1. फिक्स डिपॉजिट स्कीम में निवेश करने पर कई बैंक अपने ग्राहकों को हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ मिलता फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके है. ICICI बैंक, DCB बैंक और HDFC बैंक अपने ग्राहकों को हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ देता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके
हम न्यूनतम रु. 15,000 से शुरू होने वाले टर्म डिपॉजिट ऑफर करते हैं जिन्हें आमतौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट भी कहा जाता है. आप ऑनलाइन फिक्स्ड डिपॉजिट खोल सकते हैं और 12 महीनों से 60 महीनों तक की अवधि चुन सकते हैं. हम समय-समय पर एफडी के लिए उच्च ब्याज दरों के साथ विशेष अवधि की सुविधा देते हैं. हमारे फिक्स्ड डिपॉजिट में, आप एक निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित राशि इन्वेस्ट करते हैं और आपको मेच्योरिटी पर या एक निर्धारित फ्रिक्वेंसी पर ब्याज मिलता है.
हमने रेकरिंग डिपॉजिट (आवर्ती जमा) में दिलचस्पी लेने वाले कस्टमर के लिए एक विशेष डिपॉजिट प्लान बनाया है, जिसे सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान (एसडीपी) कहा जाता है. एसडीपी में, आप एक निर्धारित अवधि (12 से 60 महीने) के लिए हर महीने रु. 5,000 तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. सिंगल मेच्योरिटी स्कीम (एसएमएस) के तहत, आपको मेच्योरिटी पर मूलधन और ब्याज मिलता है. प्रत्येक नए डिपॉजिट पर ब्याज को राशि डिपॉजिट किए जाने वाले महीने में लागू ब्याज दरों के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है.
Investment Tips: बैंक में करने वाले हैं फिक्स्ड डिपॉजिट तो जान लें इसके खास फीचर्स, मिलेगा यह जबरदस्त फायदा
By: ABP Live | Updated at : 21 Apr 2022 11:04 PM (IST)
Edited By: harshitga
फिक्स डिपॉजिट स्कीम (PC: Freepik)
Fixed Deposit Tips: फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स यह अक्सर सलाह देते हैं कि लोगों को टैक्स बचाने के लिए निवेश वित्त वर्ष के शुरुआत में ही करना चाहिए. इससे आप सही तरह से निवेश कर पाते हैं और हड़बड़ी में गलती होने की संभावना कम हो जाती है. बहुत से लोग निवेश करते वक्त जोखिम वाले ऑप्शन को पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में अगर सुरक्षित और बेहतर रिटर्न के निवेश की प्लानिंग बना रहे हैं तो फिक्स डिपॉजिट स्कीम (Fixed Deposit Scheme) एक बेहतरीन ऑप्शन है.
इस स्कीम में निवेश करने पर आपको 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है. यह छूट इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत मिलती है, लेकिन, क्या आप फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम के अन्य फायदों के बारे में जानते हैं. तो चलिए हम आपको बताते स बारे में-
2. ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को जमा रकम पर क्रेडिट कार्ड भी इश्यू करते हैं. यह लिमिट फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके करीब 80 से 85 प्रतिशत तक की रहती है. बता दें कि क्रेडिट कार्ड का लाभ नो क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोगों को भी मिलता है.
3. एफडी में निवेश करने पर आपके पास लिक्विडिटी की कमी नहीं होती है. अगर फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके आपको इमरजेंसी में पैसे की जरूरत पड़ जाए तो ऐसी स्थिति में आप एफडी तोड़कर तुरंत पैसे निकाल सकते हैं.
4. इस स्कीम में निवेश करने पर आपको टैक्स सेविंग का भी लाभ मिलता है. इस स्कीम में निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत छूट मिलेगी. यह छूट 5 साल की एफडी पर मिलती है.
5. एफडी में निवेश करने पर आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है. यह बाजार जोखिमों से दूर रहता है. इसके साथ ही अगर पैसे जमा करने के बाद बैंक डिफॉल्ट (Bank default) हो जाता है तो ऐसी स्थिति कम से कम निवेशकों को 5 लाख का रिटर्न जरूर मिलता है.
