बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम

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Expand your grasp of crypto with AscendEX Discover

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The past decade has seen significant innovation in the digital currency space. Bitcoin was an advancement in money related tech followed by Ethereum, a decentralized development platform that enables its users to build and deploy decentralized applications. These creations have dominated news headlines as people have piled onto the bandwagon and begun getting in on the action of blockchain technology and digital currencies. One such digital currency is Tether (USDT), an Ethereum based token pegged to the value of a U.S. dollar, also known as a stablecoin.

So, you’ve adopted cryptocurrencies and want to enter the world of trading. But before you jump in, it’s important to learn about how things work. Limit orders are one of the most important concepts for traders and if you don’t know about them, you are going to be at a big disadvantage when trading. By reading this article, you should have a better picture of what they are and how they can help you get the best market prices when speculating on the price of digital assets.

Over the past few years, blockchain technology has grown considerably in terms of popularity and mass adoption. Once only known as the technology that powers Bitcoin, blockchain is now used by thousands of companies across the globe. The number one concern of any company that is currently working with or planning to implement blockchain is scalability. A viable solution to the scalability issue that is currently plaguing blockchain technology is called “Layer 2.” At its core, Layer 2 is a protocol that resides on top of the original blockchain layer and manages transactions between users through side chains.

Digital assets, such as Bitcoin and Ethereum, have seen exponential growth in recent years. This has led to unprecedented financial returns for early adopters. Many members of the cryptocurrency community would like to benefit from these financial gains without having to purchase digital assets directly and those users want extra buying power without owning currency themselves.

Most traders don't really have time to decide what price they want to buy or sell a crypto at. Every second matters when you are trading, so they don't want to spend time pondering which price they want to buy or sell, especially if it is a highly liquid market. So बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम the use of Market Orders has become popular among traders and these orders get filled almost immediately at the latest posted price or better. Market Orders are the equivalent of an impulse purchase. You see some new game your friend can’t stop talking about, and you feel a strong desire to own it right now.

Coinciding with the explosion of gaming and virtual reality economies, blockchain technology is revolutionizing how we look at digital assets. NFTs are a part of the broader crypto-collectible phenomenon, where unique digital items can be sold and purchased. NFTs are gaining momentum from mainstream media, as well as attracting notable investors such as Michael Novogratz who has publicly stated that he believes digital art will be one of the first big markets for blockchain adoption and growth.

You’ve probably heard that blockchain technology will soon revolutionize the way we do just about everything – including how we buy and sell things. But you might still be wondering what, exactly, is a smart contract, why does it matter, and how does it work?

Cryptocurrency में निवेश करना हुआ और भी आसान, अब ZebPay के जरिए लगाएं पैसा और करें कमाई!

ZebPay ऐप से क्रिप्टो में करें निवेश

cryptokisamajh-भारत में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पर पाबंदी नहीं है. इसलिए आप अपनी पसंद के अनुसार ट्रेड कर सकते हैं. . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 06, 2021, 18:31 IST

नई दिल्ली: अगर आप बाहरी दुनिया से बेखबर नहीं हैं, तो आपने निश्चित तौर पर क्रिप्टोकरेंसी, Bitcoin और NFT जैसे शब्द सुने होंगे. यह एक अच्छी शुरुआत है और हम में से कई लोग इस बारे में जानते हैं. अगर आपको पहले से ही इस बारे में जानकारी है, तो आपको यह भी पता होगा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पर पाबंदी नहीं है. इसलिए आप अपनी पसंद के अनुसार ट्रेड कर सकते हैं.

Paypal, Visa और Mastercard जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ अल सल्वाडोर जैसे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है. इसे देखते हुए, अब क्रिप्टो की दुनिया में अपना पैर रखने और इस मौके को भुनाने का समय आ गया है.

2010 में खरीदा होगा Bitcoin तो बन गए होंगे करोड़पति
आइए इस सच्चाई को अपनाएं और FOMO की असलियत को स्वीकार करें. साथ ही, यह बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम भी स्वीकार करें कि Bitcoin, पिछले दशक में किसी भी व्यक्ति के द्वारा किए गए बेहतरीन निवेशों में से एक रहा है. अगर आपने 2010 में 10,000 रुपये का Bitcoin खरीदा था, तो आप सिर्फ़ सात साल बाद 2017 में 66 करोड़ रुपये के मालिक बन गए होंगे. इस तरह सिर्फ सात सालों में 66,00,000 फीसदी की वृद्धि हुई. यह जुलाई 2017 का आंकड़ा है जब 1 Bitcoin की कीमत 2779 अमेरिकी डॉलर थी.

