ब्रिटिश आंतरिक निवेश के लिए वर्ष 2014 एक खास वर्ष रहा और हम वैश्विक रुझानों को धता बताने पर गर्व का अनुभव करते हैं। उद्यमिता और कॉरपोरेट जगत के लिए अपनी ऊर्जा, सूझ, अपना धन और अपने कार्य कौशल के ईष्टतम उपयोग हेतु ब्रिटेन एक बेहतरीन जगह है। ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार दुनिया भर से निवेश आकर्षित करने हेतु पुरजोर प्रयास करना जारी रखेगी।

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था

भारत जीडीपी के संदर्भ में वि‍श्‍व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है । यह अपने भौगोलि‍क आकार के संदर्भ में वि‍श्‍व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्‍या की दृष्‍टि‍ से दूसरा सबसे बड़ा देश है । हाल के वर्षों में भारत गरीबी और बेरोजगारी से संबंधि‍त मुद्दों के बावजूद वि‍श्‍व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्‍वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्‍त करने की दृष्‍टि‍ से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्‍मूलन और रोजगार उत्‍पन्‍न करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।

इति‍हास

ऐति‍हासि‍क रूप से भारत एक बहुत वि‍कसि‍त आर्थिक व्‍यवस्‍था थी जि‍सके वि‍श्‍व के अन्‍य भागों के साथ मजबूत व्‍यापारि‍क संबंध थे । औपनि‍वेशि‍क युग ( 1773-1947 ) के दौरान ब्रि‍टि‍श भारत से सस्‍ती दरों पर कच्‍ची सामग्री खरीदा करते थे और तैयार माल भारतीय बाजारों में सामान्‍य मूल्‍य से कहीं अधि‍क उच्‍चतर कीमत पर बेचा जाता था जि‍सके परि‍णामस्‍वरूप स्रोतों का द्धि‍मार्गी ह्रास होता था । इस अवधि‍ के दौरान वि‍श्‍व की आय में भारत का हि‍स्‍सा 1700 ए डी के 22.3 प्रति‍शत से गि‍रकर 1952 में 3.8 प्रति‍शत रह गया । 1947 में भारत के स्‍वतंत्रता प्राप्‍ति‍ के पश्‍चात अर्थव्‍यवस्‍था की पुननि‍र्माण प्रक्रि‍या प्रारंभ हुई । इस उद्देश्‍य से वि‍भि‍न्‍न नीति‍यॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्‍यम से कार्यान्‍वि‍त की गयी ।

1991 में भारत सरकार ने महत्‍वपूर्ण आर्थिक सुधार प्रस्‍तुत कि‍ए जो इस दृष्‍टि‍ से वृहद प्रयास थे जि‍नमें वि‍देश व्‍यापार उदारीकरण, वि‍त्तीय उदारीकरण, कर सुधार और वि‍देशी नि‍वेश के प्रति‍ आग्रह शामि‍ल था । इन उपायों ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को गति‍ देने में मदद की तब से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था बहुत आगे नि‍कल आई है । सकल स्‍वदेशी उत्‍पाद की औसत वृद्धि दर (फैक्‍टर लागत पर) जो 1951 - 91 के दौरान 4.34 प्रति‍शत थी, 1991-2011 के दौरान 6.24 प्रति‍शत के रूप में बढ़ गयी ।

कृषि‍

कृषि‍ भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ है जो न केवल इसलि‍ए कि‍ इससे देश की अधि‍कांश जनसंख्‍या को खाद्य की आपूर्ति होती है बल्‍कि‍ इसलि‍ए भी भारत की आधी से भी अधि‍क आबादी प्रत्‍यक्ष रूप से जीवि‍का के लि‍ए कृषि‍ पर नि‍र्भर है ।

