सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुँचा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की ओर से जारी आँकड़ों के मुताबिक 22 मई 2020 को समाप्त सप्ताह में देश विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर का विदेशी मुद्रा भंडार 3.005 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 490.044 अरब डॉलर हो गया, जो इसका सर्वकालिक उच्चतम स्तर है। इससे पहले 15 मई 2020 को खत्म हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.726 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 487.039 अरब डॉलर हो गया था।
फॉरेक्स भंडार की सबसे प्रमुख घटक विदेशी मुद्रा संपत्ति (Foreign currency assets) इस दौरान 3.035 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 451.706 अरब डॉलर हो गयी। याद रहे कि 15 मई को समाप्त सप्ताह में यह 1.122 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 448.670 अरब डॉलर हो गयी थी।
इस दौरान देश का स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) 0.127 अरब डॉलर की कमी के साथ 32.779 अरब डॉलर रह गया। 15 मई को खत्म हफ्ते में यह 0.616 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 32.906 अरब डॉलर पर पहुँच गया था।
वहीं विशेष आहरण अधिकार (SDRs) 22 मई को समाप्त सप्ताह में 0.008 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 1.432 अरब डॉलर के रहे। 15 मई को खत्म हफ्ते में यह 0.002 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 1.425 अरब डॉलर के हो गये थे।
इस विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर दौरान आईएमएफ (IMF) के साथ भारत का रिजर्व पोजिशन 0.089 अरब डॉलर बढ़ कर 4.127 अरब डॉलर हो गया। 15 मई को खत्म हफ्ते में यह 0.013 अरब डॉलर घट कर 4.038 अरब डॉलर रहा था। (शेयर मंथन, 30 मई 2020)
विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर
विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.994 अरब डॉलर पर
नई दिल्ली। आर्थिक र्मोचे पर सरकार को झटका लगने वाली खबर आई है। देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में फिर गिरावट दर्ज हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।
आरबीआई के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में गिरावट की वजह स्वर्ण भंडार में आई कमी है। आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया। हालांकि, 28 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो एक साल के दौरान किसी एक सप्ताह में सबसे अधिक तेजी थी।
आंकड़ों के मुताबिक चार नवंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) भी 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गई है। इसी तरह देश का स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर रह गया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया।
उल्लेखनीय है कि एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार बढ़कर 645 अरब डॉलर के अबतक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। जानकारों का कहना है कि देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य कारण वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का मुद्रा भंडार से मदद लेना रहा है।
दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्यवस्था पर होगा असर?
नवीनतम सप्ताह में गिरावट की मात्रा, 6.687 बिलियन डॉलर है, जो जुलाई के मध्य के बाद सबसे बड़ी थी।
दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार (फाइल फोटो)
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो वर्षों में सबसे निचले स्तर पर आ गया। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में जानकारी दी गई है। आरबीआई के अनुसार, रुपए 80 प्रति डॉलर के नीचे चला गया है, वहीं आरबीआई ने इसे ऊपर रखने के लिए काफी प्रयास किया था।
आरबीआई के साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर गिरकर 564.053 अरब डॉलर हो गया, जो दो साल में सबसे कम और लगातार तीसरे सप्ताह में गिरावट है। नवीनतम सप्ताह में गिरावट की मात्रा, 6.687 बिलियन डॉलर है, जो जुलाई के मध्य के बाद सबसे बड़ी थी।
इससे पहले के सप्ताह में 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर के दौरान देश का आयात कवर 2.238 डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रह गया था। जुलाई के अंतिम सप्ताह में वृद्धि को छोड़कर, जो एक सांख्यिकीय ब्लिप की तरह लगता है, भारत के विदेशी मुद्रा में जुलाई की शुरुआत से हर एक सप्ताह में गिरावट आई है। फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से यह 26 सप्ताहों में से 20 में गिरावट हुई थी।
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यूक्रेन संकट के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर 67 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट और पिछले साल के उच्चतम स्तर से करीब 80 अरब डॉलर की गिरावट रुपए में लगभग 74 डॉलर प्रति डॉलर से 80 के करीब है।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल के बढ़ते आयात के कारण, जिस पर विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर देश अपनी तेल जरूरतों के 80 प्रतिशत से अधिक के लिए निर्भर करता है, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर व्यापार असंतुलन पिछले महीने बढ़कर 31 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिससे देश के चालू खाते को बनाए रखने की क्षमता के बारे में चिंता बढ़ गई।
वहीं आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, नवीनतम दर-निर्धारण बैठक के बाद जब केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरी बार दरों में बढ़ोतरी की, तब भी भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा रहा है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने गुरुवार को कहा कि एक रिपोर्ट से पता चला है कि क्रेडिट योग्यता पर दबाव का सामना करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।
एक्सपर्ट के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार में गिराावट के बाद देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आने की उम्मीद है। हालांकि आरबीआई की ओर से इसपर कोई जानकारी नहींं दी गई है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 400 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर- 5 खास बातें
भारत का विदेशी ऋण 13.1 अरब डॉलर यानी 2.7% घटकर 471.9 अरब डॉलर रह गया है. यह आंकड़ा मार्च, 2017 तक का है.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है (प्रतीकात्मक चित्र)
मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.60 अरब डॉलर बढ़कर 400.72 अरब डॉलर हो गया है जो अब तक का रिकॉर्ड उच्च स्तर है. यह आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक ने 8 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह के आधार पर जारी किया है. इससे पिछले हफ्ते में यह 3.57 अरब डॉलर बढ़कर 398.12 अरब डॉलर था.
विदेशी मुद्रा भंडार में शानदार विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर वृद्धि
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में इस बढ़ोतरी की प्रमुख वजह विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) का बढ़ना है. समीक्षा अधीन सप्ताह में यह 2.56 अरब डॉलर बढ़कर 376.20 अरब डॉलर हो गईं. देश का स्वर्ण भंडार इसी अवधि में बिना किसी बदलाव के 20.69 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा.
भारत का विदेशी ऋण 13.1 अरब डॉलर यानी 2.7% घटकर 471.9 अरब डॉलर रह गया है. यह आंकड़ा विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर मार्च, 2017 तक का है. इसके पीछे प्रमुख वजह प्रवासी भारतीय जमा और वाणिज्यिक कर्ज उठाव में गिरावट आना है.
आर्थिक मामलों के विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015-16 के मुकाबले 2016-17 में हालत बेहतर हुए हैं और ऋण प्रबंधन सीमाओं के तहत बना हुआ है.
मार्च, 2017 की समाप्ति पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और विदेशी ऋण का अनुपात घटकर 20.2% रह गया है, जो मार्च 2016 की समाप्ति पर 23.5% था.
मार्च, 2017 की समाप्ति पर लॉन्ग टर्म विदेशी कर्ज 383.9 अरब डॉलर रहा है जो पिछले साल के मुकाबले 4.4% कम है. समीक्षावधि में कुल विदेशी ऋण का 81.4% लॉन्ग टर्म विदेशी ऋण है.
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के उच्चतम स्तर पर
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के उच्चतम स्तर पर
मुंबई| देश विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर का विदेशी मुद्रा भंडार 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 2.81 अरब डॉलर बढ़कर 365.49 अरब डॉलर हो गया। विदेशी मुद्रा भंडार का यह अब तक का उच्चतम स्तर है।
इससे पूर्व सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 66.4 करोड़ डॉलर की गिरावट आई थी और यह 362.69 अरब डॉलर रहा था।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा आस्तियां कुल मिलाकर 2.79 अरब डॉलर बढ़कर 341.04 अरब डॉलर रहीं। स्वर्ण भंडार इस दौरान 20.58 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा।
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