WazirX के बाद ED की एक और भारतीय क्रिप्टो-एक्सचेंज पर कार्रवाई, Vauld के 370 करोड़ रुपये के एसेट्स जब्त
ED ने शुक्रवार को बताया कि उसने अवैध चाइनीज ऐप को पैसों की हेरफेर में मदद करने के आरोप में Vauld के बैंक खातों, पेमेंट गेटवे बैलेंस और क्रिप्टो बैलेंस में रखे 370 करोड़ रुपये के एसेट्स को जब्त किया है
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वजीरएक्स (WazirX) के बाद अब एक और भारतीय क्रिप्टो-एक्सचेंज प्लेटफॉर्म 'वॉल्ड (Vauld)' पर कार्रवाई की है। ED ने शुक्रवार को बताया कि उसने Vauld के बैंक खातों, पेमेंट गेटवे बैलेंस और क्रिप्टो बैलेंस को जब्त करने का आदेश दिया है, जिनकी कुल करीब 370 करोड़ रुपये है। Vauld पर कुछ अवैध चाइनीज लेंडिंप ऐप को मनी-लॉन्ड्रिंग में मदद पहुंचाने का आरोप है, जिसे लेकर ED ने यह कार्रवाई की है।
ED की कार्रवाई के बाद पहले से ही वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रहे वॉल्ड (Vauld)' के लिए अब मुश्किलें और बढ़ गई हैं। ED ने बताया कि 164.4 करोड़ रुपये के पेमेंट गेटवे बैलेंस और पूल अकाउंट में पड़े 203.26 करोड़ रुपये के क्रिप्टो एसेट्स को जब्त किया गया है।
ED ने बेंगलुरु मुख्यालय वाली M/s येलो ट्यून टेक्वोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी और जब्त की गई संपत्तियां फ्लिपवॉल्ट क्रिप्टो-करेंसी एक्सचेंज की है, जो वॉल्ड को चलाती है। इससे पहले ED ने इसी मामले में देश की सबसे बड़ी क्रिप्टो-एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) के बैंक खातों में पड़े 64.67 करोड़ रुपये को पिछले हफ्ते जब्त करने का आदेश दिया था।
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केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में बताया, "आपराधिक जांच शुरू होने के बाद, इनमें से कई फिनटेक ऐप ने दुकान बंद कर दी है और इन गलत तरीकों से कमाए भारी मुनाफे को डायवर्ट कर छुपा दिया है। पैसों का पीछा करने की कोशिश के तहत ED ने पाया कि 23 आरोपी NBFC कंपनियों और लेंडिंग ऐप ने मिलकर करीब 370 करोड़ रुपये का फंड M/s येलो ट्यून टेक्वोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के INR क्रिप्टो खाते में जमा किया था, जो क्रिप्टो-एक्सचेंज M/s फ्लिपवॉल्ट क्रिप्टो-करेंसी एक्सचेंज के पास खुला था।" एजेंसी ने बताया कि यह रकम अपराध के जरिए हासिल की गई थी।
ED ने बताया कि इसके बाद इन पैसों से खरीदे क्रिप्टो-करेंसी को कई अज्ञात विदेशी वॉलेट एड्रेस में ट्रांसफर कर दिया गया था। एजेंसी ने 8 अगस्त से 10 अगस्त के बीत M/s येलो ट्यून टेक्वोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के कई ठिकानों की तलाशी ली, लेकिन उसे इस फर्म के असली लाभार्थी और वॉलेट से जुड़े व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई।
एजेंसी ने आगे कहा, "जांच में पाया गया कि इस फर्जी कंपनी को दो चीनों नागरिकों ने खोला था, जिनके नाम एलेक्स और कैदी (वास्तविक नाम की जानकारी नहीं) हैं। इन्होंने कुछ इच्छुक सीए और सीएस को इस मिलीभगत में शामिल किया और फर्जी डायरेक्टरों के नाम पर खाते खोले।"
MoneyControl News
First Published: Aug 12, 2022 11:14 PM
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Cryptocurrency News: लेनदेन में बरतें सावधानी, भारत में नहीं है कोई नियम-कानून, भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX की हो रही है जांच
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन को लेकर अभी कोई नियम कानून नहीं है. ऐसे में क्रिप्टो के लेनदेन में आपको सावधानी बरतनी चाहिए. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX को लेकर बड़ा खुलासा होने की संभावना है.