वि‍भि‍न्‍न नीति‍गत उपायों के द्वारा कृषि‍ उत्‍पादन और उत्‍पादकता में वृद्धि‍ हुई, जि‍सके फलस्‍वरूप एक बड़ी सीमा तक खाद्य सुरक्षा प्राप्‍त हुई । कृषि‍ में वृद्धि‍ ने अन्‍य क्षेत्रों में भी अधि‍कतम रूप से अनुकूल प्रभाव डाला जि‍सके फलस्‍वरूप सम्‍पूर्ण अर्थव्‍यवस्‍था में और अधि‍कांश जनसंख्‍या तक लाभ पहुँचे । वर्ष 2010 - 11 में 241.6 मि‍लि‍यन टन का एक रि‍कार्ड खाद्य उत्‍पादन हुआ, जि‍समें सर्वकालीन उच्‍चतर रूप में गेहूँ, मोटा अनाज और दालों का उत्‍पादन हुआ । कृषि‍ क्षेत्र भारत के जीडीपी का लगभग 22 प्रति‍शत प्रदान करता है ।

उद्योग

औद्योगि‍क क्षेत्र भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लि‍ए महत्‍वपूर्ण है जोकि‍ वि‍भि‍न्‍न सामाजि‍क, आर्थिक उद्देश्‍यों की पूर्ति के लि‍ए आवश्‍यक है जैसे कि‍ ऋण के बोझ को कम करना, वि‍देशी प्रत्‍यक्ष नि‍वेश आवक (एफडीआई) का संवर्द्धन करना, आत्‍मनि‍र्भर वि‍तरण को बढ़ाना, वर्तमान आर्थिक परि‍दृय को वैवि‍ध्‍यपूर्ण और आधुनि‍क बनाना, क्षेत्रीय वि‍कास का संर्वद्धन, गरीबी उन्‍मूलन, लोगों के जीवन स्‍तर को उठाना आदि‍ हैं ।

स्‍वतंत्रता प्राप्‍ति‍ के पश्‍चात भारत सरकार देश में औद्योगि‍कीकरण के तीव्र संवर्द्धन की दृष्‍टि‍ से वि‍भि‍न्‍न नीति‍गत उपाय करती रही है । इस दि‍शा में प्रमुख कदम के रूप में औद्योगि‍क नीति‍ संकल्‍प की उदघोषणा करना है जो 1948 में पारि‍त हुआ और उसके अनुसार 1956 और 1991 में पारि‍त हुआ । 1991 के आर्थिक सुधार आयात प्रति‍बंधों को हटाना, पहले सार्वजनि‍क क्षेत्रों के लि‍ए आरक्षि‍त, नि‍जी क्षेत्रों में भागेदारी, बाजार सुनि‍श्‍चि‍त मुद्रा वि‍नि‍मय दरों की उदारीकृत शर्तें ( एफडीआई की आवक / जावक हेतु आदि‍ के द्वारा महत्‍वपूर्ण नीति‍गत परि‍वर्तन लाए । इन कदमों ने भारतीय उद्योग को अत्‍यधि‍क अपेक्षि‍त तीव्रता प्रदान की ।

आज औद्योगि‍क क्षेत्र 1991-92 के 22.8 प्रति‍शत से बढ़कर कुल जीडीपी का 26 प्रति‍शत अंशदान करता है ।

सेवाऍं

आर्थिक उदारीकरण सेवा उद्योग की एक तीव्र बढ़ोतरी के रूप में उभरा है और भारत वर्तमान समय में कृषि‍ आधरि‍त अर्थव्‍यवस्‍था से ज्ञान आधारि‍त अर्थव्‍यवस्‍था के रूप में परि‍वर्तन को देख रहा है । आज सेवा क्षेत्र जीडीपी के लगभग 55 प्रति‍शत ( 1991-92 के 44 प्रति‍शत से बढ़कर ) का अंशदान करता है जो कुल रोजगार का लगभग एक ति‍हाई है और भारत के कुल नि‍र्यातों का एक ति‍हाई है

