इस प्रकार के खाते में पैसे जमा कराने की संख्या में खाता कितने प्रकार के होते हैं खाता कितने प्रकार के होते हैं कोई भी रिस्ट्रिक्शन नहीं होता परंतु पैसे बाहर निकालने की संख्या में कुछ खाता कितने प्रकार के होते हैं प्रकार के रिस्ट्रिक्शन होते हैं। उदाहरण के रूप में आप ₹50 से कम पैसे नहीं निकाल सकते और 6 महीने के अंदर अंदर आप 30 बार से ज्यादा एटीएम से पैसे नहीं निकाल सकते। चालू खाते की तरह आप कभी भी, कहीं भी और जितना भी पैसा नहीं निकाल सकते। साथ ही साथ अपने ग्राहक को अपने अकाउंट में न्यूनतम राशि बनाए रखने के लिए बाध्य करती है।

बैंक खाते कितने प्रकार के होते है?

इस प्रकार खाता कितने प्रकार के होते हैं का खाता मुख्य रूप से उद्यमी, फर्म और कंपनियों के लिए होता है। जिसके अकाउंट में पैसे की लेन देन सबसे ज्यादा होती है उनके पास चालू खाता होता है। ऐसे अकाउंट में लाखों रुपए आते हैं और निकालें भी जाते हैं। यानी कि अकाउंट पैसों के आदान-प्रदान में कार्यरत रहता है। इस प्रकार के खाते की खास बात यह है कि इसमें जमा करने या फिर पैसे निकालने के लिए किसी भी प्रकार की सीमा नहीं खाता कितने प्रकार के होते हैं होती। चालू खाते के खाताधारक को उसके अकाउंट में पड़ी राशि का इंटरेस्ट नहीं मिलता।

नाम सुनते ही आपको समझ में आ गया होगा कि सेविंग अकाउंट बचत करने के लिए खोला जाता है। यदि आप चाहते हैं कि आपके बचाए हुए पैसे पर इंटरेस्ट मिले तो आपको भी अपना बचत खाता खुलवाना पड़ता है। आप कितने पैसे जमा करवाएंगे उतना ही आपके लिए फायदेमंद रहेगा। कोई भी सामान्य व्यक्ति, कंपनी में काम करने वाला, सरकारी नौकरी करने वाला, पेंशन पर रहने वाला या फिर कोई विद्यार्थी हो जिसे अपने पैसों को बचा कर रखना हो वह सेविंग अकाउंट खोल सकता है। इस खाते में से आप कभी भी अपने पैसे निकाल सकते हो और खाते में पैसे जमा भी करवा सकते हो।

आवर्ती खाता:

इस प्रकार के खाते में वे लोग खाता खोलते हैं जो एक निश्चित राशि नियमित रूप से जमा करना चाहते हैं और जिसके जरिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा ब्याज मिले। इस प्रकार के अकाउंट में एक खास राशि निर्धारित की गई अवधि मे हर महीने अकाउंट में जमा करवानी पडती खाता कितने प्रकार के होते हैं है। निर्धारित की गई समय अवधि के समाप्त हो जाने पर ब्याज के साथ धनराशि का भुगतान कर दिया जाता है। राशि जमा करने के लिए न्यूनतम अवधि 1 साल की और अधिकतम अवधि 10 साल की होती है। ब्याज का दर जमा किए गए धनराशि और जमा की अवधि के हिसाब से अलग-अलग प्लान मे अलग-अलग होती है। उदाहरण के स्वरूप में यदि आप 10,000 हर महीने जमा करवाते हो तो आपको ज्यादा ब्याज मिलेगा। और यदि आप 4000 जमा करवाते हो तो आपको कम ब्याज मिलेगा। वैसे ही यदि आप ज्यादा समय के खाता कितने प्रकार के होते हैं लिए पैसे जमा करवाते हो तो आपको ज्यादा ब्याज मिलेगा और यदि आप कम समय के लिए पैसे जमा खाता कितने प्रकार के होते हैं कराते हो तो आपको कम ब्याज मिलेगा।

सावधी जमा खाता:

इस प्रकार के खाते में एक खास अवधि के लिए एक विशेष धनराशि जमा की जाती है। खाता कितने प्रकार के होते हैं यहां पर एक बार ही धनराशि जमा करानी होती है और एक बार ही निकाल सकते हो। इसमें भी आप समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते। आपको निर्धारित की गई अवधि के पहले पैसे निकलवाने हो तो आपको बैंक द्वारा निर्धारित की गई पेनल्टी देनी पड़ती है। इसके बाद से आपका अकाउंट हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है। फिक्स डिपॉजिट में खाताधारक को सबसे ज्यादा ब्याज मिलता है। ब्याज का दर जमा की अवधि और पैसे के आधार पर निर्धारित किया जाता है जो अधिकतर 10 सालों तक होती है।

Last Final Word

यह थी बैंक में पाए जाने वाले खाते के बारे में जानकारी। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी जानकारी से आपको फायदा रहा होगा। यदि आपके मन में खाता कितने प्रकार के होते हैं अभी भी कोई सवाल हो गया खाता कितने प्रकार के होते हैं हो तो हमें कमेंट के माध्यम से बताइएगा। हमारा आर्टिकल पसंद आया हो खाता कितने प्रकार के होते हैं तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।

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