इस समय 46,000 डॉलर है बिटकॉइन की कीमत
2017 के बाद से Bitcoin की कीमत और भी बढ़ गई है. इस समय, एक Bitcoin की कीमत 46,000 डॉलर (INR 34.46 लाख) से अधिक है. अगर आप किसी ऐसे एसेट क्लास को दिखा सकें जिसने इतनी वृद्धि की है, तो हम अपने शब्दों को तुरंत वापस ले लेंगे.

जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
विश्लेषकों का कहना है कि दिसंबर 2025 तक एक Bitcoin की कीमत 3,18,417 अमेरिकी डॉलर (INR 2.36 करोड़) तक पहुंचने की उम्मीद है! यह पहली बार निवेश करने की इच्छा रखने वालों के लिए एक अच्छा संकेत है. ऐसे लोग अभी भी Bitcoin की तरक्की की कहानी का हिस्सा बन सकते हैं. आइए शुरू करें.

क्रिप्टोकरेंसी में कैसे करें निवेश की शुरुआत?
अब जबकि आपने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का फैसला ले लिया है, तो आपको यह ज़रूर जानना चाहिए कि इस नए एसेट क्लास में आपके लिए क्या अच्छा है. खास तौर पर, जब आपको लगने लगता है कि क्रिप्टो भविष्य के लिए बेहतर है, तो आप अपने-आप उसके लिए तैयार हो जाएंगे.

एक बार अपना मन बना लेने के बाद, आपको यह चुनना होगा कि आप किस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं और कितना पैसा लगाना चाहते हैं. Bitcoin और Ethereum जैसे लोकप्रिय विकल्पों को तो देखें ही, लेकिन उन कॉइन पर भी नज़र रखें जो लोकप्रिय हो चुके कॉइन की तुलना में शानदार छलांग लगाने की क्षमता रखते हैं.

पैसे निवेश करने के लिए, सबसे पहले आपको भारत में किसी क्रिप्टो एक्सचेंज सेवा के साथ साइन अप करना होगा और KYC प्रोसेस को पूरा करना होगा. इसके बाद, अपना पहला क्रिप्टो खरीदने के लिए अपने बैंक से उस एक्सचेंज में फंड ट्रांसफर करना होगा. इसके लिए, हम बिटकॉइन एक्सचेंज ऐप ZebPay को इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह देश के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टो एक्सचेंज में से एक है.

ZebPay ऐप से कर सकते हैं निवेश
ZebPay, सबके लिए आसान और व्यवस्थित ऐप है, इसमें कुछ ऐसी खास विशेषताएं भी हैं जो इसे इस्तेमाल करने का सुझाव देने के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बनाती हैं. उदाहरण के लिए ZebPay Earn को ही लें. यह सुविधा क्रिप्टो को होल्ड करने और उसे आसानी से अर्जित करने की अनुमति देती है – लगभग उसी तरह जैसे क्रिप्टो सेविंग पर ब्याज दर प्राप्त करना. आपके पास मौजूद कॉइन के हिसाब से रिटर्न की दर 1% से 7.5% के बीच बदलती है. सचमुच, क्रिप्टो को पाना इतना आसान कभी नहीं रहा.

क्रिप्टो में पहली बार निवेश करने वालों के लिए जानने योग्य बातें
एक अतिरिक्त संसाधन के रूप में, पहली बार निवेश करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें.

1. शुरुआत में अपने पोर्टफोलियो की एक छोटी सी राशि क्रिप्टोकरेंसी में लगाएं. आप उतनी ही राशि लगाएं जिसके नुकसान का जोखिम उठा सकते हैं, उससे अधिक न लगाएं.

2. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश शुरू करने के लिए आपको हजारों रुपये की ज़रूरत नहीं है. एक्सचेंज आमतौर पर INR 100 जितना कम निवेश शुरू करने का विकल्प प्रदान करते हैं. इस तरह, आप पूरे कॉइन के बजाय बिटकॉइन जैसे किसी भी क्रिप्टो का एक अंश खरीद सकते हैं.