Updated: August 12, 2022 11:06 AM IST
Wazirx to Binance Transfer: भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स ने कल घोषणा की है कि वह अब उपयोगकर्ताओं के वज़ीरएक्स खातों और उनके Binance खातों के बीच क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज फंड ट्रांसफर को सक्षम नहीं करेगा. वज़ीरएक्स ने कानूनी कारणों का हवाला देते हुए उपयोगकर्ताओं को अपने क्रिप्टो फंड को अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर स्थानांतरित करने के खिलाफ भी चेतावनी दी है. वज़ीरएक्स ने कल जारी विज्ञप्ति में कहा, “11 अगस्त 2022 से सुबह 7:30 बजे से प्रभावी, वज़ीरएक्स” Binance के साथ लॉगिन “विकल्प के माध्यम से वज़ीरएक्स और Binance के बीच ऑफ-चेन फंड ट्रांसफर का समर्थन करना बंद कर देगा.”
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वजीरएक्स एक्सचेंज में मिली है गड़बड़ी
यह अपडेट भारत के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा दावा किए जाने के लगभग एक हफ्ते बाद आया है कि Binance के बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए वज़ीरएक्स से लेनदेन “ऑफ-चेन” हो रहा था. प्रवर्तन निदेशालय ने बाद में वज़ीरएक्स के बैंक जमा में ₹64.67 करोड़ को फ्रीज कर दिया है और एक्सचेंज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है.
वजीरएक्स ने दी थी सफाई
वज़ीरएक्स ने मंगलवार को स्पष्ट किया था कि उपयोगकर्ता केवल अपने वज़ीरएक्स और Binance खातों के बीच फंड ट्रांसफर कर सकते हैं. इसने यह भी दावा किया कि इन सभी लेनदेन के लिए केवाईसी विवरण एकत्र किया गया था और जब भी अनुरोध किया गया था, इस तरह के डेटा को ईडी को प्रस्तुत किया गया था.
क्या है वजीरएक्स
WazirX एक नया Crypto Currency Exchange है और खास बात यह है कि यह भारत का सबसे बड़ा Cryptocurrency Exchange है. यह Peer to Peer Crypto Transaction Allow करता है. यानी यह बिटकॉइन (Bitcoin) एथेरियम, रिपल (ripple), ट्रोन (Tron), लिटकान (litcoin) और दूसरी क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने की सुविधा देता है. इसका हेड आफिस मुंबई में है.
WazirX में क्रिप्टोकरेंसी के गलत लेनदेन का शक
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वज़ीरएक्स क्रिप्टो-मुद्रा एक्सचेंज के निदेशक पर छापा मारा और 5 अगस्त, 2022 को आभासी क्रिप्टो संपत्तियों की खरीद और हस्तांतरण के माध्यम से धोखाधड़ी के पैसे की धोखाधड़ी में आरोपी तत्काल ऋण ऐप कंपनियों की सहायता के लिए 64.67 करोड़ रुपये की अपनी बैंक संपत्ति को फ्रीज कर दिया है.
एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया कि ईडी मामले की जांच कर रहा है. सूत्रों ने कहा, “निवेशकों को सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि वज़ीरक्स प्रकरण ने Cryptocurrency ट्रेडिंग पर बहुत सारे मुद्दों को उठाया है.”
क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में बरतें विशेष सावधानी
गुरुवार को एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले को देख रहा है. ग्राहकों से कहा गया है कि क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन में और सावधानी बरतना आवश्यक है. एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया, “क्रिप्टोकरेंसी से निपटने के दौरान सावधानी बरतना आवश्यक है. वज़ीरएक्स एपिसोड ने क्रिप्टो लेनदेन के एक काले पक्ष को उजागर किया है और प्रवर्तन निदेशालय इसे देख रहा है.”