भारतीय आईटी / साफ्टेवयर क्षेत्र ने एक उल्‍लेखनीय वैश्‍वि‍क ब्रांड पहचान प्राप्‍त की है जि‍सके लि‍ए नि‍म्‍नतर लागत, कुशल, शि‍क्षि‍त और धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलनी वाली जनशक्‍ति‍ के एक बड़े पुल की उपलब्‍धता को श्रेय दि‍या जाना चाहि‍ए । अन्‍य संभावना वाली और वर्द्धित सेवाओं में व्‍यवसाय प्रोसि‍स आउटसोर्सिंग, पर्यटन, यात्रा और परि‍वहन, कई व्‍यावसायि‍क सेवाऍं, आधारभूत ढॉंचे से संबंधि‍त सेवाऍं और वि‍त्तीय सेवाऍं शामि‍ल हैं।

बाहय क्षेत्र

1991 से पहले भारत सरकार ने वि‍देश व्‍यापार और वि‍देशी नि‍वेशों पर प्रति‍बंधों के माध्‍यम से वैश्‍वि‍क प्रति‍योगि‍ता से अपने उद्योगों को संरक्षण देने की एक नीति‍ अपनाई थी ।

उदारीकरण के प्रारंभ होने से भारत का बाहय क्षेत्र नाटकीय रूप से परि‍वर्तित हो गया । वि‍देश व्‍यापार उदार और टैरि‍फ एतर बनाया गया । वि‍देशी प्रत्‍यक्ष निवेश साधन नि‍वेश सहि‍त वि‍देशी संस्‍थागत नि‍वेश कई क्षेत्रों में हाथों - हाथ लि‍ए जा रहे हैं । वि‍त्‍तीय क्षेत्र जैसे बैंकिंग और बीमा का जोरदार उदय हो रहा है । रूपए मूल्‍य अन्‍य मुद्राओं के साथ-साथ जुड़कर बाजार की शक्‍ति‍यों से बड़े रूप में जुड़ रहे हैं ।

आज भारत में 20 बि‍लि‍यन अमरीकी डालर (2010 - 11) का वि‍देशी प्रत्‍यक्ष नि‍वेश हो रहा है । देश की वि‍देशी मुद्रा आरक्षि‍त (फारेक्‍स) 28 अक्‍टूबर, 2011 को 320 बि‍लि‍यन अ.डालर है । ( 31.5.1991 के 1.2 बि‍लि‍यन अ.डालर की तुलना में )

भारत माल के सर्वोच्‍च 20 नि‍र्यातकों में से एक है और 2010 में सर्वोच्‍च 10 सेवा नि‍र्यातकों में से एक है ।

यूरोप में ब्रिटेन सर्वोत्तम निवेश स्थल

UK is top investment destination in Europe

2014/15 के वित्त वर्ष में यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) के वार्षिक निवेश संबंधी आंकड़े दर्शाते हैं कि ब्रिटेन ने 1,988 एफडीआई परियोजनाएं हासिल कीं, जो वर्ष 2013/14 की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है, और अनुमान है कि इन निवेशों के साथ ब्रिटेन में 85,000 नई नौकरियां और 23,000 सुरक्षित रोजगार का सृजन हुआ।

2014 में ब्रिटेन के मजबूत प्रदर्शन के कारण देश में आंतरिक एफडीआई भंडार – ब्रिटेन में संचित एफडीआई का मूल्य – 10 खरब पाउंड के स्तर को पहली बार पार कर गया। यह यूरोप में सर्वाधिक है और सं.रा. और चीन के बाद दुनिया में दूसरा है।

प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा:

विदेशी निवेश की इतनी विशाल मात्रा एक बड़ी सफलता की कहानी कहती है जो यह दर्शाती है कि ब्रिटेन व्यवसाय करने की मुफीद जगह है और इससे यह बात भी प्रमाणित हो जाती है कि हमारी दीर्घकालीन आर्थिक योजना काम कर रही है। विदेशों से निवेश हासिल करना हजारों रोजगार के अवसर पैदा करने, संपूर्ण ब्रिटेन में लोगों के काम करने हेतु सुरक्षा और अवसर मुहैया करने के हमारे ‘एक राष्ट्र’ की नीतियों का अहम हिस्सा है।