3. सरकार के बदलते नियमों और खबरों पर नजर रखें. हालांकि, भारत में क्रिप्टो पर पाबंदी बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम नहीं है, फिर भी इसके नियमन के संबंध में बहुत सारी परस्पर विरोधी बातें हो सकती हैं. लेटेस्ट जानकारी पाते रहने के लिए सही ग्रुप, फोरम और समाचार स्रोतों को फॉलो करें.

4. इस बात को याद रखें, यह इतना अच्छा कि इस पर यकीन करना मुश्किल है. कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज, एक ओर जहां दिमाग को सुन्न कर देने वाले रिटर्न बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम देते हैं, वहीं अगर क्रिप्टोकरेंसी क्रैश हो जाती है, तो आप एक ही बार में सब कुछ खो देते हैं. ZebPay जैसे जाने-माने क्रिप्टो एक्सचेंज से जुड़े रहें.

हम क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में कदम रखने के लिए आपको शुभकामनाएं देते हैं. हम जल्द ही, एक सफल क्रिप्टोकरेंसी निवेशक बनने से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी शेयर करेंगे. इसलिए, हमारे साथ बने रहें और अपनी नजरें जमाए रखें.

डिसक्लेमर: क्रिप्टोकरेंसी अनियमित डिजिटल एसेट हैं, यह वैध मुद्रा नहीं हैं. इनका पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गांरटी नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश या बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम ट्रेड करना बाजार जोखिमों और कानूनी जोखिमों के अधीन है.

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Cryptocurrency: 1.5 करोड़ भारतीय कर रहे हैं Trading; जानिए क्या है इससे जुड़े नफा-नुकसान

पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली भारतीय निवेश में 612 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

पिछले साल अप्रैल में एक क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 12000 रुपये थी जो अभी 25000 रुपये के स्तर पर है। एक साल में इस प्रकार के रिटर्न को देखते हुए ही भारतीय निवेशकों का रूझान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर साफ देखा जा सकता है।

नई दिल्ली, राजीव कुमार। पिछले साल अप्रैल में एक क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 12,000 रुपये थी जो अभी 25,000 रुपये के स्तर पर है। एक साल में इस प्रकार के रिटर्न को देखते हुए ही भारतीय निवेशकों का रूझान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर साफ देखा जा सकता है। पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली भारतीय निवेश में 612 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। ब्लाकचेन एनालिटिक्स फर्म चेनएनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल क्रिप्टो बाजार में भारतीयों का निवेश 92.30 करोड़ डालर का था जो एक साल में बढ़कर 6.6 अरब डॉलर हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक डेढ़ करोड़ भारतीय फिलहाल क्रिप्टो की ट्रेडिंग करते हैं।

अमेरिका में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करने वालों की संख्या 2.3 करोड़ है तो ब्रिटेन में सिर्फ 23 लाख लोग इसमें ट्रेडिंग करते हैं। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार का रुख अब भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। पिछले दो साल से सरकार के अंदर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। पहले सरकार क्रिप्टो को प्रतिबंधित करने के लिए बिल लाना चाहती थी, लेकिन अब क्रिप्टो को नियंत्रित करने की बात चल रही है।

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तीन साल पहले आरबीआइ ने बैंकों के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर रोक लगाई थी। हालांकि, इससे सुप्रीम कोर्ट सहमत नहीं था। 19 जून से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में भी क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित बिल लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी एक कार्यक्रम में इसका संकेत दिया था कि क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा। जाहिर है सरकार कहीं न कहीं क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नए सिरे से कानून लाना चाहती है।

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क्या है क्रिप्टोकरेंसी

यह एक तरह की डिजिटल करेंसी है। दुनिया में सैकड़ों तरह की क्रिप्टोकरेंसी हैं। भारत में मुख्य रूप से दस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार होता है। इसमें बिटकाइन, एथेरियम, डोजे, पोल्काडाट, बिनानसे और ट्रोन नामक क्रिप्टोकरेंसी अधिक प्रचलित हैं। क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त पूरी तरह से क्रिप्टो एक्सचेंज पर होती है। भारत में क्रिप्टो कारोबार को संचालित करने के लिए छह प्रमुख एक्सचेंज हैं। इनमें वजीरएक्स, कायनडीसीएक्स, कायनस्वीच कुबेर, यूनोकायन, जेबपे और बाइयूकायन शामिल हैं। क्रिप्टो की खरीदारी के लिए एक्सचेंज पर जाकर आनलाइन एकाउंट खुलवाना होता है, जिसके लिए मात्र 100-200 रुपये का शुल्क लगता है।

