इनवेस्टमेंट मे लाभ लंबे समय के बाद होता है लेकिन हानी की संभावना बहोत कम होता है जबकि ट्रेडिंग मे लाभ हम बहोत कम समय मे कमा लेते है लेकिन हानी होने की संभवना ज्यादा होती है।

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ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग के बारे मे पूरी जानकारी हिन्दी मे

आप अक्सर स्टॉक मार्केट मे ट्रेडिंग के बारे मे सुनते रहते है, अनलाइन ट्रेडिंग करके लोग लाखों का मुनाफा कमाते है और कई लोगों को हजारों गवाते भी है तो आखिर ट्रेडिंग होता क्या है, शेयर मार्केट मे ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे फर्क क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है और क्या ट्रेडिंग से रोज पैसे कमाए जा सकते है आज आप इस लेख मे ट्रेडिंग से संबंधित सारे सवालों का जवाब पाएंगे।

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आप अक्सर स्टॉक मार्केट मे ट्रेडिंग के बारे मे सुनते रहते है, अनलाइन ट्रेडिंग करके लोग लाखों का मुनाफा कमाते है और कई लोगों को हजारों गवाते भी है तो आखिर ट्रेडिंग होता क्या है, शेयर मार्केट मे ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे फर्क क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है और क्या ट्रेडिंग से रोज पैसे कमाए जा सकते है आज आप इस लेख मे ट्रेडिंग से संबंधित सारे सवालों का जवाब पाएंगे।

ट्रेडिंग क्या है?

ट्रेडिंग का हिन्दी अर्थ व्यपार होता है अगर इसका मतलब विस्तार मे समझा जाए तो किसी वस्तु को कम दाम मे खरीदना और जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे बेचना ताकि लाभ हो सके

ठीक उसी प्रकार शेयर मार्केट मे शेयर या सेवा खरीदना और जैसे ही शेयर का दाम बढ़ जाए उसे बेच कर लाभ कमाने को ही हम शेयर मार्केट मे ट्रेडिंग कहते है।

अब आप सोच रहे होंगे की इनवेस्टमेंट मे भी तो यही होता है लेकिन ट्रेडिंग इनवेस्टमेंट से बहोत अलग होता है।

ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे क्या अंतर होता है?

ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे बहोत अंतर होता है जैसे –

इनवेस्टमेंट मे हम शेयर को लंबे समय तक होल्ड करते है जैसे- 1 साल, 5 साल या 10 साल लेकिन ट्रेडिंग मे हम शेयर को बहोत काम समय के लिए होल्ड करते है जैसे – 1 मिनट, 1 घंटा या कुछ महीने

इनवेस्टमेंट मे हम ध्यान से अच्छी कॉम्पनियों के शेयर खरीदते है क्युकी इनवेस्टमेंट मे हम शेयर को लंबे समय तक होल्ड करके रखते है लेकिन ट्रेडिंग मे कंपनी की विस्तार से जानकारी लिए बिना शेयर को खरीदते है क्युकी ट्रेडिंग मे हमे शेयर के दाम मे उतार चढ़ाव से मतलब होता है और जैसे ही शेयर का दाम बढ़ता है हम शेयर को बेच कर लाभ कमा लेते है।

ट्रेडिंग में क्या क्या आता है?

आपने अक्सर सुना होगा की शेयर मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज मे शेयर को खरीद और बेचकर ट्रेडिंग की जाती है लेकिन स्टॉक एक्सचेंज में शेयर्स के अलावा बांड्स, म्युचअल फण्ड, कमोडिटी, डिबेंचर, डेरिवेटिव्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटी भी ट्रेड होती है लेकिन कोमोडिटी को ट्रेड करने का अलग स्टॉक एक्सचेंज है।

अनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए आपको स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं ट्रैडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा, क्या आपको पता है ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है अगर नहीं पता तो हम बात दे ट्रेडिंग हमारे बैंक अकाउंट की तरह ही होता है जैसे हम बैंक अकाउंट से पैसे लेन स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं देन करते है उसी प्रकार से ट्रेडिंग अकाउंट मे हम शेयर को खरीदते और बेचते है।

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको ब्रोकर की जरूरत पड़ेगी जैसे हम बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए बैंक जाते है ठीक उसी प्रकार लेकिन ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको ब्रोकर के पास जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

क्या ट्रेडिंग करके रोज कमाया जा सकता है?

