सोमवार को स्टार हेल्थ के शेयरों में 2.51 फीसदी की कमजोरी दर्ज की गई और यह ₹724 के लेवल पर आ गए. शेयर बाजार के एक्सपर्ट के मुताबिक स्टार हेल्थ के शेयरों में अभी 5 से 33 फीसदी तक की तेजी आ सकती है. स्टार हेल्थ में राकेश झुनझुनवाला की 14.39% हिस्सेदारी है जबकि उनकी पत्नी रेखा के पास 3.10 फीसदी शेयर हैं. राकेश झुनझुनवाला के स्टार हेल्थ में निवेश की वैल्यू 7300 करोड़ रुपए की है.
ग्लोबल हेल्थ आईपीओ में निवेश क्यों करें
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निवेश का मौका! अगले सप्ताह आ रहे हैं इन 4 कंपनियों के IPO, इन्वेस्टमेंट से पहले देख लें डिटेल्स
कुल चार कंपनियों के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) खुल रहे हैं.
जिन कंपनियों के आईपीओ खुलने वाले हैं, उनमें केबल और वायरलेस हार्नेस असेंबलीज बनाने वाली कंपनी डीसीएक्स सिस्टम्स और बीका . अधिक पढ़ें
- भाषा
- Last Updated : October 30, 2022, 12:47 IST
डीसीएक्स सिस्टम्स 400 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी.
फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस का 1,104 करोड़ रुपये जुटाने का इरादा है.
ग्लोबल हेल्थ करीब 500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी.
नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार इस महीने काफी व्यस्त रहने वाला है. अगले सप्ताह मेदांता ब्रांड के तहत अस्पताल चलने वाली ग्लोबल हेल्थ लिमिटेड और माइक्रो फाइनेंस लोन प्रोवाइडर फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड समेत कुल चार कंपनियों के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) खुल रहे हैं.
जिन दो अन्य कंपनियों के आईपीओ खुलने वाले हैं, उनमें केबल और वायरलेस हार्नेस असेंबलीज बनाने वाली कंपनी डीसीएक्स सिस्टम्स और बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल शामिल हैं. मर्चेंट बैंकिंग सूत्रों के अनुसार, सामूहिक रूप से ये चारों कंपनियां आईपीओ से 4,500 करोड़ रुपये से अधिक जुटा सकती हैं. सूत्रों ने बताया कि नवंबर में यूनिपार्ट्स इंडिया और फाइव स्टार बिजनेस फाइनेंस के आईपीओ भी आ सकते हैं.
New-Age Stocks: पांच स्टार्टअप कंपनियों के आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को हुआ 18 अरब डॉलर का नुकसान!
Initial Public Offering: बीते एक साल में पांच टेक स्टार्टअप कंपनियों के आईपीओ को लेकर सबसे ज्यादा बाजार में चर्चा हुई. लेकिन इन पांच आईपीओ के वैल्यूएशन में 18 अरब डॉलर का सेंध लग चुका है. इन पांच कंपनियों में पेटीएम, जोमैटो, नायका, डेल्हीवरी और पॉलिसीबाजार का नाम शुमार है. इन कंपनियों बेहद महंगे वैल्यूएशन पर अपना आईपीओ लेकर आई जिसका खामियाजा इन कंपनियों के आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को उठाना पड़ा है.
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Rakesh Jhunjhunwala kept his stake in various stocks largely unchanged ग्लोबल हेल्थ आईपीओ में निवेश क्यों करें in the June 2022 quarter. That said, there are select stocks wherein he booked profits, including potential exits from two companies.According to the data from Trendlyne, Rakesh Jhunjhunwala and associates publicly hold 34 stocks with a net worth of over Rs 29,301.4 crore, as per the latest corporate shareholdings filed so far. Let us have a look at ग्लोबल हेल्थ आईपीओ में निवेश क्यों करें his rejigs during April-June 2022 period.
शेयर बाजार के एक्सपर्ट स्टार हेल्थ के शेयरों पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं. स्वास्थ्य बीमा देने वाली स्टार हेल्थ के भविष्य पर शेयर बाजार के एक्सपर्ट को कोई शक नहीं है, लेकिन इस समय भी वे उसके शेयरों में निवेश करने के मामले में थोड़े आशंकित हैं.
ग्लोबल स्टॉक में निवेश कर बना सकते हैं मोटा पैसा, लेकिन पहले जानें इसके फायदे और नुकसान
Communication services, financial and information technology were the biggest S&P industry sector, gainers.
