियो प्रबंधकों द्वारा तैयार पीएमएस उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराता है.

संरचित उत्पाद

संरचित उत्पाद हाइब्रिड निवेश साधन हैं जिनमें इक्विटी / डेट एक घटक होता है और बेहतर जोखिम - प्रतिफल प्रोफ़ाइल और पूर्व-निर्धारित अदायगी प्रदान करने के लिए डेरिवेटिव का उपयोग करके इसका विस्तार किया जाता है. इन उत्पादों के लिए प्रतिफल (रिटर्न) अंतर्निहित बेंचमार्क जैसे कि निफ्टी, सरकारी-प्रतिभूतियां प्रतिफल, सिंगल या बास्‍केट स्टॉक के कार्यनिष्‍पादन से जुड़ा होता है. यह विशिष्ट निवेशकों के लिए तैयार किए गए हैं जो आमतौर पर पूंजी बाजार में अंशांकित जोखिम के साथ एक निश्चित अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं.

प्राइवेट इक्विटी और रियल एस्टेट फंड

प्राइवेट रुप से धारित कंपनियों के विशाल और बढ़ते जगत में ग्राहकों को विशिष्ट निवेश अवसर प्रदान करता है. ये विशिष्ट उत्पाद हैं और सामान्‍यत: पारंपरिक आस्ति संवर्गों के साथ इनका कम संबंध होता है.

गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी)

गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर कंपनियों द्वारा सार्वजनिक निर्गम के रूप में जारी किए गए निश्चित आय प्रदान करने वाले साधन हैं. कुछ डिबेंचर स्वामी के विवेक पर इक्विटी में परिवर्तनीय हैं, लेकिन इन डिबेंचर को इक्विटी में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है इसलिए इसका नाम 'गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर' है. किसी भी अन्य निश्चित आय साधनों की तरह ही एनसीडी की एक निश्चित परिपक्वता तिथि होती है और निवेशकों को विनिर्दिष्ट तारिखों पर ब्याज प्रदान किया जाता बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल है. एनसीडी को या तो जारी करने वाली कंपनी की संपत्ति द्वारा प्रतिभूत किया जा सकता है या प्रतिभूति रहित भी हो सकती है.

कर मुक्त बांड

कर-मुक्त बांड सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा निधि जुटाने के लिए जारी किए जाते हैं और बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल कर मुक्त प्रकृति के होते हैं जैसा कि नाम से पता चलता है. अन्य बांडों के विपरीत, इन बांडों से अर्जित ब्याज कुल कर योग्य आय नहीं है और भारत के आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 के अनुसार कर से छूट प्राप्त है. चूंकि ब्याज कर मुक्त है अत: प्रभावी प्रतिफल विशेष रूप से उच्चतम कर स्लैब वाले व्‍यक्तियों सहित निवेशकों के लिए आकर्षक है.

धारा 54 ईसी-पूंजीगत लाभ बांड

पूंजीगत लाभ बांड या 54ईसी बांड निश्चित आय के साधन हैं जो निवेशकों को धारा 54ईसी के अंतर्गत पूंजीगत लाभ कर छूट प्रदान करते हैं. अचल संपत्ति की बिक्री से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर देयता को 54ईसी बांड खरीदकर कम किया जा सकता है.

एलेवर ने कलारी कैपिटल और ड्रीम कैपिटल के सह-नेतृत्व में सीरीज ए राउंड में 19 करोड़ रुपये जुटाए

Nitika Ahluwalia

स्पोर्ट्सवियर डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी) ब्रांड एलेवर ने सोमवार को घोषणा की कि उसने ड्रीम कैपिटल (ड्रीमकैप), कॉरपोरेट वेंचर कैपिटल और एमएंडए आर्म ऑफ ड्रीम स्पोर्ट्स की भागीदारी के साथ वेंचर कैपिटल फर्म कलारी कैपिटल बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल के नेतृत्व में सीरीज ए फंडिंग में 19 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करने, अपने मार्केटिंग प्रयासों को बढ़ाने और अपनी टीम बनाने के लिए धन का उपयोग करेगी।

“हम कलारी कैपिटल और ड्रीम कैपिटल पार्टनर के साथ रोमांचित हैं। यह हमें अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को अगले स्तर तक ले जाने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जिससे हमें एक सहस्राब्दी-पहला स्पोर्ट्स ब्रांड बनाने में मदद मिलती है जो हमारे ग्राहकों की परफॉर्मेंस आवश्यकताओं के साथ-साथ उनकी आधुनिक डिजाइन संवेदनशीलता को भी पूरा करता है,” एलेवर के सह-संस्थापक कुणाल जोशी ने कहा।