ट्रेडिंग करके रोज पैसे कमाए जा सकते है लेकिन यह आसान नहीं है अगर आप ट्रेडिंग करके कम समय मे ज्यादा पैसे कमा सकते है तो इसमे पैसे गवा भी सकते है।

ट्रेडिंग से लाभ कमाने के लिए आपको सबसे पहले हमे पैसों की जरूरत होगी क्युकी ट्रेडिंग मे आपको छोटे मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाने के लिए हमे ज्यादा शेयर खरीदने होंगे जिसके लिए हमे ज्यादा पैसों की जरूरत होगी।

पैसों के साथ-साथ आपको टेक्निकल अनलसिस की अच्छी जानकारी होनी चाहिए तभी आप शेयर के दाम के पैटर्न को समझ सकेंगे और सही समय पर शेयर को खरीद और बेचकर अच्छा लाभ कमा स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं पाएंगे।

ये सब सीखने के बाद आपको हानी मे बचाव के लिए स्टॉप लॉस के उपयोग को अच्छे से समझना होगा और ट्रेडिंग मे सबसे ज्यादा जरूरी लगातार अपनी गलतियों से सीखना और हार ना मानना क्युकी हर सफल ट्रेडर सफल तभी होता है जब वो लगातार अपनी गलतियों से सीखता है और अपने ट्रेडिंग को और बेहतर बनाता है।

स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)

स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।

ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।

इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।

ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है

पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।

ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

शेयर मार्केट के अंतर्गत ट्रेडिंग मुख्य रूप से केवल चार प्रकार की होती है। सभी ट्रेडर्स पैसे कमाने के लिए अपनी सुविधा के अनुसार ट्रेडिंग करते हैं।

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  • Intraday Trading
  • Scalping Trading
  • Swing Trading
  • Positional Trading

Intraday Trading क्या है?

Intrading Trading एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें केवल 1 दिन के लिए ट्रेडिंग की जाती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर्स मार्केट खुलने के बाद शेयर को खरीद लेते हैं और और मार्केट को बंद होने से पहले वह अपने खरीदे गए शेयर को भेज देते हैं। इस प्रकार यह ट्रेडिंग केवल 1 दिन ही चलती है। ऐसे ट्रेडर्स को जो इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं इंट्राडे ट्रेडर्स कहलाते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग Scalping Trading से थोड़ी कम जोखिम भरी होती है।

Scalping Trading एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें ट्रेडर्स केवल कुछ सेकंड और मिनटों के लिए ट्रेडिंग करते हैं। यह ट्रेडिंग काफी ज्यादा जोखिम भरी होती है क्योंकि इस ट्रेडिंग में ट्रेडर्स अपने पैसे गवा सकते हैं। स्काल्पिंग ट्रेडिंग केवल वो ट्रेडर्स ही करते हैं जो शेयर को कुछ मिनट या कुछ सेकंड के लिए खरीदते हैं और बेच देते हैं। जो ट्रेडर्स स्काल्पिंग ट्रेडिंग करते हैं उन्हें स्केपर्स कहा जाता है।

Swing Trading क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है जो कुछ दिनों के लिए चलती है । ट्रेडर्स इस प्रकार की ट्रेडिंग में खरीदे गए शेयर को कुछ दिनों के बाद भी बेच सकते हैं। अगर कोई भी ट्रेडर्स चाहता है कि वह खरीदे गए शेयर को 10 से 12 दिनों के बाद बेचना है तो वह स्विंग ट्रेडिंग ही करता है। स्विंग ट्रेडिंग की खास बात यह है कि ट्रेडिंग में चार्ट को दिनभर देखना नहीं होता है। यह ट्रेडिंग उन लोगों के लिए काफी ज्यादा बेहतर है जो लोग जॉब करते हैं या फिर स्टूडेंट हैं। इस ट्रेडिंग में उनका पूरा दिन नहीं जाएगा आपको केवल शेयर को खरीदना है और जब आप चाहे स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं तो शेयर को बेच सकते हैं।

Positional Trading एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें आप कुछ महीने के लिए भी ट्रेड कर सकते हैं। यानी कि आप खरीदे गए शेयर को कुछ महीने के बाद भी बेच सकते हैं। इस प्रकार की ट्रेडिंग में ट्रेडर्स काफी आसानी से पैसे कमा लेते हैं। ट्रेडर्स शेयर को तभी बेचते हैं जब उन्हें अच्छा मुनाफा मिलता है। यह ट्रेडिंग सबसे कम जोखिम भरी होती है। इस ट्रेडिंग में शेयर बाजार के Up-down से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है।

कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं है.

शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST

नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.

इसे आप इस तरह से भी कह सकते है कि जब आप लंबे समय के लिए Trading करते है तो उसको Swing Trading कहते है !

जैसे माना कि आपने किसी कंपनी XYZ के शेयर आज खरीदे हैं स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं और आप उसे एक दिन से एक सप्ताह या एक-दो महिने के लिए निवेश करते हैं और उसके बाद बेच देते तो इसे हम Swing Trading कहते हैं, स्विंग ट्रेडिंग शेयर खरीदने का मकसद यह होता है कि जब शेयर कि मूल्य बढ़ जाये तब बेचना होता है!

जब हम इन्वेस्टमेंट करते हैं तब हम कंपनी के Value के बारे में पता करते हैं और कंपनी और लंबे समय में कैसा प्रदर्शन करेंगी उसे देख कर इन्वेस्ट करते हैं! तो उसे Investment कहते हैं! स्विंग ट्रेडिंग में बिल्कुल इसके उलट होता है हम शेयर को एक कम समय के लिए एक निश्चित टारगेट के साथ खरीदते या बेचते हैं!

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