व्यापार और निवेश मंत्री लॉर्ड मॉड ने कहा:

ब्रिटिश आंतरिक निवेश के लिए वर्ष 2014 एक खास वर्ष रहा और हम वैश्विक रुझानों को धता बताने पर गर्व का अनुभव करते हैं।

उद्यमिता और कॉरपोरेट जगत के लिए अपनी ऊर्जा, सूझ, अपना धन और अपने कार्य कौशल के ईष्टतम उपयोग हेतु ब्रिटेन एक बेहतरीन जगह है। ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार दुनिया भर से निवेश आकर्षित करने हेतु पुरजोर प्रयास करना जारी रखेगी।

यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) के आंकड़े दर्शाते हैं कि ब्रिटेन में एफडीआई 70 से भी अधिक देशों से आता है जिसमें दुनिया के प्रमुख उभरते बाजार भी शामिल हैं। 2014/15 में 564 परियोजनाओं के साथ सं.रा. अमेरिका आंतरिक निवेश का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है जिसके बाद फ्रांस (124 परियोजनाएं) का स्थान है। भारत से निवेश में 65% की वृद्धि हुई है और यह एफडीआई का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत बन गया है जिसकी वजह से ब्रिटेन में 9000 से अधिक नए और सुरक्षित रोजगार का सृजन हुआ है। चीन के साथ भी मजबूत संबंध के प्रमाण हैं जिसकी ओर 2014/15 में 112 परियोजनाएं आईं जिसमें 13 हौंग कौंग से हैं और इन इनसे लगभग 6000 नए और सुरक्षित रोजगार का सृजन हुआ है।

मिलान एक्सपो 2015 में ब्रिटिश और अंतर्राष्ट्रीय उद्योगपतियों से मुलाकात हेतु डेविड कैमरन और लॉर्ड मॉड आज मिलान जाएंगे। यह एक्सपो ब्रिटिश व्यवसाय जगत के लिए दुनिया भर से व्यवसायियों और पर्यटकों को ब्रिटेन आने के लिए आकर्षित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यूकेटीआई द्वारा ब्रिटिश कंपनियों की सहायता तथा आने वाले समय में ब्रिटेन को 1 अरब पाउंड का आर्थिक लाभ दिलाने हेतु एक ग्लोबल बिजनस कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

ऑफशोर विंड फाउंडेशन ईईडब्ल्यू एसपीसी (जर्मनी) और ब्लाड इंडस्ट्रीज (डेनमार्क) के अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं ने नॉर्थ ईस्ट इंगलैंड के टीसाइड में पूर्व टीएजी एनर्जी फैसिलिटी के अधिग्रहण और समुन्नयन के लिए 3 करोड़ पाउंड का निवेश किया है। यह फैसिलिटी फर्मों के लिए यूरोपीय विनिर्माण केन्द्र का एक अंग बनेगा और इससे इस इलाके में 350 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने का अनुमान है और साथ ही स्थानीय सप्लाइ चेन (आपूर्ति श्रृंखला) में भी बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा।

स्कूलबो – सिंगापुर का एक ई-लर्निंग प्रोग्राम है जो बच्चों को रीडिंग और गणित में मदद करता है, इसके द्वारा ब्रिटेन में अपना व्यवसाय लगाने के लिए 3,00,000 पाउंड का निवेश किया गया है। कंपनी ने छह स्टाफ सदस्य नियुक्त किए हैं और इसके प्रोग्राम 20% ब्रिटिश प्राइमरी स्कूलों ने अपनाए हैं।

इन महत्वपूर्ण वैश्विक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए व्यापार और निवेश मंत्री ने आज पांचवें ‘ग्रेट ग्लोबल इनवेस्टमेंट कॉनफ्रेंस’ की तारीख की भी घोषणा कर दी है, जिसका आयोजन इस साल 17 सितंबर को लंदन में किया जाएगा।