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क्या हैं जोखिम

दूसरे देशों की कई कंपनियां क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान स्वीकर कर रही हैं, लेकिन इनकी संख्या बहुत ही कम है। अन्य करेंसी की तरह क्रिप्टोकरेंसी कोई वैधानिक करेंसी नहीं है। कोई सरकार इसकी गारंटी नहीं लेती है। शेयर बाजार में जब किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो वह कंपनी उस शेयर की गारंटी देती है और एक्सचेंज के नियामक के रूप में सरकारी एजेंसी काम करती है, बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं होता है।

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फिर भी है आकर्षण

निवेश विशेषज्ञों के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से डिजिटल रूप में है इसलिए नौजवानों को आकर्षित करती है। सोने और प्रापर्टी में निवेश करने के बाद उसकी असलियत को लेकर दुविधा बनी रहती है। ज्वैलर्स नकली सोना भी दे सकता है। क्रिप्टो की असलियत जांचने की जरूरत नहीं है। काफी कम समय में मोटे रिटर्न की उम्मीद होती है। हालांकि विशेषज्ञ इस बात को लेकर भी चिंता जता रहे हैं कि इस साल फरवरी में कुछ क्रिप्टो की कीमत 45,000 रुपये थी जो अभी 25,000 रुपये के स्तर पर है। ऐसे में 45,000 वाले क्रिप्टो को खरीदने वाले को फिलहाल घाटा ही है।

Gold vs Crypto: क्रिप्टो या गोल्ड में निवेश के लिए कौन बेहतर? जानें कहा पैसा लगाना फायदे का सौदा

क्रिप्टोकरेंसीज

Gold vs Crypto: अगर आप भी गोल्ड और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने को लेकर कंफ्यूज हैं तो हम आपको बता रहे हैं बिटक्वाइन . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 23, 2022, 08:00 IST

हाइलाइट्स

कई लोग बिटकॉइन को “डिजिटल गोल्ड” भी कहते हैं
क्योंकि इसका भी दूसरे एसेट से कोई खास संबंध नहीं है.
क्रिप्टोकरेंसी ने कई निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है.

नई दिल्ली. Gold vs Crypto: पिछले कुछ वर्षों में निवशकों का रूझान तेजी से क्रिप्टोकरेंसीज तरफ बढ़ा है. निवेशक अपने पोर्टफोलियो में इसे शामिल कर रहे हैं. आमतौर पर अधिकतर निवेशक क्रिप्टो में निवेश को गोल्ड में निवेश की तरह लेते हैं. सोने में निवेश ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है लेकिन गोल्ड की चमक को कम करते हुए, क्रिप्टोकरेंसी ने गोल्ड से भी बेहतर रिटर्न दिया. और, यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी ने कई निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है.

भारत में, धनतेरस पर सोना खरीदना कुछ बहुत ही सामान्य है क्योंकि पीली धातु धन, सुरक्षा और वित्तीय कल्याण का प्रतीक है। लेकिन अकेले सोने को निवेश के लिए बेहतर नहीं माना जा सकता है. कई लोग बिटकॉइन को “डिजिटल गोल्ड” भी कहते हैं, क्योंकि इसका भी दूसरे एसेट से कोई खास संबंध नहीं है.बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम

बिटकॉइन ने दिया अच्‍छा रिटर्न
बीते कुछ सालों से और खासकर कोविड काल में सोना ने अच्‍छा रिटर्न दिया है. सुरक्षित निवेश‍ विकल्‍प के तौर पर इसे खूब पसंद किया गया है. लेकिन इस बीच बिटकॉइन ने तो इससे भी ज्‍यादा रिटर्न दिया है. यही कारण है कि अब लोग बिटकॉइन में ज्‍यादा से ज्‍यादा निवेश करने में द‍िलचस्‍पी भी ले रहे बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम हैं. लेकिन बिटकॉइन में निवेश को लेकर अपने जोखिम भी हैं.