Global Equities: वैश्विक स्तर पर देखें तो कई तरह के इनोवेशन हो रहे हैं या नई तकनीक आ रही है जो कि हमारे दैनिक जीवन पर असर डालती हैं. इन सबका निवेश के लिहाज से भी महत्व होता है. अभी की बात करें तो भारतीय शेयर बाजार में बहुत कम इनोवेटर लिस्टेड हैं. भारत भले ही 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो, लेकिन यहां का मार्केट कैप करीब 2.1 लाख करोड़ डॉलर ही है, जबकि बाकी दुनिया का मार्केट कैप 90 लाख करोड़ डॉलर के करीब है. ऐसे में अगर आप भारत से बाहर ग्लोबल बाजारों में निवेश नहीं करते हैं, तो इसका मतलब यह है कि आप उस अवसर को नजरअंदाज कर रहे हैं जो करीब 43 गुना ज्यादा है.
क्यों ग्लोबल इक्विटी में निवेश फायदेमंद
सबसे पहले तो इस पर विचार करते हैं कि किसी को ग्लोबल इक्विटीज यानी वैश्विक शेयर बाजार में निवेश क्यों करना चाहिए. निवेश के साथ जोखिम जुड़ा होता है और इस जोखिम को खत्म नहीं किया जा सकता. लेकिन डायवर्सिफिकेशन के द्वारा कम जरूर किया जा सकता है. सभी तरह के एसेट (परिसंपत्ति) में निवेश का डायवर्सिफिकेशन करना जोखिम के प्रबंधन का मूल है.
ग्लोबल फंडों/शेयरों में निवेश से आपको रुपये में गिरावट का फायदा उठाने में भी मदद मिलती है. पिछले 35 साल में रुपया हर साल औसतन 6 फीसदी की दर से कमजोर हुआ है. अगर आप अपने बच्चों को अगले कुछ साल में विदेश में पढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको बढ़ती फीस और रुपये की गिरावट की वजह से ज्यादा रकम चुकानी पड़ सकती है.
सीधे ग्लोबल इक्विटीज में निवेश
सीधे ग्लोबल शेयरों में निवेश करने के कई फायदे हैं जैसे निवेशक अपनी समझ, सुविधा और सूझबूझ के मुताबिक कुछ चुनिंदा शेयरों के पोर्टफोलियो पर अपना ध्यान केंद्रित रख सकता है (एक शेयर से लेकर 10 शेयरों तक). उसका इसमें पूरा नियंत्रण होता है और यह एक आसान विकल्प लग रहा है. लेकिन ऐसा वही कर सकता है जो शेयर बाजार का अच्छा खासा जानकार हो. इसके अलावा, उसके पास ऐसी क्षमताएं होनी चाहिए कि वह ऐसी वैश्विक घटनाओं को पहचान सके और उन पर नजर रख सके जो उसके शेयरों पर असर डाल सकती हैं. ऐसे निवेशक के पास अनुपालन और नियामक मसलों से भी निपटने की क्षमता होनी चाहिए. उदाहरण के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के शेड्यूल एफए में निवेशकों को अपने पास रहने वाले विदेशी एसेट का विस्तृत ब्योरा देना अनिवार्य होता है. इसी तरह, लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत प्रति व्यक्ति के सालाना 2.5 लाख डॉलर ही भेजने की सीमा तय है.
कुछ निगेटिव प्वॉइंट भी
हालांकि, म्यूचुअल फंडों के द्वारा निवेश के कई नुकसान भी हैं, जैसे-लागू एनएवी एक दिन बाद आता है, मुद्रा का जोखिम होता है, तीन साल से कम रखने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लग जाता है.
कुल मिलाकर ग्लोबल हेल्थ आईपीओ में निवेश क्यों करें यह कहा जा सकता है कि छोटे निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंडों के द्वारा वैश्विक शेयरों में निवेश करना, सीधे शेयरों में निवेश करने से बेहतर होता है. ज्यादा सलाहकार पहली बार इक्विटी में निवेश करने वाले निवेशकों को डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स में निवेश करने की सलाह देते हैं. इनमें उन फंडों को पहला विकल्प रखना चाहिए जो कि दुनिया भर में निवेश करते हैं. इसी तरह समझदार हाई नेटवर्थ वाले यानी बड़े निवेशक, जिनके पास पर्याप्त संसाधन हैं और जो सभी तरह की रिपोर्टिंग और रिसर्च को हासिल कर सकते हैं, वे रुपये के प्रभुत्व वाले ग्लोबल फंडों के साथ ही सीधे शेयरों में निवेश कर सकते हैं या अन्य इक्विटी विकल्पों में जो LRS के मुताबिक उनके लिए उपलब्ध हो.
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