फिक्स्ड डिपॅाजिट है निवेश का सबसे सुरक्षित जरिया, लेकिन इन्वेस्टमेंट से पहले जान लें कुछ खास बातें
फिक्स्ड डिपॅाजिट (Fixed Deposit) हमेशा से ही सेविंग करने का एक पंसदीदा ऑप्शन रहा है. इसमें फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके इंवेस्टमेंट करने पर कस्टमर को रेग्युलर सेविंग अकाउंट की तुलना में ज्यादा इंटरेस्ट मिलता है. लेकिन आपको इससे जुड़ी कुछ खास बातों का पता होना जरुरी है.
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) सेविंग का एक ऐसा ऑप्शन है जहां आप अपना पैसा एक मैच्योरिटी पीरियड के लिए जमा करते हैं. एफडी में इंवेस्ट करने पर कस्टमर को इंटरेस्ट मिलता है. लेकिन आप अपने अमाउंट को एफडी से मैच्योरिटी पीरियड के पहले नहीं निकाल सकते हैं. ऐसा करने के लिए आपको पेनल्टी फीस का भुगतान करना होगा. फिक्स्ड डिपॉजिट में इंवेस्ट करने का सीनियर सिटीजन को बहुत फायदा मिलता है. बैंक सीनियर सिटीजन को फिक्स्ड डिपॉजिट में इंवेस्टमेंट के लिए हाई इंटरेस्ट रेट ऑफर करती है. यहां आपको एक तय अमाउंट एक अवधि तक पे करना होता है. फिक्स्ड डिपॉजिट पर सरकारी और प्राइवेट बैंक अलग-अलग इंटरेस्ट रेट देतें हैं. आप पोस्ट ऑफिस में भी फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट ओपन कर सकते हैं. लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में इंवेस्ट करने से पहले आपको इससे जुड़ी जरुरी बातों की जानकारी होनी चाहिए. इन बातों को ध्यान में रखते हुए आप और आसानी से एफडी में निवेश कर सकतें हैं. और फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके अपने इंवेस्टमेंट पर बेहतर रिटर्न पा सकते हैं. अगर आप एफडी अकाउंट ओपन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको जरुरी डॅाक्यूमेंट्स लेकर नजदीकी बैंक जाना होगा. यहां जाकर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) अकाउंट का फॅार्म फिल करें और फिक्स डिपॉजिट फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके में इन्वेस्ट किए जाने वाले अमाउंट को जमा कर दें.
इन बातों का रखें ख्याल
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पूरी तरह से सेफ नहीं हैं
अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं तो ये न समझें कि आपकी राशि सुरक्षित है. अगर कोई बैंक डूब जाता है तो आपको अच्छा खासा नुकसान हो सकता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए अपनी राशि को हिस्सों में बांटकर अलग-अलग बैंक में इंवेस्ट करें. इससे आपकी रकम भी सेफ रहेगी साथ ही इमरजेंसी पड़ने पर फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके आपको पूरे डिपॅाजिट को नहीं तोड़ना पड़ेगा. साथ ही आपको सिर्फ उसी अमाउंट पर पेनल्टी देनी पड़ेगी जितनी आपको जरुरत है. तो कह सकते हैं कि ऐसा करने से आपको बेहतर लिक्विडिटी मिलेगी.
मैच्योरिटी से पहले फंड का विड्रॅाल न करें.
फिक्स्ड डिपॉजिट में इंवेस्टमेंट एक निश्चित समय तक के लिए किया जाता है. अगर आप तय अवधि से पहले अपने अमाउंट का विड्रॅाल करेंगे तो आपको नुकसान हो सकता है. अगर आपने 5 साल के लिए फिक्स्ड डिपॅाजिट में इंवेस्टमेंट किया है तो आप इसके मैच्योरिटी के बाद ही विड्रॅाल कर सकते हैं. अगर फिर भी आपको राशि निकालनी है तो कम से कम एक साल का इंतजार करें. क्योंकि एक साल के डिपॅाजिट पर ही आपको लागू इंटरेस्ट रेट मिल पाएगी.
