Villu Paatu
बिजनेस-टू-कंज्यूमर ई-कॉमर्स इंडेक्स 2020
Union Minister for Civil Aviation Shri Jyotiraditya Scindia on December 01, 2022 launched DigiYatra from the Indira Gandhi International Airport, New कॉमर्स पोर्टल भारत Delhi for three airports in the country, namely New Delhi, Varanasi and Bengaluru.
- It will be launched to 4 more airports (total 7) namely Hyderabad, Kolkata, Pune, and Vijayawada by March 2023.
About Digi Yatra
- DigiYatra envisages that travellers pass कॉमर्स पोर्टल भारत through various checkpoints at the airport through paperless and contactless processing, using facial features to establish their identity, which would be linked to the boarding pass.
- The entry of passengers would be automatically processed based on the Facial Recognition Technology (FRT) at all checkpoints – including entry into the airport, security check areas, aircraft boarding, etc.
- The DigiYatra app will be available for passengers taking domestic flights only.
Pioneer of Oral Rehydration Solution (ORS) Dilip Mahalanabis Passed Away
Renowned paediatrician Dr. Dilip Mahalanabis, who saved millions of lives through his Oral Rehydration Solution (ORS) - simple solution consisting of sugar, salts, and water has passed away on 16 October 2022.
- Mahalanabis saved umpteen lives during an outbreak of cholera while serving in a refugee camp at Bangaon in West Bengal during the 1971 Liberation War of Bangladesh.
Naga Poet Temsüla Ao Passed Away
Temsüla Ao was a Naga poet, fiction writer, and ethnographer who passed away on 9 October 2022.
- She had served in several key positions, including the chairperson of the Nagaland State Commission for Women.
- She was awarded the Padma Shri award for her contribution to Literature and Education.
- Her book ‘Laburnum For My Head’ received the Sahitya Akademi Award for English writing in the short story category.
Amazon और flipkart को टक्कर देने आ रहा है e-lala, छोटे दुकानदारों को बढ़ेगी पहुंच
नई दिल्ली : लॉकडाउन की वजह से छोटे दुकानदारों कॉमर्स पोर्टल भारत का काम बिल्कुल ठप्प हो गया है। वहीं जरूरी सामानों की होम डिलीवरी कर ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स का बिजनेस खूब बढ़ रहा है। इसीलिए कारोबार की गिरावट को देखते हुए छोटे दुकानदारों ( small shop owners ) की रीच बढ़ाने के लिए अब ऑनलाइन पोर्टल 'ई-लाला' ( E-LALA ) को लॉन्च किया जा रहा है । उम्मीद है कि इस पोर्टल के लॉन्च होने से छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी । लॉकडाउन में इस पोर्टल के माध्यम से सिर्फ जरूरी सामान को ही डिलीवर किया जाएगा।
E- कॉमर्स साइटों पर उत्पादों के "मूल देश" घोषित करने के निर्देश वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर नोटिस जारी किया है जिसमें केंद्र से निर्देश देने को कहा गया है कि वो ये सुनिश्चित करे कि ई-कॉमर्स साइटों और व्यापारिक घराने उत्पादों के "मूल देश" घोषित करें ताकि चीनी उत्पादों के बहिष्कार की सुविधा मिल सके।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे,जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने मामले को सुना और उस पर नोटिस जारी करने के लिए आगे बढ़ी।
अधिवक्ता दिव्य ज्योति सिंह द्वारा दायर याचिका, भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में 15 जून को हुए संघर्ष को देखते हुए दाखिल हुई जिसमें कई भारतीय सैनिकों की जान गई। यह माना गया है कि एक कानून के प्रचार की आवश्यकता है जो उपभोक्ताओं को चीनी उत्पादों को खरीदने से रोकने के लिए ई-कॉमर्स साइटों को "मूल देश" घोषित करने के लिए मजबूर करेगा।
ONDC- भारत की छोटी से छोटी दुकान ई-कॉमर्स पर लाने की तैयारी, सरकार का ओपन सोर्स - BUSINESS NEWS
नई दिल्ली। केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्रीश्री पीयूष गोयल ने बिट्स पिलानी द्वारा आयोजित वार्षिक लॉन्चपैड-द एंटरप्रेन्योरशिप सम्मेलन के पांचवें संस्करण को संबोधित करते हुए ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स का प्रमुखता से जिक्र किया। यदि सरकार इसे एक सरल open-source बनाने में कामयाब हो जाती है तो यह भारत की सबसे बड़ी आर्थिक क्रांति हो सकती है, क्योंकि इसके कारण भारत की छोटी से छोटी दुकान भी ई-कॉमर्स पर आ जाएगी। दुकानदार को ऑनलाइन आर्डर मिलेंगे और लोगों को घर बैठे डिलीवरी।
ONDC- ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स क्या है, सरल शब्दों में समझिए
ई-कॉमर्स के नाम पर भारत में कुछ बहुत बड़े शॉपिंग मॉल मौजूद है। जैसे ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट आदि। दुकानदारों को इनकी शर्तों का पालन करते हुए अपनी दुकान प्रदर्शित करनी पड़ती है। यदि अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाना चाहे तो यह काफी महंगा काम है, और छोटे शहरों में तो डेवलपर ही नहीं है। इसलिए सरकार ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स की शुरुआत करना चाहती है। यह एक ओपन सोर्स होगा, यानी कि कोई भी इसका उपयोग करते हुए अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट डिजाइन कर सकता है। किसी विशेषज्ञ की जरूरत नहीं होगी। यह बिल्कुल उतना ही आसान होगा जितना कि इंस्टाग्राम अथवा फेसबुक पर अपनी दुकान का पेज बनाना।
बड़ी कंपनियों की गुंडागर्दी खत्म हो जाएगी और बर्बाद होता जा रहा रिटेल का बाजार फिर से हरा भरा दिखाई देगा। कॉलोनी की दुकान की बिक्री बढ़ जाएगी। नुक्कड़ के पान वाले को डायरेक्ट आर्डर कर पाएंगे। किसी स्विग्गी और जोमैटो की जरूरत नहीं होगी। कमीशन खोरी खत्म हो जाएगी। दुकानदार और ग्राहक डायरेक्ट कनेक्ट होंगे। इसके लिए आधा काम तो गूगल बिजनेस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कर ही चुके हैं। लॉकडाउन के कारण सभी दुकानदार ऑनलाइन पेमेंट भी लेने लगे हैं। सरकार को केवल सब कुछ व्यवस्थित करना है। भारत की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया INDIA NATIONAL NEWS पर क्लिक करें.