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियम-कानून नहीं
क्रिप्टो कारोबार बाजार वजीरएक्स की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लांड्रिंग जांच और उसके बाद उसके प्रवर्तकों के बीच विवाद ने क्रिप्टोकरेंसी के ‘स्याह पहलू’ को उजागर किया है. उन्होंने कहा कि लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि क्रिप्टो करेंसी और तथाकथित एक्सचेंज के जरिये होने वाले कारोबार को नियंत्रित करने के लिये फिलहाल कोई नियम-कानून नहीं है, ऐसे में उन्हें इसको लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है.
एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया, “अगर चीनी कंपनियों द्वारा कोई गलत काम किया जाता है, तो प्रवर्तन एजेंसियां उस पर शिकंजा कसेंगी.”
लोकप्रिय वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म Binance ने भारतीय एक्सचेंज से खुद को दूर कर लिया. मुख्य कार्यकारी अधिकारी चांगपेंग झाओ ने कहा कि बिनेंस के पास वज़ीरएक्स की मूल इकाई ज़ानमाई लैब्स में हिस्सेदारी नहीं है.
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भारत के टॉप Crypto Exchange ईडी के रडार पर, 8 करोड़ लोगों का लगा है पैसा
Crypto Exchange: ED ने वजीरएक्स के 65 करोड़ रुपये सीज किए तो एक अन्य एक्सचेंज के 370 करोड़ रुपये सीज किए.
केंद्रीय एजेंसी ED जिसने कई विपक्षी नेताओं को डरा रखा है इस वक्त सुर्खियों में हैं, नेता ही नहीं ईडी के निशाने पर अब क्रिप्टो एक्सचेंज (Crypto Currency Exchange) भी हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज मतलब जहां क्रिप्टो करेंसी खरीदी और बेची जाती है. भारत के 10 क्रिप्टो एक्सचेंज और सैकड़ों इंस्टेंट लोन एप्स भी ED के रडार पर हैं. इसकी वजह क्या है? क्या गलती हुई है? इन सारे सवालों का जवाब देंगे इस वीडियो में और सरकार से भी पूछेंगे कुछ सवाल.
नमस्कार मैं हूं प्रतीक वाघमारे..क्रिप्टो पर किचकिच से पहले आपकी जेब से जुड़ी हफ्ते की खबरों पर नजर डालते हैं-
RBI ने महंगाई को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि इस वित्त वर्ष महंगाई को नियंत्रण में लाना मुश्किल है और इसे करेंसी एक्सचेंज कम करना तो और भी मुश्किल. संकेत साफ है ब्याज दरों में फिर बढ़ोतरी हो सकती है.
RBI पेमेंट इकोसिस्टम में बदलाव करने की तैयारी में है, इसके तहत आप जो UPI ट्रांजेक्शन करते हैं उस पर चार्ज लग सकता है और NEFT, RTGS पर लगने वाले चार्ज में भी बदलाव आ सकता है.
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में $2 बिलियन की कमी के साथ अब इसमें $570 बिलियन बचे हैं
पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कहा कि कंपनी सितंबर 2023 तक मुनाफे में आ जाएगी. बता दें कि लंबे समय से कंपनी घाटे में चल रही है.
शुक्रवार को क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन तेजी से गिरा और 3 हफ्ते के निचले स्तर पर आ गया. यह 8% से ज्यादा फिसलकर $22,000 स्तर से भी नीचे आ गया है.