जानिए कब किसमें आई कितनी बढ़त
19 अक्टूबर, 2017 की दिवाली पर बिटकॉइन में 312.5% ​​की बढ़त देखी गई, जबकि सोने में 29.5% की वृद्धि देखी गई. इसके अलावा, 6 नवंबर, 2018 को दिवाली पर, बिटकॉइन ने 196.3% की बढ़त दर्ज की, जबकि सोने में 36.1% की वृद्धि हुई, हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि 2017 की तुलना में अभी बिटकॉइन से ज्यादा गोल्ड बढ़त दर्ज की गई. 27 अक्टूबर, 2019 को आयोजित दिवाली पर, बिटकॉइन और गोल्ड दोनों ने अपने लाभ में क्रमशः 99.9% और 11% की कमी देखी. हालांकि, दिवाली 2019 के दौरान, बिटकॉइन ने अभी भी बेहतर प्रदर्शन किया है.

बिटकॉइन और गोल्‍ड में अंतर व समानता
कानूनी प्रावधान, पारदर्शिता और सुरक्षा की बात करें तो क्रिप्‍टोकरेंसी की तुलना में सोना बहुत आगे है. सोना और क्रिप्टोकरेंसी को हासिल करना आसान नहीं है. मार्केट में दोनों ही निवेश विकल्‍प की लिक्विडिटी अच्‍छी है. हालांकि, गोल्‍ड की तुलना में देखें तो क्रिप्‍टोकरेंसी में ज्‍यादा उठा-पटक देखने को मिलता है. सोन बहुत लंबे समय तक निवेश का साधन बना हुआ है. जबकि, क्रिप्‍टोकरेंसी अभी बहुत नया है.

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चीन की सख्ती के बाद क्रिप्टोकरेंसी में हलचल, अब भी 1 बिटक्वाइन 31 लाख रुपए के बराबर

क्रिप्टोकरेंसी पर चीन सरकार की सख्ती बढ़ गई है। दरअसल, चीन बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम के पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने क्रिप्टोकरेंसी से लेनदेन को अवैध करार दिया है। इस खबर के बाद मुख्य क्रिप्टोकरेंसी-बिटक्वाइन, ईथर, डॉगकोइन के भाव.

चीन की सख्ती के बाद क्रिप्टोकरेंसी में हलचल, अब भी 1 बिटक्वाइन 31 लाख रुपए के बराबर

क्रिप्टोकरेंसी पर चीन सरकार की सख्ती बढ़ गई है। दरअसल, चीन के पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने क्रिप्टोकरेंसी से लेनदेन को अवैध करार दिया है। इस खबर के बाद मुख्य क्रिप्टोकरेंसी-बिटक्वाइन, ईथर, डॉगकोइन के भाव में बड़ी गिरावट आई है।

क्या कहा बैंक ने: चीन के सेंट्रल बैंक ने बताया है कि वित्तीय संस्थानों, भुगतान कंपनियों और इंटरनेट फर्मों को क्रिप्टोकरेंसी से लेनदेन पर रोक लगा दिया जाएगा। इसके साथ ही इस तरह की गतिविधियों से होने वाले जोखिम की निगरानी बढ़ाने की योजना है। चीन के सेंट्रल बैंक की ओर से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ये पहला सख्त फैसला है। इससे पहले, चीन की स्टेट काउंसिल या कैबिनेट ने मई के महीने में वित्तीय जोखिमों को दूर करने के प्रयासों के तहत क्रिप्टो माइनिंग और ट्रेडिंग पर नकेल कसने को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी।

क्रिप्टोकरेंसी धड़ाम: इसके बाद बिटक्वाइन की कीमत में 4.6 फीसदी तक की गिरावट आई है। इसकी वैल्यू भारतीय रुपये के हिसाब से करीब 31 लाख है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर की कीमत में भी करीब 8 फीसदी की गिरावट आई है। आपको बता दें कि भारत में भी निवेशकों की दिलचस्पी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बढ़ रही है। हालांकि, केंद्रीय रिजर्व बैंक इस करेंसी को लेकर आशंकित है।

बीते दिनों आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि हम क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंतित है। हमने भारत बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम सरकार को इस चिंता से अवगत भी करा दिया है। अब इस पर सरकार को फैसला करना है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी: ये डिजिटल मुद्रा है, इसे आप न तो छू सकते बिटकॉइन ट्रेडिंग का जोखिम हैं और न ही देख सकते हैं। मुख्यतौर पर इसे ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के जरिए इस्तेमाल किया जाता है। इस करेंसी पर किसी भी देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण नहीं होता है।

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