आगे भी ब्रिटेन किस प्रकार उच्च गुणवत्ता के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित कर सकता है इस पर चर्चा के लिए यह सम्मेलन वैश्विक कॉरपोरेट दिग्गजों तथा अन्य निवेश हितधारकों को एक जगह लाएगा और साथ ही इस सम्मेलन में उद्योग जगत के नायकों द्वारा अपनी सफलता की कहानियां भी साझा की जाएंगी।

आगे की जानकारी:

यूकेटीआई आंतरिक निवेश की सम्पूर्ण रिपोर्ट यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

ब्रिटेन में निवेश करने वाले सर्वोच्च 20 देश हैं:

यूकेटीआई विलय और अधिग्रहण सहित व्यापक प्रकार की आंतरिक निवेश परियोजनाओं तथा उन परियोजानाओं जिनकी घोषणा विदेशी निवेशकों द्वारा सार्वजनिक रूप से नहीं की जाती है, का रिकॉर्ड रखता है। इस प्रकार, यूकेटीआई द्वारा प्रस्तुत एफडीआई परियोजनाओं के आंकड़े ईवाय और एफटी जैसे बाहरी संगठनों के आंकड़ों से भिन्न होते हैं जो एफडीआई प्रवाह पर प्रमुख रूप से निवेश घोषणाओं के आधार पर नजर रखते हैं। ये बाहरी संगठन कैलेंडर वर्ष के आधार पर रिपोर्ट पेश करते हैं जबकि यूकेटीआई द्वारा वित्तीय वर्ष का अनुसरण किया जाता है।

यूकेटीआई एक सरकारी विभाग है जो ब्रिटिश कंपनी को वैश्विक अर्थव्यवस्था में सफल होने में सहायता करता है। हम बाहर की कंपनियों को भी ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में- जिसे वैश्विक व्यवसाय में सफलता पाने के लिए यूरोप की सबसे अच्छी जगह माना जाता है, उच्च गुणवत्ता के निवेश करने में सहायता करता है। ब्रिटेन में और दुनिया भर के ब्रिटिश दूतावासों तथा अन्य राजनयिक कार्यालयों में विशेषज्ञों के अपने व्यापक नेटवर्क के जरिए यूकेटीआई द्वारा विशेषज्ञता और संपर्क उपलब्ध कराई जाती है। हम कंपनियों को वे साधन उपलब्ध कराए जाते हैं जिनकी आवश्यकता उन्हें विश्व मंच पर प्रतिस्पर्धा करने में पड़ती है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया यहां संपर्क करें:

स्टुअर्ट ऐडम, निदेशक,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

‘ऑस्टिन विश्वविद्यालय’ के पास उप्र में 42 अरब डॉलर निवेश करने योग्य संसाधन नहीं

वाशिंगटन/लखनऊ, 22 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार के साथ हाल ही में 42 अरब डॉलर के निवेश से राज्य में ‘स्मार्ट सिटी ऑफ नॉलेज’ विकसित करने संबंधी सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर करने वाले कैलिफोर्निया के ऑस्टिन विश्वविद्यालय के पास इसके लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी से ऐसे संकेत मिलते हैं।

गौरतलब है कि 18 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, उसने ऑस्टिन विश्वविद्यालय के साथ एक सहमतिपत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। यह एमओयू वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, अवर मुख्य सचिव, बुनियादी ढांचा एवं औद्योगिक विकास अरविंद कुमार की उपस्थिति में हुआ था।

गौरतलब है कि यह ‘ऑस्टिन विश्वविद्यालय’ टेक्सास ऑस्टिन के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से अलग है। टेक्सास वाला विश्वविद्यालय अमेरिका में उच्च शिक्षा का प्रतिष्ठित संस्थान है जहां भारत सहित तमाम देशों के हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ते हैं।

बयान के अनुसार, 5,000 एकड़ जमीन पर ‘स्मार्ट सिटी ऑफ निवेश साधन नॉलेज’ विकसित करने पर 42 अरब डॉलर की लागत आएगी, जिसमें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों के परिसर स्थित होंगे।