2018 में लॉन्च किया गया, एलेवर एक डी2सी स्पोर्ट्स ब्रांड है जिसमें वर्तमान में दो मुख्य उत्पाद श्रेणियां हैं: एथलेटिक परफॉर्मेंस फुटवियर और क्रिकेट बैट।डिजाइनरों, इंजीनियरों और पार्टनर की उनकी टीम बायोफिजिक्स और खेल से लेटेस्ट रिसर्च का उपयोग करके अत्याधुनिक डिजाइन देने की कोशिश करती है। इस विश्वास से प्रेरित होकर कि ग्राहक किफायती मूल्य बिंदुओं पर सर्वोत्तम संभव खेल अनुभव के पात्र हैं, वे प्रीमियम सामग्री की बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल सोर्सिंग को प्राथमिकता देते हैं और अपने पोर्टफोलियो में उत्पादों के लिए केवल बेहतरीन तकनीकों का उपयोग करते हैं।

“खेल के सामान में अत्याधुनिक मटेरियल और टेक्नोलॉजी की कीमत हमेशा कई भारतीयों की पहुंच से बाहर रही है। हमारा डी2सी बिजनेस मॉडल हमें ग्राहकों को बेहद आकर्षक कीमत पर इन नवोन्मेषी तकनीकों की पेशकश करने में सक्षम बनाता है।'

उनका प्रमुख शू बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल - एआरसी रेसर - एक स्नीकर है जो सुविधाओं में समृद्ध है और डिजाइन पर उच्च है। शू के केंद्र में एलेवर की मालिकाना एकमात्र इकाई, RYDEFOAM है। ई-टीपीयू, फोम तकनीक से निर्मित, यह उपयोगकर्ता को एक अद्वितीय चलने का अनुभव बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल देता है जो वसंत जैसी प्रतिक्रिया के साथ तकिए जैसी कोमलता को जोड़ती है। कंपनी का दावा है कि अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के शू की तुलना में जूते को एक तिहाई कीमत पर किफायती बनाया गया है।

“आयुष और कुणाल का भारत में पहला स्पोर्ट्स ब्रांड बनाने का जुनून संक्रामक था। बाजार के बारे में उनकी समझ, उत्पाद इनोवेशन के प्रति प्रतिबद्धता और ग्राहक अनुभव हमारे लिए सबसे अलग थे। कलारी कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक वाणी कोला ने कहा, "भारत से एक विघटनकारी स्पोर्ट्स कंपनी बनाने के उनके दृष्टिकोण में शुरुआती पार्टनर होने पर हमें गर्व है।"

अकेले भारत में स्पोर्ट्स फुटवियर का बाजार करीब 3.5 अरब डॉलर का है, जो करीब 15-20 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रहा है। जबकि अभी भी इस बाजार का एक बड़ा अनऑर्गनाइज्ड वर्ग है - बढ़ती आय, बदलते उपभोक्ता स्वाद, और ई-कॉमर्स पैठ सभी ऑर्गेनाइज्ड क्षेत्र को हर साल अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

"एलेवर (Elevar) के उत्पाद अपनी अपील, डिजाइन और क्वालिटी के मामले में खुद के लिए बोलते हैं। ड्रीम कैपिटल के प्रबंध निदेशक देव बजाज ने कहा, हम भारत के अग्रणी स्पोर्ट्स लाइफस्टाइल ब्रांड को विकसित करने के लिए टीम के साथ पार्टनरशिप करने के लिए उत्सुक हैं।कई स्थापित वैश्विक और भारतीय ब्रांडों की विशेषता वाले क्षेत्र के बावजूद, एलेवर का दावा है कि उनके विघटनकारी उत्पाद और मार्केटिंग रणनीति एक विजयी संयोजन साबित होगी जिससे उन्हें तेजी से आगे बढ़ने की अनुमति मिलेगी।

म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड

म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –

  • इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
  • इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
  • हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
  • डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं

शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।

1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी

अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।

    और ये कैसे काम करते हैं?
  • म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
  • . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
  • टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स

2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना

म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।

  • पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
  • अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना
  • म्युचुअल फंड को कब बेचें

3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना

कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।

    और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना

4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ

म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।

  • म्युचुअल फंड्स पर टैक्स
  • म्युचुअल फंड्स से पैसे निकालने पर एग्ज़िट लोड
  • म्युचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशो
  • इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी

जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

अनिल अंबानी को तगड़ा झटका, बिक सकती हैं रिलायंस कैपिटल की ये दो बड़ी कंपनियां

Anil Ambani in trouble, two companies of Reliance Capital can be sold

रिलायंस कम्यूनिकेशंस के मालिक अनिल अंबानी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। रिलायंस कैपिटल की दो कंपनियां रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) अब बिकने के कगार पर पहुंच गई हैं। बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल दरअसल इन कंपनियों को क्रेडिट रेटिंग डाउनग्रेड होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है।

कंपनियां कर रही तीन हजार करोड़ जुटाने की कोशिश

रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड अब नई इक्विटी बेचकर फंड जुटाने की कोशिश करेंगी। इनकी बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल होल्डिंग कंपनी रिलायंस कैपिटल सही दाम पर नए निवेशकों को मालिकाना हक देने के लिए राजी है। ये कंपनियां तीन हजार करोड़ रुपये तक जुटाने की कोशिश कर रही हैं। बता दें कि बीते छह महीनों में इन दोनों कंपनियों ने लगभग आठ हजार करोड़ रुपये के अच्छी क्वॉलिटी वाले लोन पोर्टफोलियो बेचे हैं।

रिलायंस कैपिटल के सीईओ ने दिया बयान

इस संदर्भ में रिलायंस कैपिटल के सीईओ अमित बाफना ने कहा कि, 'हम देश-विदेश के निवेशकों के साथ बातचीत कर रहे हैं और हमें एक से दो महीने में इक्विटी कैपिटल मिलने की उम्मीद है। कैपिटल मिलने से भविष्य में ग्रोथ हासिल करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही क्रेडिट रेटिंग फर्मों का भरोसा भी बढ़ेगा।'

इतनी हो जाएगी रिलायंस कैपिटल की हिस्सेदारी

बता दें कि रिलायंस कैपिटल के पास आरसीएफएल में 100 फीसदी और आरएचएफएल में 50 फीसदी हिस्सेदारी है। नए निवेशकों को शेयर्स बेचने से यह हिस्सेदारी घटकर आधी या इससे कम हो सकती है। दोनों कंपनियों ने म्यूचुअल फंड्स, पेंशन फंड्स और इंश्योरेंस कंपनियों बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल सहित निवेशकों को करीब आठ हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचे हैं।

रिलायंस कम्यूनिकेशंस के मालिक अनिल अंबानी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। रिलायंस कैपिटल की दो कंपनियां रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) अब बिकने के कगार पर पहुंच गई हैं। दरअसल इन कंपनियों को क्रेडिट रेटिंग डाउनग्रेड होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है।

कंपनियां कर रही तीन हजार करोड़ जुटाने की कोशिश

रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड अब नई इक्विटी बेचकर फंड जुटाने की कोशिश करेंगी। इनकी होल्डिंग कंपनी रिलायंस कैपिटल सही दाम पर नए निवेशकों को मालिकाना हक देने के लिए राजी है। ये कंपनियां तीन हजार करोड़ रुपये तक जुटाने की कोशिश कर रही हैं। बता दें कि बीते छह महीनों में इन दोनों कंपनियों ने लगभग आठ हजार करोड़ रुपये के अच्छी क्वॉलिटी वाले लोन पोर्टफोलियो बेचे हैं।

रिलायंस कैपिटल के सीईओ ने दिया बयान

इस संदर्भ में रिलायंस कैपिटल के सीईओ अमित बाफना ने कहा कि, 'हम देश-विदेश के निवेशकों के साथ बातचीत कर रहे हैं और हमें एक से दो महीने में इक्विटी कैपिटल मिलने की उम्मीद है। कैपिटल मिलने से भविष्य में ग्रोथ हासिल करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही क्रेडिट रेटिंग फर्मों का भरोसा भी बढ़ेगा।'

इतनी हो जाएगी रिलायंस कैपिटल की हिस्सेदारी

बता दें कि रिलायंस कैपिटल के पास आरसीएफएल में 100 फीसदी और आरएचएफएल में 50 फीसदी हिस्सेदारी है। नए निवेशकों को शेयर्स बेचने से यह हिस्सेदारी घटकर आधी या इससे कम हो सकती है। दोनों कंपनियों ने म्यूचुअल फंड्स, पेंशन फंड्स और इंश्योरेंस कंपनियों सहित निवेशकों को करीब आठ हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचे हैं।

रेटिंग: 4.80
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 476