क्या है डेरिवेटिव?
डेरिवेटिव वित्तीय कॉन्ट्रैक्ट होते हैंं जो स्टॉक, कमोडिटी, करेंसी जैसे एसेट की पहले से तय कीमत पर खरीद-बिक्री करने के लिए किए जाते हैं. डेरिवेटिव सौदे दो या अधिक पार्टियों के डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है बीच हो सकते हैं.
इक्विटी और डेरिवेटिव्स में निवेश करें
इक्विटी निवेश में आपके बैंक खाते में साधारण बचत राशि की तुलना में अधिक बढ़त होती है। इक्विटी और वित्तीय डेरिवेटिव्स बाजारों में निवेश करने से, उच्च दर का रिटर्न देते हुए और निवेश की गई मूल राशि के मान को बढ़ाते हुए मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने में सहायता मिलती है। पूंजीगत लाभ और आवधिक आय इक्विटी निवेश डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है से होने वाले मुनाफ़े के स्रोत हैं।
- समय के साथ धन बढ़ाएं
- किसी भी समय चलनिधि
- लाभांश और पूंजी की वृद्धि
- मुद्रास्फीति से बचाव
- एक्सचेंज में व्यापार
- स्तविक समय में निवेश को ट्रैक करें
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Derivatives Market क्या है, डेरिवेटिव मार्केट कैसे काम करता है?
नई दिल्ली: अगर आप भी शेयर या कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग करते हैं तो डेरिवेटिव मार्केट या डेरिवेटिव ट्रेडिंग शब्द से आप का पाला जरूर पढ़ा होगा. डेरिवेटिव ट्रेडिंग वास्तव में शेयर/कमोडिटी बाजार में डेरिवेटिव की खरीद या बिक्री है. डेरिवेटिव ट्रेडिंग एक पूर्व निर्धारित मूल्य के लिए भविष्य में डेरिवेटिव का ट्रेड करने के लिए दो पार्टियों के बीच हुआ एक समझौता है. डेरिवेटिव ट्रेडिंग आमतौर पर शेयर बाजार या कमोडिटी बाजार के कारोबारी घंटों के हिसाब से होती है.
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भारत में डेरिवेटिव बाजार का महत्व तेजी से बढ़ रहा है. भारत में डेरिवेटिव ट्रेडिंग की शुरुआत साल 2000 साल में हुई. साल दर साल डेरिवेटिव ट्रेडिंग की लोकप्रियता कई गुना बढ़ रही है.
करेंसी डेरिवेटिव (currency derivatives) को जानें
करेंसी डेरिवेटिव (currency derivatives) विक्रेता और खरीदार के बीच एक अनुबंध है, जिसका मूल्य अंतर्निहित परिसंपत्ति, मुद्रा राशि से लिया जाता है। करेंसी डेरिवेटिव को विदेशी मुद्रा विनिमय दर अस्थिरता (Foreign Currency Exchange Rate Volatility) के खिलाफ किसी भी जोखिम का प्रबंधन करने के लिये सबसे अच्छे विकल्पों में से एक माना जाता है।
मुद्रा डेरिवेटिव क्या हैं?
- मुद्रा विनिमय दरों के आधार पर डेरिवेटिव भविष्य का एक अनुबंध है जो उस दर को निर्धारित करता है जिस डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है पर किसी मुद्रा को किसी अन्य मुद्रा के लिये भविष्य की तारीख में आदान-प्रदान किया जा सकता है।
- भारत में कोई भी व्यक्ति डॉलर, यूरो, यूके पाउंड और येन जैसी मुद्राओं के खिलाफ बचाव के लिये ऐसे डेरिवेटिव अनुबंधों का उपयोग कर सकता है।
- विशेष रूप से आयात या निर्यात करने वाले कॉर्पोरेट इन अनुबंधों का उपयोग किसी निश्चित मुद्रा के जोखिम के खिलाफ बचाव के लिये करते हैं।
- हालाँकि, डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है इस तरह के सभी मुद्रा अनुबंधों का रुपए में नकद के रूप डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है में निपटारा (cash-settled) किया जाता है, इस साल की शुरुआत में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने क्रॉस मुद्रा अनुबंध के साथ-साथ यूरो-डॉलर, पाउंड-डॉलर और डॉलर- येन के साथ व्यापार में आगे बढ़ने को कहा है|
शेयर मार्केट से कितना अलग है कमोडिटी मार्केट, जानिए कैसे होती है कमोडिटी ट्रेडिंग?
शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है.
कोरोना महामारी के बाद शेयर मार्केट में निवेशकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़त देखने को मिली है. इसी साल अगस्त में डीमैट खातों की संख्या पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंच गई. हालांकि, शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है. ऐसे में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी की मांग तेजी देखने को मिली है. क्या आपको पता है कि कमोडिटी मार्केट क्या है और यह इक्विटी यानी शेयर मार्केट से कितना अलग है.
कमोडिटी मार्केट क्या है?
कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) यह एक ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स, बेस मेटल्स, एनर्जी, कच्चे तेल जैसी कई कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं.
- एग्री या सॉफ्ट कमोडिटीज में मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च हैं. इसके अलावा सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना भी इसी का हिस्सा हैं.
- नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं.
इक्विटी मार्केट और कमोडिटी मार्केट में क्या अंतर है?
- इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं. वहीं कमोडिटी मार्केट में कच्चे माल डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है को बेचा और खरीदा जाता है.
- इक्विटी के होल्डर को शेयरहोल्डर कहा जाता है, जबकि कमोडिटी के होल्डर को ऑप्शन कहा जाता है.डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है
- शेयरहोल्डर को पार्शियल कंपनी का मालिक माना जाता है, लेकिन कमोडिटी मालिकों को नहीं.
- इक्विटी शेयरों की समाप्ति तिथि नहीं होती है. जबकि कमोडिटी में ऐसा नहीं होता है.
- इक्विटी मार्केट में शेयरहोल्डर डिविडेंड के योग्य माना जाता है. वहीं कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है का प्रावधान नहीं होता.
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए प्रमुख एक्सचेंज हैं. इसमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) के साथ-साथ यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (UCX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), ACE डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड शामिल हैं.
हाइलाइट्स
दिवाली बलिप्रतिपदा के मौके पर आज बुधवार 26 अक्तूबर को ट्रेडिंग नहीं होगी.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) आज नहीं खुलेंगे.
आज देश के कई हिस्सों में गोवर्धन पूजा का त्योहार भी मनाया जा रहा है.
नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश की तैयारी कर रहे लोगों के लिए बड़ा अपडेट डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है है. दिवाली बलिप्रतिपदा के मौके पर आज बुधवार 26 अक्तूबर को ट्रेडिंग नहीं होगी और दोनों ही प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) आज नहीं खुलेंगे.
शेयर बाजार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, दोनों ही एक्सचेंज पर हर कारोबारी सत्र में सुबह 9.15 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक होने वाली ट्रेडिंग आज बंद रहेगी. बलिप्रतिपदा दिवाली के चौथे दिन मनाया जाता है. यह त्योहार हिंदूचंद्र मास कार्तिक के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि को मनाया जाता है. इसे राजा बलि पर भगवान विष्णु की विजय के रूप में मनाया जाता है. आज देश के डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है कई हिस्सों में गोवर्धन पूजा का त्योहार भी मनाया जा रहा है.
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