T/P, T/G का मतलब
रेलवे लाइन के किनारे बोर्ड पर लिखे गए T/P का मतलब पैसेंजर ट्रेनों के लिए स्पीड कम करने से होता है. वहीं, T/G का अर्थ मालगाड़ी की स्पीड को लेकर होता है. येलो कलर के गोल बोर्ड पर ये स्पीड इंडिकेटर्स आपको दिखाई देंगे.
CUET आंसर की को चुनौती देने के लिए एनटीए के भारी शुल्क लगाने के छात्रों में रोष, बोले- कहां से लाएंगे इतना पैसा
By: ABP Live | Updated at : 11 Sep 2022 10:14 AM (IST)
CUET आंसर की को चुनौती देने के लिए प्रति प्रश्न देना होगा 200 रुपए का शुल्क
Delhi News: स्नातक उम्मीदवारों के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) की आंसर की को चुनौती देने के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा 200 रुपए प्रति प्रश्न (नॉन रिफंडेबल) शुल्क का जो नोटीफिकेशन जारी किया गया है, उसको लेकर परीक्षार्थियों ने नाराजगी जाहिर की है. नोटीफिकेशन का सीधा मतलब ये है कि यदि कोई छात्र CUET की उत्तर कुंजी को चुनौती देना चाहता है तो उसे इसके लिए प्रति प्रश्न 200 रुपए का शुल्क अदा करना होगा जो कि वापस नहीं किये जाएंगे. वहीं शुल्क को अदा किए बिना उत्तर कुंजी पर दर्ज कराई गई आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा.
डाक शुल्क गणना
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CUET का एग्जाम देने के लिया स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है योग्यता क्या होनी चाहिए?
CUET एग्जाम देने के लिए कैंडिडेट का 12th पास होना जरूरी होता है अगर आपने किसी भी स्ट्रीम से 12th पास किया है तो आप CUET एग्जाम देने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं. CUET एग्जाम एक एंट्रेंस एग्जाम है इसीलिए इस एग्जाम को देने के लिए कोई ऐज लिमिट नही रखी गयी है लेकिन आप जिस कॉलेज में, जिस कोर्स में एडमिशन लेना चाहते है अगर उसमे कोई ऐज रखी गयी होगी तो वो आपको पूरा करना होगा.
CUET एक्साम में अप्लाई करने के लिए आप इसकी ऑफिसियल वेबसाइट https://cuet.nta.nic.in/ पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं इसका एग्जाम अप्रैल महीने से शुरू हो चुका है अगर आप किसी अंडरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन लेना चाहते है तो आप इस फॉर्म को भर सकते हैं और CUET एग्जाम में अपेयर हो सकते है इसका सिलेक्शन प्रोसेस 4 स्टेप्स में होता है-
CUET एग्जाम देने के बाद आप कौन सी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है ले सकते हैं?
CUET एक्साम देने के बाद आप इंडिया के लगभग 45 कॉलेजेज में एडमिशन ले सकते हैं इन 45 कॉलेजेज में से ये कुछ स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है कॉलेज है-
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ अलाहाबाद
- जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
- बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश
- जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
- तेजपुर यूनिवर्सिटी, असम
- पोंडिचेरी यूनिवर्सिटी, पोंडिचेरी
- नार्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, मेघालय
- वेसवा भारती यूनिवर्सिटी, वेस्ट बंगाल
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ हैदराबाद, तेलंगाना
- अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ डेल्ही, Delhi
अगर आप CUET एक्साम पास कर लेते है तो आप इन कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं.
CUET एग्जाम का फॉर्म भरने के लिए फीस कितनी लगती है?
CUET एग्जाम का फॉर्म ऑनलाइन करने के लिए जनरल और ओबीसी केटेगरी के कैंडिडेट को 650/- रूपये, एससी केटेगरी के कैंडिडेट को 600/- रूपये, एसटी केटेगरी के कैंडिडेट को 550/- रूपये, और फॉरेन कैंडिडेट को 3000/- रूपये के लगभग एप्लीकेशन फीस देन होती है.
CUET एग्जाम पास करने के स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है बाद आप किसी सेंट्रल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर सकते हैं और ग्रेजुएशन पास करने के बाद आप किसी गवर्नमेंट जॉब में अप्लाई कर सकते हैं और गवर्नमेंट जॉब पा सकते हैं.
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- नई दिल्ली,
- 03 मार्च 2022,
- (अपडेटेड 03 मार्च 2022, 3:37 PM IST)
- रेलवे से संबंधित होते हैं कई सिंबल्स
- सभी सिंबल्स के कुछ न कुछ होते हैं मायने
Indian Railways Symbols: भारतीय रेलवे के जरिए से रोजाना बड़ी संख्या में लोग एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा करते हैं. इस बीच उनके रास्ते में कई रेलवे सिंबल्स भी पड़ते हैं, जिनपर उनकी नजरें तो जरूर जाती होंगी. हालांकि, काफी कम ही लोग होंगे जो इन सिंबल्स का मतलब जानते हैं. रेलवे के हर सिंबल का कोई न कोई मतलब जरूर होता है. यहां हम आपको उन रेलवे सिंबल्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि रेलवे से संबंधित हैं.
कैसे बनता है DL, जानिए प्रक्रिया से लेकर फीस तक की जानकारी
जानिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कौन से दस्तावेज चाहिए होते हैं। (फाइल फोटो)
ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है बनवाना है, लेकिन प्रक्रिया नहीं मालूम है? दफ्तरों और दलालों के चक्कर काट-काट कर परेशान हो चुके हैं? अगर स्प्रेड और फीस का क्या मतलब है फिर भी डीएल नहीं बन पा रहा है तो परेशान न हों। डीएल बनवाना बेहद सरल है। आप अपने चंद दस्तावेजों और टेस्ट के जरिए कुछ चरणों में डीएल पा सकते हैं। बशर्ते आपको इससे जुड़ी हर प्रकार की जानकारी हो। मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 की धारा 3 (1) के मुताबिक, देश में सड़क पर कोई भी वाहन चलाने के लिए डीएल होना जरूरी है। यह न केवल देश भर में गाड़ी चलाने के दौरान काम आता है, बल्कि अन्य कामों में भी बतौर दस्तावेज के तौर पर इस्तेमाल होता है। आप इसे सरकारी और गैर सरकारी कामों में एड्रेस या आईडी प्रूफ के तौर पर यूज कर सकते हैं। जानिए क्या है डीएल बनवाने का तरीका
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