सीबीडीसी सीमा पार से भुगतान में इनोवेशन को बढ़ावा दे सकता है, लेनदेन को तात्कालिक बना सकता है और टाइम जोन, एक्सचेंज रेट के अंतर के साथ-साथ डिजिटल मुद्रा ऋण सभी न्यायालयों में कानूनी और नियामक आवश्यकताओं से संबंधित प्रमुख चुनौतियों को दूर करने में मदद कर सकता है।
क्या है डिजिटल करेंसी ? कैसे है वर्तमान मुद्रा से डिजिटल मुद्रा ऋण अलग ? और क्या है इसके लाभ?
राज एक्सप्रेस। देश में हर तरफ डिजिटल करेंसी को लेकर बातों का रुझान तेज हो गया है। आज देखा जा रहा है कि लोग बहुतायत में क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्ट कर रहे हैं। इस बीच भारतीय रिज़र्व बैंक यानि आरबीआई के द्वारा भी खुद की डिजिटल करेंसी लॉन्च किए जाने की बातें की जा रही हैं। कुछ समय पहले ही देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट 2022 की पेशकश करते डिजिटल मुद्रा ऋण हुए यह कहा था कि, अगले वित्त वर्ष के दौरान रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया लॉन्च करने वाला है। उनके इस बयान के साथ ही यह बात भी साफ हो जाती है कि अब हमारा देश भी डिजिटल करेंसी मार्केट में कदम रख रहा है। ऐसे में आज हम आपको डिजिटल करेंसी से जुड़ी हर बात बताने वाले हैं।
डिजिटल मुद्रा से आरबीआई की कैश मैनेजमेंट की लागत होगी कम
शेयर बाजार 06 नवंबर 2022 ,13:45
© Reuters. डिजिटल मुद्रा से आरबीआई की कैश मैनेजमेंट की लागत होगी कम
नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। आरबीआई ने 1 नवंबर से होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रुपया लॉन्च करने के लिए एक डिजिटल मुद्रा ऋण पायलट परियोजना शुरू की है और बाद में एक महीने के भीतर रिटेल सेगमेंट में एक और प्रोजेक्ट लाने की योजना है। केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) को अपनाने के पीछे कई कारण हैं, जैसे वित्तीय समावेशन को बढ़ाना और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना।माना जाता है कि डिजिटल रुपये की ओर बढ़ने का एक प्रमुख कारण भौतिक नकदी प्रबंधन से जुड़ी लागत को कम करना है। आरबीआई के एक कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है कि भारत में कैश मैनेजमेंट की लागत महत्वपूर्ण बनी हुई है। 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 के दौरान सुरक्षा मुद्रण पर किया गया कुल खर्च 4,984.80 करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष (1 जुलाई, 2020 से 31 मार्च, 2021) 4,012.10 करोड़ रुपये के मुकाबले अधिक है।
डिजिटल मुद्रा का जमाना आएगा
चीन भी अपनी डिजिटल मुद्रा को लॉन्च करके मुद्रा और भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में कार्य कर रहा है। ऐसे में भारत के लिए डिजिटल करंसी को लॉन्च करना न केवल वित्तीय प्रणाली में बदलाव लाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह रणनीतिक दृष्टि से भी काफी आवश्यक है…
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि इसकी आंतरिक समिति केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा जारी करने के तौर-तरीकों पर विचार कर रही है और बहुत जल्दी इस बारे में अपनी सिफारिश देगी। आरबीआई से जुड़े गैर आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी लाने पर विचार कर रहा है। केंद्रीय बैंक डिजिटल करंसी की संभावनाओं के अध्ययन और दिशा-निर्देश तय करने के लिए आरबीआई ने एक अंतर-विभागीय समिति भी बना दी है, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी पर फैसला लेना है। प्रस्तावित सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी एक लीगल करंसी है और डिजिटल तरीके से सेंट्रल बैंक की लाइबिलिटी है जो सॉवरेन करंसी के डिजिटल मुद्रा ऋण रूप में उपलब्ध है। यह करंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जिसे कैश से तब्दील किया जा सकता है। आरबीआई ने पूर्व में भी आधिकारिक रूप से डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा की थी। डिजिटल मुद्रा को क्रिप्टो करंसी भी कहा जाता है। लाइटकोइन, जैकैश, एथ्यूरम, बिटकॉइन आदि सभी डिजिटल मुद्राओं के उदाहरण हैं जिनमें से बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय है। डिजिटल मुद्रा का लेनदेन मूलतः इंटरनेट पर होता है। डिजिटल वॉलेट एक तरह का अकाउंट है जिसमें आप अपनी डिजिटल मुद्रा रखते हैं। इंटरनेट के माध्यम से डिजिटल मुद्रा का एक डिजिटल वॉलेट से दूसरे डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर होता है। इस प्रक्रिया में हमें बैंक के माध्यम से जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। डिजिटल वॉलेट को फोन, कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से इस्तेमाल किया जा सकता है।
डिजिटल मुद्रा ऋण
Q. With reference to the Central Bank Digital Currency (CBDC) seen in news, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. हाल ही में समाचारों में रहे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल मुद्रा ऋण के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
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न्यूनतम अंक: 1
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