‘ऑस्टिन विश्वविद्यालय’ की स्थिति के संबंध में सवाल पर अवर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने स्पष्ट किया कि एमओयू ‘ऑस्टिन कंसलटेंसी ग्रुप’ के साथ हुआ है ऑस्टिन विश्वविद्यालय के साथ नहीं और ऐसे में विश्वविद्यालय के संसाधनों के बारे में छानबीन करने की जरूरत नहीं है।

एमओयू से जुड़े विवादों पर कुमार ने बृहस्पतिवार को पीटीआई/भाषा से कहा, ‘‘यह सिर्फ एक प्रस्ताव है और इस स्तर पर अभी विस्तृत छंटनी नहीं हुई है और इसकी जरूरत भी नहीं है। फिलहाल ना तो हमने जमीन आवंटित की है और ना ही सब्सिडी और अन्य सुविधाओं को लेकर कोई वादा किया है। जब भी वह हमें विस्तृत जानकारी मुहैया कराएंगे, हम निवेश साधन उनके निवेश प्रस्ताव को आगे बढ़ाएंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने राज्य में ‘स्मार्ट सिटी ऑफ नॉलेज’ परियोजना की जिम्मेदारी उठाने का प्रस्ताव रखा है और हमने धन्यवाद के साथ उसे स्वीकार किया है।’’

उत्तर निवेश साधन प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए अमेरिका की यात्रा पर गए राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे कुमार ने कहा, ‘‘यह (एमओयू) प्रस्ताव की स्वीकृति का औपचारिक पत्र है ताकि उन्हें सरकार से समर्थन मिलने का भरोसा हो।’’

गौरतलब है कि ‘इंटरनल रेवेन्यू सर्विसेज’ (आईआरएस) के मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों की सूची में ‘ऑस्टिन विश्वविद्यालय’ का नाम नहीं है। ऐसा कोई रिकॉर्ड भी नहीं है कि ऑस्टिन विश्वविद्यालय में कोई छात्र, शिक्षक या सवैतनिक कर्मचारी है।

अमेरिका के शिक्षा विभाग के मान्यता प्राप्त या पंजीकृत विश्वविद्यालयों की सूची में भी ऑस्टिन विश्वविद्यालय का नाम नहीं है।

‘कॉरपोरेशन विकि’ पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उसकी वेबसाइट पर विश्वविद्यालय का जो पता दिया गया है वह पता कई दर्जन अन्य कंपनियों का भी है।

स्टुडेंट हैंडबुक के अनुसार, ‘‘यह संस्थान अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम एंफोर्समेंट (आईसीई) द्वारा ‘स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम’ में हिस्सा लेने के लिए मान्यता प्राप्त नहीं है और ना ही उसे आई-20 वीजा जारी करने का अधिकार है, इसलिए यह संस्थान एफ-1 या एम-1 वीजा पर आने वाले विदेशी छात्रों को स्वीकार नहीं कर सकता है। यह संस्थान कोई वीजा सेवा नहीं मुहैया कराता है और छात्रों की स्थिति पर कोई वादा नहीं करता है।’’

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

निवेश का सबसे अच्छा साधन कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंआप किसी म्यूचुअल फंड की वेबसाइट से सीधे निवेश कर सकते हैं. अगर आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं. अगर आप सीधे निवेश करते हैं तो आप म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं. अगर आप किसी एडवाइजर की मदद से निवेश कर रहे हैं तो आप रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं

म्यूचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंम्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना। एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर।

म्यूच्यूअल फण्ड में कितना रिटर्न मिलता है?