फिक्स्ड डिपॉजिट और इन्वेस्टमेंट बॉन्ड के बीच अंतर
किसी भी इन्वेस्टमेंट विकल्प की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि यह आपकी आवश्यकताओं को कितनी अच्छी तरह से पूरा करती है. फिक्स्ड डिपॉजिट या इन्वेस्टमेंट बॉन्ड में इन्वेस्टमेंट करने की प्लानिंग करते समय, इन दोनों इन्वेस्टमेंट विकल्प के लाभ और नुकसान का मूल्यांकन करना आवश्यक है. एफडी और इन्वेस्टमेंट बॉन्ड, दोनों ही फिक्स्ड-इनकम सेविंग विकल्प हैं. इनमें एफडी ब्याज़ दरें इन्वेस्टमेंट बॉन्ड से अधिक होती हैं, तो इन्वेस्टमेंट बॉन्ड अधिक टैक्स लाभ प्रदान करते हैं.
फिक्स्ड डिपॉजिट और इन्वेस्टमेंट बॉन्ड, दोनों में एक निर्धारित अवधि के लिए एक निश्चित राशि की सेविंग शामिल होती है. जबकि एफडी की ब्याज़ दरें इन्वेस्टमेंट बॉन्ड से कहीं अधिक हैं, लेकिन इन्वेस्टमेंट बॉन्ड अधिक टैक्स लाभ प्रदान करते हैं.
फिक्स्ड डिपॉजिट की विशेषताएं और लाभ
जो लोग सुरक्षित इन्वेस्टमेंट विकल्प के माध्यम से अपनी बचत को बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए फिक्स्ड डिपॉजिट एक बेहतरीन विकल्प है. फिक्स्ड डिपॉजिट ऐसे लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प है, जो सुरक्षित इन्वेस्टमेंट के तरीके से अपनी बचत में वृद्धि करना चाहते हैं.
- बाजार के उतार-चढ़ावों से अप्रभावित रहते हुए यह आपकी बचत में शानदार वृद्धि और मेच्योरिटी प्रदान करते हैं
- सीनियर सिटीज़न के लिए FD एक आदर्श विकल्प है, जिसमें उच्च ब्याज़ दरों से भी लाभ उठाए जा सकते हैं
- बैंक, एनबीएफसी और पोस्ट ऑफिस के द्वारा एफडी जारी की जाती है. अगर आप सुरक्षा और रिटर्न का मजबूत संतुलन चाहते हैं, तो उच्च सुरक्षा रेटिंग वाले संस्थानों द्वारा जारी की गई एफडी चुनना ही बेहतर है, क्योंकि वे एक विश्वसनीय इन्वेस्टमेंट विकल्प हैं
- फिक्स्ड डिपॉजिट आपको एफडी पर लोन जैसी सुविधाओं के साथ आवश्यक कैश आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाता है
- बचत खाते की तुलना में वे आपकी बचत से अधिक कमाई करने में आपकी सहायता कर सकते हैं
- एफडी आपको रिटर्न की फ्रिक्वेंसी चुनने की सुविधा देता है. उदाहरण के लिए, अगर आप मासिक रिटर्न चाहते हैं, तो आप गैर-संचयी फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जबकि लंपसम ब्याज़ प्राप्त करने के लिए, आप संचयी फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए अप्लाई कर सकते हैं
- फिक्स्ड डिपॉजिट से प्राप्त होने वाले रिटर्न्स का उपयोग विभिन्न प्रयोजनों के लिए किया जा सकता है जैसे कि छुट्टियां, संपत्ति खरीदना फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके या आपके बच्चे की शिक्षा को फंड करना
इन्वेस्टमेंट बॉन्ड की विशेषताएं और लाभ
इन्वेस्टमेंट बॉन्ड उन लोगों के लिए एक बेहतरीन फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके विकल्प हैं, जो टैक्स लाभ प्राप्त करना चाहते हैं और अपनी सेविंग को बढ़ाना चाहते हैं. और जानने के लिए आगे पढ़ें.