लग रहा है क्रिप्टो के दिन अच्छे नहीं चल रहे. हुआ ये है कि ED ने देश की 10 क्रिप्टो एक्सचेंज को जांच के दायरे में रखा है. और ये एक्सचेंज देश के नामी और बड़े करेंसी एक्सचेंज एक्सचेंज हैं. इसमें वजीरएक्स, कॉइन डीसीएक्स, कॉइनस्विच कुबेर समेत कई बड़े नाम हैं. ED ने वजीरएक्स के 65 करोड़ रुपये सीज किए तो एक अन्य एक्सचेंज के 370 करोड़ रुपये सीज किए. आरोप है कि ये एक्सचेंज FEMA यानी फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट का उल्लंघन कर रहे थे और मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त रहे. आपने फटाफट लोन देने वाले एप्स और उनके फर्जीवाड़े की खबरें तो सुनी है, अब ऐसी 300 एप्स ED की रडार पर है जो 10 क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए कथित तौर पर 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग कर रहे थे. ED की जांच में पाया गया कि इन लोन एप्स को चलाने वाली कंपनियों ने क्रिप्टो एक्सचेंज से 100 करोड़ रुपये से अधिक की एसेट्स खरीदने के लिए संपर्क किया, इसे विदेशी वॉलेट में ट्रांसफर कर करेंसी एक्सचेंज दिया. इन एक्सचेंज के अलावा ये कई अन्य नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट का भी सहारा ले रहे थे. इन एप्स को चाइना की कंपनियों की बैकिंग है, इनके पास फंड भी काफी है. इन इंस्टेंट लोन एप ने अपने प्रॉफिट को अवैध रूप से बाहर भेजने के लिए ये तिगड़म अपनाया.
इन क्रिप्टो एक्सचेंज ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि ये देश के सभी नियम कानूनों का पालन कर रहे हैं. लेकिन ED ने अपनी जांच में बताया कि केवाईसी यानी ‘नो यॉर कस्टमर’ के नियम को भी ठीक से लागू नहीं किया गया करेंसी एक्सचेंज है. केवाईसी में ऐसे लोगों का डेटा मिला है जिनका क्रिप्टो से कोई लेना देना नहीं है. ED ने बताया कि ऐसा होने पर एक्सचेंज को संदिग्ध ट्रांजेक्शन रिपोर्ट फाइल करनी थी वो नहीं की गई है.
सोचिए क्रिप्टो में कितना पैसा लगा हुआ है, मार्केट एंड मार्केट्स समेत कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि क्रिप्टो का मार्केट साइज 2021 में 1.6 बिलियन डॉलर था जो 2026 तक बढ़कर 2.2 बिलियन डॉलर का हो सकता है. यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में देश की 7 फीसदी आबादी से भी ज्यादा लोगों के पास क्रिप्टो है.
इसलिए बात चिंता की है और सवाल सरकार से है जिसकी आंखों के सामने लंबे समय से ये सब चल रहा है-
2017-18 में जब से क्रिप्टो का बूम शुरू हुआ तो दुनिया की बड़ी एजेंसी करेंसी एक्सचेंज IMF और FATF ने चेताया था कि क्रिप्टो में मनी लॉन्ड्रिंग का गहरा रिस्क है.
इसके अलावा पिछले दो साल से लगातार RBI भी कह रहा है कि क्रिप्टो में पार्दर्शिता नहीं है.
क्रिप्टो को लेकर भारत में कोई रेग्युलेटर नहीं है. कोई नियम कायदा नहीं है. ये एक्सचेंज ठीक से केवाईसी जैसी बेसिक सी व्यवस्था लागू नहीं कर पाए
फिर क्रिप्टो में होने वाले ट्रांजेक्शन को ट्रेस करना मुश्किल है.
यहां तक की सरकार खुद भी क्रिप्टो के फेवर में कभी दिखाई नहीं दी.
इन सबके बावजूद सरकार ने क्रिप्टो को देश में फलने फुलने दिया, दो बार इसे लेकर बिल पेश किया और तो और क्रिप्टो में प्रॉफिट पर 30% का टैक्स लगाकर उससे कमाई भी कर रही है. क्या सरकार को क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग होने के रिस्क के बारे में नहीं मालूम था.