इसे सुनेंरोकेंअमूमन म्यूचुअल फंड्स में 10 से 12 फीसदी तक का अनुमानित रिटर्न मिलता है. एसआईपी के जरिए इंवेस्ट किया जाए तो जोखिम कम रहता है. इसमें आप थोड़ा-थोड़ा पैसा लगाकर लाखों रुपए जोड़ सकते हैं. अगर आप हर महीने महज 1500 रुपए भी निवेश करते हैं तो आप इसके जरिए 30 साल में लगभग 53 लाख तक का फंड बना सकते हैं

निवेश से क्या अभिप्राय है इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंनिवेश या विनियोग (investment) का सामान्य आशय ऐसे व्ययों से है जो उत्पादन क्षमता में वृद्धि लायें। यह तात्कालिक उपभोग व्यय या ऐसे व्ययों संबंधित नहीं है जो उत्पादन के दौरान समाप्त हो जाए। निवेश शब्द का कई मिलते जुलते अर्थों में अर्थशास्त्र, वित्त तथा व्यापार-प्रबन्धन आदि क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है।

निवेश क्या है निवेश के प्रकारों को समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंक्या है निवेश और इन्वेस्टमेंट के प्रकार जब हम किसी वित्तीय सम्पत्ति की खरीद इस उम्मीद से करते है कि भविष्य में हमें उससे लाभ मिलेगा, तो वह निवेश / इन्वेस्टमेंट (Investment) कहलाता है। निवेश करना यानी कि अपने पैसे या अन्य महत्वपूर्ण संसाधनो को भविष्य में लाभ प्राप्त करने की इच्छा से आवंटित करना।

PPF अकाउंट पर नया अपडेट, कौन नहीं खोल सकेगा ये खाता

PPF Account Ability, PPF Account NRI

Who is eligible for PPF: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) अकाउंट के जरिए लंबे समय के लिए आसान और सुरक्षित निवेश का साधन है. पीपीएफ के जरिए हमें अच्छा रिटर्न मिलता है. इसके अलावा भी कई सुविधाएं मिलती हैं. हालांकि, पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए कुछ मानदंड होते हैं अगर ये पूरे हो तो ही ये अकाउंट खोला जा सकता है. पीपीएफ अकाउंट कौन खोल सकता है और कौन नहीं इसके बारे में भी आपको जान लेना चाहिए.

पीपीएफ अकाउंट में कौन निवेश कर सकता है

पीपीएफ अकाउंट में केवल भारत के नागरिक ही निवेश कर सकते हैं.इस अकाउंट को 18 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति खोल सकते हैं. हालांकि, इस अकाउंट को 10 वर्ष के बच्चे के नाम पर भी खोल सकते हैं और 18 वर्ष पूरे होने तक अभिभावक इस अकाउंट को ऑपरेट कर सकते हैं. वहीं, पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए अधिकतम आयु सीमा निर्धारित नहीं यानी आप किसी भी उम्र में इस अकाउंट को खोल सकते हैं.आपको बता दें, अगर आपने पीपीएफ का एक अकाउंट खोल रखा है तो आप दूसरा अकाउंट नहीं खोल सकते हैं.

पीपीएफ अकाउंट कौन नहीं खोल सकता

पीपीएफ आकउंट कोई NRI नहीं खोल सकता है. इसके साथ ही हिंदू अविभाजित परिवारों को भी पीपीएफ अकाउंट खोलने की अनुमति नहीं है. हालांकि, NRI को लेकर एक अवाद है. अगर कोई भारतीय जो अब NRI है वह अपना पुराना पीपीएफ अकाउंट का टेन्योर पूरा होने तक निवेश कर सकता है. हालांकि, उस अकाउंट को 15 साल की मैच्योरिटी के बाद 5 साल के लिए आगे नहीं बढ़ा सकता है.

पीपीएफ अकाउंट की खास बातें

पीपीएफ अकाउंट की खास बात ये है कि, इस अकाउंट के जरिए आप अपने भविष्य के लिए एक बड़ी राशि जमा कर सकते हैं. वहीं जरूरत पड़ने पर आप इससे पैसे निकाल सकते हैं.इस अकाउंट पर आप लोन ले सकते हैं. वहीं, आप इस अकाउंट को 15 साल के बाद 5-5 साल तक दो बार आगे बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा पीपीएफ अकाउंटपर इनकम टैक्स अधिनियम की धार 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ भी ले सकते हैं. वहीं, पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज और रिटर्न इनकम टैक्स के तहत टैक्सेबल नहीं होते हैं.

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