- ये बॉन्ड्स पूंजी में वृद्धि की संभावना प्रदान करते हैं, ताकि आप पर्याप्त फाइनेंशियल लाभ उठा सकें
- इन बॉन्ड पर ब्याज दर फ़िक्स्ड डिपोजिट की पेशकश की तुलना में काफी कम है
- निवेश बांड से रिटर्न tds या यहां तक कि टैक्स के भी अधीन नहीं हैं. इसका मतलब है कि आप टैक्स कटौती की प्लानिंग किए बिना अपने ब्याज़ लाभ की अधिकांश राशि को बनाए रख सकते हैं
- ये बॉन्ड बाद में किसी अन्य पार्टी को बेचे जा सकते हैं
- इन्वेस्टमेंट बॉन्ड की सुविधाजनक अवधियां हो भी सकती हैं और नहीं भी
- ये बॉन्ड आपको आपके रिटर्न की फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके फ्रीक्वेंसी चुनने नहीं देते हैं. इनमें आपको रिटर्न का भुगतान करने के लिए समय निर्धारित होता है
- बांड सीक्योर हैं लेकिन इंश्योर नहीं हैं. इसका अर्थ है कि आपके पास पूर्ण सुरक्षा नहीं होती है. अगर किसी कारण से बॉन्ड का भुगतान नहीं होता है तो आपके पास केवल उसी सम्पति का अधिकार होगा जिसे ज़मानत के रूप में रखा गया हो
एफडी में निवेश करने जा रहे हैं तो ध्यान से पढ़ लीजिए ये अहम बातें, वरना हो सकती है मुसीबत
फिक्स्ड डिपॉजिट में कई लोग निवेश करते हैं क्योंकि इसमें निवेश करने का तरीका बेहद आसान और सुरक्षित होता है। आपको बता दें कि इसमें अगर आप लंबे समय तक निवेश करते हैं तो उतना बेहतर रेट ऑफ इंटरेस्ट मिल सकता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने के लिए आप शॉर्ट टर्म यानी एक से तीन साल तक अवधि के लिए निवेश, मीडियम टर्म यानी तीन से पांच साल तक निवेश और लॉन्ग टर्म का मतलब पांच से दस साल तक के लिए निवेश फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करने के स्मार्ट तरीके कर सकते हैं। आपको बता दें कि इंटरेस्ट रेट से भी फिक्स्ड डिपॉजिट पर बहुत असर पड़ता है।
इंटरेस्ट रेट के अलावा आपको कई सारी बातों को ध्यान में रख कर ही एफडी में निवेश करना चाहिए।
1)जानें क्या है बैंक की रेटिंग
आपको बता दें कि कई क्रेडिट रेटिंग कंपनियां जैसे क्रिसिल फाउंडेशन (भारत लिमिटेड की क्रेडिट रेटिंग सूचना सेवा) कुछ तरह के बेसिस पर बैंकों और अन्य फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन्स को रेटिंग देते हैं।
आपको बैंक या किसी भी अन्य फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन्स में एफडी अकाउंट खोलना है तो निवेश से पहले यह रेटिंग जरूर देखनी चाहिए। इससे आपके पैसों की सिक्योरिटी भी अधिक रहती है और रिस्क भी कम रहता है।
2)पहले तय करें एफडी का टेन्योर
आपको बता दें कि जो भी एफडी आप कराने के लिए सोच रहे हैं तो उससे पहले आपको टेन्योर फिक्स करना चाहिए। इससे आपको मैच्योरिटी से पहले अपने एफडी को खत्म करने पर जुर्माना नहीं देना पड़ेगा।
साथ ही आपको जो डिपॉजिट पर फायदा मिलता है वह भी कम नहीं होगा। इसलिए यह तय करना जरूरी है कि आप कितना टेन्योर फिक्स करना चाहते हैं।
3)सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स में छूट
आपको बता दें कि 60 साल से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन के लिए 50 हजार रुपए के ब्याज पर छूट मिलती है। लेकिन इसके अलावा एफडी के ब्याज दर पर कोई छूट नहीं मिलती है।
सीनियर सिटीजन के ब्याज पर जो छूट मिलती है उसे फार्म 80सी के तहत क्लेम किया जा सकता है लेकिन आपको बता दें कि इसके लिए समय अवधि कम से कम 5 साल के लिए एफडी करवानी होगी।
आपको बता दें कि 5 साल वाली एफडी पर ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख का निवेश होने पर 80 सी के तहत छूट मिलती है। अगर आपके घर पर कोई सीनियर सिटीजन है तो वह एफडी में आसानी से निवेश कर सकता है इससे उन्हें ज्यादा फायदा भी मिलेगा।
इन सभी बातों को आपको हमेशा ध्यान में रख कर ही एफडी में निवेश करना चाहिए।
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