High voltage fuse of transformer breaks one phase;

नॉकके-हीस्ट660V से 380V तीन फैज रूपांतरकउद्योग विकास प्रवृत्ति विश्लेषण

केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप से आप क्या समझते हैं ? केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापों का उदाहरण

केन्द्रीय प्रवृत्ति का अर्थ उस मान से है जो प्राप्त आंकड़ो का प्रतिनिधित्व करता है। आंकड़ों के इस प्रतिनिधिकारी मान अथवा मूल्य को केन्द्रीय प्रवृत्ति का मान कहते हैं और जिन सांख्यिकीय विधियों के द्वारा इसकी गणना की जाती है उसे केन्द्रीय प्रवृत्ति का माप कहा जाता है। ये माप तीन प्रकार के माने जाते है। मध्यमान, मध्यांक तथा बहुलांक।

मैरिट के शब्दों में केन्द्रीय प्रवृत्ति का माप एक औसत है, जो समूह द्वारा बनाये गये प्राप्तांकों का प्रतिनिधित्व करता है और इस प्रकार सम्पूर्ण समूह की निष्पत्ति का संक्षिप्त विवरण देता है।

यद्यपि मध्यमान, मध्यांक तथा बहुलांक ये तीनों ही माप केन्द्रीय प्रवृत्ति के सूचक हैं किन्तु समय एवं शुद्धता की दृष्टि से इनमें अन्तर पाया जाता है। मध्यमान केन्द्रीय प्रवृत्ति का सबसे शुद्ध मान है, किन्त इसकी गणना करने प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं में समय अधिक लगता है। मध्यांक मध्यमान की अपेक्षा कम शुद्ध है, लेकिन इसकी गणना करने में अपेक्षाकृत कम समय लगता हैं बहुलांक मध्यमान एवं मध्यांक की अपेक्षा कम शुद्ध मान है। इसकी गणना करने में मध्यमान एवं मध्यांक से कम समय लगता है।

केन्द्रीय प्रवृत्ति के मापों का महत्व

शैक्षिक अध्ययनों में केन्द्रय प्रवृत्ति के मापों का महत्व निम्नलिखित है-

1. केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप अपेक्षाकृत स्थिर होते है, अत: इसके द्वारा व्यवहार का मात्रात्मक अध्ययन अधिक शुद्धता से किया जा सकता है।

2. किसी भी शैक्षिक अध्ययन में प्राप्त आंकड़ों के सांख्यिकीय विश्लेषण करने में केन्द्रीय प्रवृत्ति के मापों की आवश्यकता पड़ती है।

3. केन्द्रीय प्रवृत्ति समूह के प्राप्तांकों का प्रतिनिधित्व करती है।

4. यह सम्पूर्ण समूह की विशेषताओं को प्रदर्शित करती है तथा इसके द्वारा विभिन्न समूहों की विशेषताओं की तुलना की जा सकती है।

केन्द्रीय प्रवृत्ति के मापों की सीमाएँ

1. केन्द्रीय प्रवृत्ति के विभिन्न माप सांख्यिकीय विश्लेषण में भिन्न-भिन्न निष्कर्ष प्रस्तुत करते हैं।

2. ये समस्त समूह या वर्ग का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम नहीं है।

3. ये किसी समूह या वर्ग की सामूहिक विशेषताओं की ओर संकेत करते हैं और व्यक्तिगत विशेषताओं पर प्रकाश नहीं डालते हैं।

नॉकके-हीस्ट660V से 380V तीन फैज रूपांतरकउद्योग विकास प्रवृत्ति विश्लेषण

परीक्षण के बाद, अलार्म सार्किट के साथ स्वचालित रेले के डाटा संकेत संपर्क को कनेक्ट करें, खोलेंगे सार्किट के साथ खींचने के सं

रूपांतरित करनेवाले के अनुरक्षित रूपांतरित करनेवाले के कारण और प्रत्येक उच्च वोल्टेज प्रदर्शक के द्वारा रूपांतरित करनेवाले विब्रेशन द्

नॉकके-हीस्टDry type transformer is a common electrical equipment, which can be used to convert the alternating voltage of one standard value into another standard value of the same frequency. स्टेप-अप सूखी प्रकार रूपांतरित करनेवाला इस्तेमाल किया जाता है कि कम ग्रेड वैलेटेज को उसी आवृत्ति के अन्य उच्च ग्रेड वैलेटेज यह उच्च फ्रीक्वेन्सी इंड्रेस्ट्रीस में विस्तृत प्रयोग किया जाता है जैसे वेरिएबल फ्रीक्वेन्सी

(I) kV के बाहरी कंटूर के और सूखी किसी परिवर्तन करनेवाले के नीचे और आसपास के गार्ड्रेल या कोर्टियर्ड दीवार के बीच दूरी है जो सूखी किसी परिवर्तन करनेवाले के सुधार वास्तविक प्रक्रिया के साथ कोण पर, m से ज्यादा अंतराल रखना होगा; यदि मेटाल फेन्स चुना जाता है, प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं तो यह एक पावर परिवर्तनकर्ता में हो सकता है जैसा ग्लास टेस्ट

प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है?

रुझान विश्लेषण - अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में सफल काम के मूलभूत तत्वों में से एक विदेशी मुद्रा यह तकनीकी विश्लेषण के बाद के आवेदन के साथ मूल्य चार्ट के विस्तृत अध्ययन पर आधारित है। दूसरे शब्दों में, प्रवृत्ति विश्लेषण यह है कि भविष्य में क्या हो रहा है, यह देखकर कि क्या हो रहा है और क्या हुआ, अतीत में क्या हो रहा है। इस प्रकार के विश्लेषण के तरीकों का उपयोग सफलतापूर्वक वस्तुओं और सेवाओं की मांग का आकलन करने और बिक्री की भविष्यवाणी करने और कुछ वस्तुओं या सेवाओं की मांग का आकलन करने के लिए भी किया जाता है।

प्रवृत्ति प्रवृत्ति विश्लेषण के रूप में इस तरह के एक साधन का आधार है। यह शब्द किसी भी दिशा में अपने चार्ट पर बाजार मूल्य के पाठ्यक्रम को संदर्भित करता है। इसे तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

- तथाकथित "तेजी", या एक uptrend यह प्रवृत्ति कीमत में स्पष्ट वृद्धि दर्शाती है।

प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं

Year: Jan, 2014
Volume: 7 / Issue: 13
Pages: 1 - 5 (5)
Publisher: Ignited Minds Journals
Source:
E-ISSN: 2230-7540
DOI:
Published URL: http://ignited.in/I/a/303449
Published On: Jan, 2014

भारत में नगरीकरण की प्रवृत्ति, प्रभाव एवं समस्याऐं | Original Article

Ashish Shukla*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

प्रवृत्ति विश्लेषण के तीन प्रकार क्या हैं

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