2. बड़ी संख्या में विक्रेता और उत्पाद अवेलेबल
GeM के पूरे भारत में लाखों पंजीकृत विक्रेता हैं। इसमें 10,000 से अधिक श्रेणियां और 48 लाख + प्रोडक्ट हैं। सबसे खास बात विक्रेताओं के लिए पंजीकरण और उत्पाद सूचीकरण की कोई कीमत नहीं है। प्रत्येक विक्रेता को ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन’ यानि मूल देश का अनुपालन करने की आवश्यकता होती है, जिसके अनुसार उसे यह साबित करने की आवश्यकता होती है कि उत्पादों या सेवाओं को बनाने के लिए आवश्यक सभी सामग्री भारतीय मूल की हैं। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनने के हमारे उद्देश्य को भी साकार करने में मदद करता है।
इस पोर्टल पर उपलब्ध उत्पादों और सेवाओं की एक विशाल विविधता के साथ, आपकी आवश्यकतानुसार उन्हें चुनना आसान है। सभी खरीदारों के लिए GeM पर उपलब्ध कैटलॉग गोल्डन पैरामीटर आधारित हैं जो खोज, चयन और लागत अनुकूलन में आपकी मदद करते हैं। चूंकि उत्पादों और सेवाओं की एक विशाल और समृद्ध सूची है, इसलिए आप वित्तीय, प्रशासनिक और तकनीकी मानकों जैसे कई फिल्टरों पर खोज और उनमें तुलना कर सकते हैं।
4. क्रेता-विक्रेता प्रोत्साहन योजना
GeM ने पोर्टल के साथ पंजीकृत खरीदारों के उत्साह को बढ़ाने के उद्देश्य से भी एक कार्यक्रम शुरू किया है। यह डिजिटल प्रमाणपत्रों के माध्यम से मंच के साथ-साथ सोशल मीडिया पर मान्यता के साथ आपके द्वारा खरीदे गए सबसे बड़े ऑर्डर को मान्यता प्रदान करता है।
अत्याधुनिक पोर्टल को नवीनतम तकनीक के साथ और क्लाउड पर पूरी तरह से स्केलेबल तरीके से डिजाइन किया गया है। उन्नत उपयोग के मामलों के लिए इसे एआई, मशीन लर्निंग आदि जैसी तकनीकों द्वारा आगे बढ़ाया गया है। पोर्टल खरीदारों और विक्रेताओं द्वारा लेनदेन के लिए 24×7 उपलब्ध है।
6.GeM पर उत्पादों की गुणवत्ता
उत्पादों और सेवाओं की खरीदार संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए, GeM ने अपने खरीदारों तक गुणवत्तापूर्ण उत्पादों और सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए भी अहम कार्य किया है। दरअसल पोर्टल ने खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए कोई जगह ही नहीं छोड़ी है। इसके लिए विक्रेता मूल्यांकन, बाजार सेनेटाइजेशन आदि जैसे तंत्र स्थापित किए हैं।
GeM में एक बिड (बोली) बहुत तेजी से बनाई और प्रकाशित की जा सकती है। खरीदार अपनी आवश्यकता के आधार पर डिलीवरी की अवधि का चयन कर सकता है। वास्तव में, कोरोना संकट के दौरान, GeM ने कोविड उत्पादों जैसे ऑक्सीजन किट, सिलेंडर, सांद्रक आदि के लिए बोली और वितरण अवधि की अवधि को और कम कर दिया था।
8. ऑनलाइन ऑर्डरिंग और कॉन्ट्रैक्ट जनरेशन
माल या सेवाओं को ऑर्डर करने या कॉन्ट्रैक्ट जेनरेट करने की प्रक्रिया में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं है। GeM आपको अपने विवेकपूर्ण निर्णय और आवश्यकतानुसार बिना किसी अन्य पक्ष को शामिल किए खरीदारी करने देता है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पेपरलेस है, और इसे पोर्टल पर ही ट्रैक किया जा सकता है।
भुगतान प्रणाली के हिस्से के रूप में, GeM ने बैंकों (Gem Pool Accounts – GPA) के साथ एकीकृत किया है जिससे आप ऑनलाइन भुगतान करने के लिए खरीदार के रूप में सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, GeM ने CPSUs और PSUs के साथ एकीकरण किया है, जिससे उन्हें GeM पर किए गए अपने खरीद विवरण के संबंध में अपने ERP को अपडेट रखने में मदद मिलती है। यह सब बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के होता है जो खरीदारों को बड़े पैमाने पर मदद करता है।
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