INR USD Exchange Rate Today: 100 भारतीय रुपये आज अमेरिका में 1.29 डॉलर, पढ़िए 30 मई एक्सचेंज रेट
अमेरिका में भारत के 100 रुपये के बदले सिर्फ 1.29 डॉलर मिलेगा। आज यानी 30 मई के एक्सचेंज रेट के अनुसार, भारत का एक रुपया अमेरिका के 0.013 डॉलर बराबर है। तो एक डॉलर भारत में 77.54 रुपयों के बराबर है।
काफी संख्या में ऐसे प्रवासी अमेरिका में रहते हैं जो मूलरूप से भारत के रहने वाले हैं। इनमें कुछ लोग कारोबारी तो काफी छात्र और नौकरी करने वाले भी हैं। अधिकतर समय में इन सभी लोगों का भारत से पैसों का लेनदेन चलता रहता है। क्योंकि भारत से आया पैसा अमेरिका में वैश्विक करेंसी डॉलर में चेंज होकर मिलेगा। ऐसे में वैश्विक बाजार में प्रतिदिन डॉलर और रुपये का भाव ऊपर-नीचे होता रहता है। इसलिए लोगों को डॉलर में बदलवाने के लिए पूरा हिसाब करना पड़ता है। ऐसे में हम हर रोज आपको डॉलर एक्सचेंज रेट बताते हैं जिससे आपको परेशानी ना उठानी पड़े।
सोमवार 30 मई यानी आज अगर भारत के 100 रुपये अमेरिका में बदलवाना चाहते हैं तो आपके हाथ में सिर्फ 1.29 अमेरिकी डॉलर आएगा। आज वैश्विक बाजार में भारत का एक रुपया अमेरिका में 0.013 डॉलर बराबर है। ऐसे में भारतीय रुपये को कोई डॉलर में बदलना चाहते हैं तो 10 हजार रुपयों के बदले अमेरिका में आपको 128.96 डॉलर मिलेंगे। सोमवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 77.54 रुपये पर बंद हुआ।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से रुपया और डॉलर के भाव में ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया। थोड़ा बहुत ही भाव ऊपर नीचे हो रहा है। हालांकि, बड़े स्तर पर देखें तो पिछले कुछ समय से भारतीय रुपया लगातार नीचे होने की ओर है। जब रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरता है, तो यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संदेश नहीं होता। यह इंसान की लिविंग को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। मुद्रा मूल्य में गिरावट का तत्काल प्रभाव मुद्रास्फीति में वृद्धि है। अन्य बाजारों की तरह, मुद्रा बाजार करेंसी एक्सचेंज भी मांग और आपूर्ति के आधार पर काम करता है।
RBI ने लॉन्च किया ‘डिजिटल रुपया’ (e₹), समझिए क्या होंगे इसके फायदे
RBI Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज 1 नवंबर को अपनी करेंसी एक्सचेंज डिजिटल करेंसी ‘डिजिटल रुपया’ को लॉन्च कर दिया है। केंद्रीय बैंक (RBI) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) जारी किया है। यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। शुरुआती दौर में डिजिटल रुपया सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेन-देन निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
Key Points
– भारत सरकार ने 01 फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की
– 30 मार्च, 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की
– 01 नवंबर, 2022 को होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (e₹) लांच
पायलट प्रोजेक्ट
इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा। आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है।
आरबीआई ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा करेंसी एक्सचेंज था कि यह डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है। इससे यूजर्स को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे।
डिजिटल करेंसी में 9 बैंक शामिल
थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं। ये बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है।
क्या है CBDC
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है।
दो तरह की होगी CBDC
– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है
पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।
RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।
डिजिटल करेंसी के फायदे
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे
बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान।
CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगा
चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी
CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है
अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई करेंसी एक्सचेंज मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।
अर्थव्यवस्था को होगा फायदा
भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के करेंसी एक्सचेंज लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।
डिजिटल रुपया (e ₹) प्रणाली भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी, जिसका बड़ा सकारात्मक असर पूरी अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा।
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